दही से बवासीर का इलाज – होमोराइड गुदा-नाल में पायी जाने वाली वाहिकाओं की वे संरचनाएं होती हैं जो मल नियंत्रण में सहायता करती है जब वे बड़े हो जाते हैं या सूज जाते हैं तो वे रोगजनक हो जाते है तथा उसे ही बवासीर कहते हैं
बवासीर या पाइल्स एक भयानक रोग होता है बवासीर के दो प्रकार होते हैं आम भाषा में इसको खूनी और बादी कहा जाता है कहीं-कहीं पर इसे महेशी के नाम से भी जाना जाता है
बवासीर रोग कुछ व्यक्तियों में पीढ़ी दर पीढ़ी पाया जाता है अतः अनुवांशिकता इस रोग का एक मुख्य कारण हो सकता है कुछ व्यक्ति जिन्हें अपने रोजगार की वजह से घंटों खड़ा होना पड़ता है
जैसे बस कंडक्टर, पोस्टमैन, ट्रैफिक पुलिस या फिर जिन लोगों को भारी वजन उठाना पड़ता हो जैसे कि कुली या मजदूर आदि
ऐसे लोगों में बवासीर होने की संभावना काफी अधिक रहती है इसकी शुरुआत होने पर मलाशय में लगातार जलन और सूजन होने लग जाती है बवासीर होने पर मांसपेशियों में सूजन रहती है
जिससे रह-रह कर जलन पैदा हो सकती है यही सूजन ही शरीर में दर्द और परेशानी का कारण बनती है
बवासीर होने पर व्यक्ति को उठने बैठने में भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है बवासीर की समस्या काफी तकलीफदेह होती है लगभग 60 फीसदी लोगों को उम्र के किसी न किसी पड़ाव में बवासीर की समस्या का सामना करना पड़ता है
बवासीर से पीड़ित रोगी को सही समय पर इसका इलाज करना बेहद ज़रूरी होता है यदि समय पर रोगी इसका इलाज नहीं करता है तो इससे उसकी तकलीफ और भी ज्यादा बढ़ सकती है
इसी तकलीफ रोकने या कम करने के लिए व्यक्ति को इसके कुछ इलाज पता होने चाहिए
इसलिए आज हम दही से बवासीर का इलाज के बारे में विस्तार से आपको सारी जानकारियां देंगे जिससे कि यदि आप बवासीर की इस समस्या से पीड़ित हों भी तो हमारे इस आर्टिकल की मदद से आप इसका उचित इलाज करके ठीक हो सकें

अनुक्रम
दही से बवासीर का इलाज – Dahi se bavasir ka ilaj
जैसा कि आप सभी को पता ही होगा कि बवासीर होने का एक मुख्य कारण कब्ज़ भी होता है दही के सेवन से आप पेट में होने वाली कब्ज़ को दूर कर सकते हैं और इस तरह आपको बवासीर की समस्या से आराम मिल जाता है दही न सिर्फ दूध से बन्ने वाला एक पदार्थ है बल्कि यह दूध की तुलना में अधिक फायदेमंद भी होता है
दही के और भी अनेकों फायदे आपको अपनी लाइफ में देखने को मिलते होंगे जैसे दही मोटापा कम करने के लिए भी प्रभावशाली माना जाता है तथा यदि आप इसका नियमित सेवन करते हैं तो इससे आप आँतों और पेट की बिमारियों से भी दूर रहते हैं
दही में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है जिससे यह हमारे शरीर में हड्डियों के विकास, दांतों एवं नाखूनों की मजबूती और मांसपेशियों के सही ढंग से काम करने में भी मदद करता है
बवासीर होने पर यदि आप दही को अपने खाने में शामिल करते हैं तो इससे पाचन में बहुत अधिक सुधार होगा यदि किसी व्यक्ति को बवासीर रोग है तो दही का सेवन उसकी बवासीर को ठीक करने में बहुत ज्यादा लाभदायक सिद्ध होगा
दही का सेवन करने से आपका खाना जल्दी पच जाता है जिससे व्यक्ति को मल त्याग करने में भी काफी आसानी होती है जिससे उसके पेट में कब्ज की समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है तथा धीरे-धीरे रोगी का बवासीर भी ठीक होने लगता है
इसके अलावा आप आयुर्वेदिक, एलोपैथिक और होम्योपैथिक दवाइयों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं इन सबसे भी आप बवासीर का इलाज काफी अच्छी तरीके से कर सकते हैं और इसके अलावा यदि आप चाहें तो छाछ से भी बवासीर का इलाज कर सकते हैं
