बवासीर के कीड़े कैसे होते हैं : हम जब भी बवासीर की बात करते हैं तो यहां मानव शरीर के उस अंग को प्रभावित करता है, जहां से वह मल त्याग करता है अर्थात की यह सबसे ज्यादा बड़ी आंख एवं मलाशय को प्रभावित करता है
बहुत से लोग इसे फिशर (Fissure) या फिस्टुला (fistula) भी कहते हैं जो कि इसका ही एक अपरिवर्तनीय या बड़ा हुआ रूप होता है जो कि इससे भी ज्यादा दर्दनाक और पीड़ा देने वाला होता है
इस समस्या के दौरान मलद्वार के आसपास की रक्त वाहिनी में पानी भरने लगता है और वह फूलने लगती हैं जिससे कि कई बार उसकी ऊपरी भाग पर कट भी लग जाता है जो कि जलन के साथ ही मल त्यागने के समय बहुत तेज दर्द भी देता है
आज के बढ़ते युग में लगभग हर कोई इस बवासीर की समस्या से परेशान होने लग गया है क्योंकि अनुचित खानपान और अन हेल्थी लाइफस्टाइल के चलते यह बीमारी आम बनती जा रही हैं
तो आज के इस लेख में हम इन्हीं बवासीर के इलाज एवं बवासीर की बीमारी के बारे में कुछ जानकारी आपके साथ साझा करेंगे, इसके अलावा आज हम Bawasir Ke Kide Kaise Hote Hain इस विषय पर चर्चा करेंगे
यदि आप भी बवासीर के कीड़ो के बारे में विस्तार में जानना चाहते है तो इस लेख को शुरवात से अंत तक जरूर पढ़िए, क्यों की इस लेख के माध्यम से दी जानकारी आप को वर्तमान तथा भविष्य में जरूर उपयोगी साबित होगी

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बवासीर के कीड़े कैसे होते हैं | Bawasir Ke Kide Kaise Hote Hain
बहुत से लोगों में यह आशंका या रम होता है कि बवासीर की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ने पर इसमें कीड़े पड़ने लग जाते हैं लेकिन यह बहुत ही रेयर केस में ऐसा होता है
क्योंकि यह तब होता है जब की बवासीर का घाव बहुत ज्यादा बढ़ जाए और उस पर कोई मरहम पट्टी इत्यादि ना की जाए
बहुत से लोग इस बीमारी को छुपाते हैं जिससे कि कई बार ऐसी समस्याएं उत्पन्न होती है कि मल द्वार के बाहरी भाग पर यह बवासीर का घाव भरने लगता है और इसमें बैक्टीरियल आदि इंफेक्शन भी होने लगता है जिसे की बवासीर के कीड़े भी कहा जाता है
इस बवासीर के घाव पर पड़ने वाले कीड़े सामान्यता पैरासाइट या पिनवर्म होते हैं जो कि अपने जीवन के लिए किसी और पर निर्भर होते हैं
और इसी घाव से अपना पोषण भी प्राप्त करते रहते हैं, अगर समय रहते इनको खत्म ना किया जाए तो इनकी संख्या लगातार बढ़ती भी जाती है,
यह कीड़ों की समस्या छोटे बच्चों में ज्यादा देखी जाती हैं जो कि उनके मल के द्वारा शरीर से बाहर निकलते हुए भी देखे जा सकते हैं
क्योंकि निरंतर इनकी संख्या उस बवासीर के घाव पर बढ़ती जाती हैं जो कि मलद्वार के बाहरी भाग पर होता है
हालांकि यह दर्द तो नहीं देते परंतु बहुत ज्यादा खुजली के कारण हमारा मन कई बार ऐसे घाव पर खुजली करने का होता है और अगर ऐसा किया जाए तो यह और ज्यादा बढ़ जाता है और बाद में बहुत तेज दर्द और जलन भी उत्पन्न हो जाती है
बवासीर (पाइल्स) किन कारणों से होता है
बवासीर के होने के कही सारे कारण हो सकते है जिनके बारे में आप को पता होना बहोत जरूरी है सामान्यतया बवासीर होने के निम्नलिखित कारण है :
- बहुत ज्यादा गर्म और ऑयल युक्त खाने का सेवन करना
- पेट में भयंकर कब्जी होना एवं खाने का पूर्ण रूप से ना पाचन होना जिससे कि बड़ी आंत पर एवं छोटी आंत पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है
- बहुत ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर बैठे-बैठे कार्य करना और खासतर पर जो लोग ऑफिस वर्क करते हैं उन्हें इसकी समस्या अधिक रहती हैं
- बहुत ज्यादा फास्ट फूड एंड जंक फूड का सेवन करना और मार्केट में बनी ऑयल युक्त चीजों का ज्यादा