यदि आपको दही पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती है तो आप दही की जगह पर छाछ का भी प्रयोग कर सकते हैं आप चाहें तो रोजाना चार से पांच गिलास छाछ पी सकते हैं
क्योंकि दही और छाछ दोनों ही पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं ये तो था दही से बवासीर का इलाज, अब आगे हम बवासीर से जुड़ी कुछ अन्य बातों के बारे में भी कई आवश्यक जानकारियां प्राप्त करेंगे
दही खाने के फायदे – Dahi khane ke fayde
ऊपर हमने पढ़ा कि दही से बवासीर का इलाज कैसे किया जाता है बवासीर के इलाज के अलावा दही के और भी बहुत से फायदे हैं जिनके बारे में नीचे हम विस्तार से सारी जानकारियां प्राप्त करेंगे
1) दही पाचन शक्ति को बढ़ाता है
यदि आप दही का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो इससे आपको बहुत से फायदे हो सकते हैं क्योंकि दही के नियमित सेवन को शरीर के लिए अमृत के सामान माना गया है यह कमजोरी और खून की कमी को दूर करता है दूध जब परिवर्तित होकर दही का रूप ले लेता है तो उसकी शर्करा अम्ल में बदल जाती है
इससे शरीर के पाचन में मदद मिलती है तथा जिन लोगों को भूख कम लगती है दही का सेवन उनके लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है
2) वजन घटाने में मददगार होता है दही
दही में अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है कैल्शियम एक ऐसा तत्त्व है जो शरीर को फूलने नहीं देता और जिससे दही के सेवन से आप अपने वजन को नियंत्रित रख सकते हैं
3) दही रोग- प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है
यदि आप हर रोज एक चम्मच दही खाते हैं तो इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है इसमें मौजूद बैक्टीरिया हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं
4) हड्डियों को मजबूत बनाता है दही का सेवन
दही में कैल्शियम की मात्रा अधिक होने के कारण यह व्यक्ति के शरीर में हड्डियों के विकास में काफी सहायक होता है
साथ ही इसका सेवन दाँतों और नाखूनों को भी मजबूत बनाता है जिससे मांसपेशियों को सही ढंग से काम करने में मदद मिलती है
5) दही का सेवन तनाव को कम करने में मदद करता है
दही खाने का सीधा सम्बन्ध मस्तिष्क से होता है आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो लोग दही का सेवन करते हैं उन्हें तनाव की शिकायत कम होती है
6) शरीर में उर्जा बढ़ाता है
यदि आप खुद को बहुत थका हुआ सा महसूस करते हैं तो हर रोज दही का सेवन आपके लिए बहुत अच्छा साबित हो सकता है यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है तथा एक नयी उर्जा प्रदान करता है
7) दही मुंह के छालों को सही करता है
दही की मलाई को यदि आप छालों पर दिन में दो से तीन बार लगाते हैं तो इससे आपके छाले दूर होते हैं दही और शहद को सामान मात्रा में मिलाकर खाने से भी मुंह के छाले दूर हो जाते है
8) उच्च रक्तचाप को भी कम करता है दही का सेवन
दही में ग्लूकोज मिलाकर खाते रहने से कुछ दिनों में आपका उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) ठीक हो जाता है औषधि सेवन-काल तक किसी और हानिकारक पदार्थ का सेवन न करें यदि दही खाने से आपको शरीर में अकड़न और आलस्य महसूस होती है तो इसकी जगह पर आप ग्लूकोजयुक्त चाय पी सकते हैं
9) दही चेहरे में होने वाले दाग-धब्बों को भी ठीक करता है
यदि आपकी त्वचा रुखी और काली हो गयी है, जगह-जगह पर दाग धब्बे पड़ गए हैं तथा मुहांसों से आपका चेहरा ख़राब होने लगा है तो ऐसे में उबटन की तरह दही से चेहरे पर मालिश करें
इसके अलावा आप दही में बेसन लगाकर भी चेहरे पर लगा सकते हैं तथा सूखने के बाद ठंढे पानी से धो लें, ऐसा करने पर आपके चेहरे का रंग साफ़ हो जाएगा
10) दही का सेवन कब्ज़ ठीक करता है
जिन लोगों को कब्ज की समस्या है दही का नियमित रूप से सेवन उनके लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है इसलिए कब्ज़ होने पर दही का सेवन करके अवश्य देखें
अब तक हमने दही से बवासीर का इलाज और दही के कुछ अन्य फायदों के बारे में भी पढ़ा अब आगे हम बवासीर के लक्षण, इसके कारण तथा बवासीर के कुछ अन्य इलाज के बारे में पढेंगे
बवासीर (Piles) के कारण – Bavasir Ke Karan
बवासीर ऐसी स्थिति है जो दुनिया भर में कई लोगों को प्रभावित करती है। ये सूजी हुई नसें गुदा के आसपास या निचले मलाशय में पाई जाती हैं, और विभिन्न कारकों के कारण हो सकती हैं। बवासीर के कई संभावित कारणों में शामिल हैं:
- मल त्याग के दौरान जोर लगाना: जब कोई व्यक्ति शौच करने के लिए दबाव डालता है, तो वे गुदा की नसों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं, जिससे उनमें सूजन आ जाती है। यह तनाव कठोर या दुर्लभ मल, कब्ज या दस्त के कारण हो सकता है।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान, बढ़ता हुआ गर्भाशय मलाशय और गुदा की नसों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिससे उनमें सूजन आ जाती है।
- मोटापा: अधिक वजन या मोटापा होने से गुदा और मलाशय की नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
- पुराना दस्त या कब्ज: यदि किसी व्यक्ति को पुराने दस्त या कब्ज हैं, तो मल त्याग करते समय उनमें खिंचाव होने की संभावना अधिक होती है, जिससे बवासीर का विकास हो सकता है।
- आहार: प्रोसेस्ड फूड्स, लो फाइबर, अधिक मिर्च मसाले का खाना अनहेल्थी फ़ूड जैसे आहार का सेवन करने से भी बवासीर होने की संभावना होती है।
- कब्ज: जब मल बहुत सख्त होता है या उसे पास करने में कठिनाई होती है, तो इससे खिंचाव हो सकता है और बवासीर हो सकता है।
- लंबे समय तक बैठना: लंबे समय तक बैठे रहने से मलाशय और गुदा में नसों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे बवासीर का विकास हो सकता है।
- भारी सामान उठाना: भारी सामान उठाने से मलाशय की नसों पर दबाव पड़ सकता है और बवासीर हो सकता है।
उपरोक्त कारणों के अलावा अन्य कारक जैसे उम्र बढ़ना, अनुवांशिकी और पुरानी खांसी भी बवासीर के विकास का कारण बन सकते हैं
बवासीर (Piles) के लक्षण – Bavasir Ke Lakshan
बवासीर के लक्षण कुछ इस तरह के होते हैं इन लक्षणों के बारे में हमने आपको नीचे बताया है
- शौच के समय खून आना
- मल द्वार के आस-पास कुछ गाँठ जैसा महसूस होना
- शौच करते समय दर्द का एहसास होना
- शौच के बाद भी पेट का भरा हुआ सा महसूस होना
- मल द्वार के आस-पास खुजली होना, लाल चकते पड़ जाना या फिर सूजन आ जाना आदि बवासीर के ही लक्षण होते हैं
यदि आप इन लक्षणों को अपने शरीर में देखते हैं तो जल्द ही किसी डॉक्टर को दिखाएँ तथा समय पर इसका इलाज कराएँ आप चाहें तो घर पर भी इसका इलाज कर सकते हैं जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया दही से बवासीर का इलाज तो आप दही का इस्तेमाल करके भी बवासीर से आराम पा सकते हैं
इसके अलावा आप आयुर्वेदिक और होम्योपेथिक इलाज भी करा सकते हैं अब ये आपकी मर्जी है कि आप कौन सा इलाज करना चाहते हैं
अन्य बवासीर के कुछ इलाज
बवासीर के लक्षण और कारणों को पढने के बाद अब आपका सवाल होगा कि बवासीर में क्या खाना चाहिए? तो इस सवाल के जवाब के लिए आपको हमारा पूरा आर्टिकल पढना होगा
हम पूरी कोशिश करेंगे कि बवासीर से जुड़ी जितनी भी जानकारियां आपके लिए आवश्यक है उन सभी के बारे में हम अपने इस आर्टिकल में आपको विस्तार से बताएं जिससे आपको बवासीर से जुड़ी किसी भी जानकारी को ढूंढने में समस्या न हो, तो आईये शुरू करते हैं बवासीर के कुछ अन्य इलाज
1) बवासीर के इलाज के लिए करें छाछ का प्रयोग
जिन लोगों को बवासीर की समस्या है उन्हें दही का सेवन सबसे अधिक करना चाहिए परन्तु यदि किसी को दही नहीं पसंद है तो वो दही के स्थान पर छाछ का भी प्रयोग कर सकता है
यदि आप दही या छाछ का सेवन करते है तो इससे आपका पाचन बेहतर होता है जिससे रोगी को मल त्याग करने में समस्या नहीं होती है तथा बवासीर की समस्या से जल्द छुटकारा मिल जाता है
2) बवासीर (पाइल्स ) के इलाज के लिए मसालेदार खाने से रहें दूर
बहुत से लोगों को मिर्च और चटपटा मसालेदार खाना बेहद पसंद होता है लेकिन बवासीर से ग्रस्त मरीजों को हरी या लाल मिर्च खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे रोगी की स्थिति और भी बदतर हो सकती है
बवासीर के रोगियों को बाहरी खाने से भी दूर रहना चाहिए क्योंकि होटल तथा रेस्टोरेंट में जो खाना मिलता है उसमे बहुत ज्यादा तेल और मसाला होता है जिससे व्यक्ति का पाचन बिगड़ने का खतरा बना रहता है साथ ही जो लोग मांसाहारी खाना खाते हैं
उन्हें भी मांस खाने से बचना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के भोजन को बनाने में सबसे ज्यादा तेल और मसाले का प्रयोग किया जाता है
3) बवासीर के इलाज के लिए फल, सब्जियों, सीरियल तथा ब्राउन ब्रेड जैसे रेशेयुक्त आहार का सेवन करें
जैसा कि आपका सवाल था कि बवासीर में क्या खाना चाहिए? तो बवासीर के रोगियों को हरी पत्तेदार सब्जियां तथा फल खाना चाहिए, क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में कई एंटी ऑक्सीडेंट और पोषक तत्व मौजूद होते हैं
पत्तेदार सब्जियों को खाने से पाचन बेहतर होता है बवासीर के मरीजों को पालक, पत्ता गोभी, शतावरी, फूलगोभी खीरा, गाजर, प्याज आदि सब्जियों का सेवन ज़रूर करना चाहिए
इसके अलावा बवासीर के रोगी सीरियल, तथा ब्राउन ब्रेड जैसे रेशेयुक्त चीजों का भी सेवन पर्याप्त मात्रा में कर सकते हैं
4) बवासीर के इलाज के लिए नशे तथा शराब से रहें दूर
नशा करना या शराब का सेवन करना बवासीर के रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है जो लोग सुपारी, गुटखा, पान मसाला आदि का सेवन करते हैं उन्हें इन सभी चीजों से बचना चाहिए
बवासीर रोगियों को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि नशे की लत हो जाने पर कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि बिना नशा किए उनका पेट ही साफ नहीं हो पाता है ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को नशे या शराब की लत है तो उसमें बवासीर की स्थिति काफी गंभीर हो सकती है
5) बवासीर के इलाज के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कम करें
बवासीर होने पर दूध, पनीर और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल आपके शरीर में कब्ज़ की समस्या उत्पन्न कर सकता है हालांकि आम तौर पर तो डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से कब्ज़ की समस्या नहीं होती है
परन्तु बवासीर होने के कारण डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने से आपको कब्ज़ हो सकती है
और जैसा कि आपको पता ही होगा कि कब्ज़ बवासीर को और भी गंभीर बना सकती है इसलिए बवासीर में डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन न करें
डॉक्टर से सलाह
बीते कुछ समय से देखने में आ रहा है कि बवासीर एक आम समस्या बनती जा रही है. इस समस्या के कई कारण हो सकते है जिनमे आज के समय की दिनचर्या, खान पान और तनाव भी एक कारण है.
ऐसे में इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को सूझ बूझ से काम लेना चाहिए और अपनी समस्या को देखते हुए ही इलाज के लिए निर्णय लेना चाहिए. ऊपर दिए हुए सभी उपचार बवासीर के इलाज के लिए कारगर है और इसकी गंभीरता के हिसाब से उपचार निश्चित किया जाता है.
हालांकि बवासीर जैसी गंभीर और अधिक परेशान करने वाली बीमारी के उपचार के सही और सटीक निर्देशन के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
बवासीर के बारे में डॉक्टर से परामर्श करते समय, लक्षणों और किसी भी अन्य प्रासंगिक जानकारी के बारे में जरूर डिस्कस करें ।
लक्षणों और किसी भी अन्य प्रासंगिक जानकारी का विस्तृत विवरण प्रदान करके, डॉक्टर समस्या का ठीक से निदान कर सकता है। ट्रीटमेंट का सर्वोत्तम तरीका निर्धारित करने के लिए डॉक्टर के साथ सभी उपलब्ध विकल्पों पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है।
डॉक्टर से परामर्श करना यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि समस्या का ठीक से समाधान और उपचार होगा।
FAQ’s – दही से बवासीर (पाइल्स) का इलाज
सवाल : बवासीर कितने दिन तक रहता है?
जब रक्त का थक्का बन जाता है तो बवासीर काफी दर्द भरा हो सकता है फिर भी यह दर्द आम तौर पर 2 या 3 दिनों में कम हो जाता है परन्तु सूजन जाने में कुछ सप्ताह भी लग सकते हैं
सवाल : क्या बवासीर में दही खा सकते हैं?
जी हाँ, बवासीर में दही का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद होता है
सवाल : बवासीर क्यों होता है?
कब्ज़ के कारण व्यक्ति का पेट साफ नहीं होता है और मल त्यागने में जोर लगाना पड़ता है जिसकी वजह से बवासीर की समस्या हो जाती है
सवाल : दही से बवासीर का इलाज कैसे होता है?
दही के सेवन से आप पेट में होने वाली कब्ज़ को दूर कर सकते हैं और इस तरह आपको बवासीर की समस्या से आराम मिल जाता है
सवाल : बवासीर में कौन सी सब्जी नहीं खानी चाहिए?
बवासीर के रोगी मिर्च का सेवन न करें इसके अलावा राजमा, मसूर और बीन्स भी न खाएं
Conclusion
आज के हमारे इस आर्टिकल में हमने देखा कि दही से बवासीर का इलाज कैसे होता है इसके अलावा हमने दही के कुछ फायदे, बवासीर के लक्षण तथा इसके कारणों के बारे में भी पढ़ा
दही के अलावा बवासीर के कुछ अन्य इलाज के बारे में भी हमने विस्तार से पढ़ा, हम आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा ऊपर दी गयी सारी जानकारियां पसंद आई होंगी तथा ये जानकारियां आगे चल कर आपके काम भी आएंगी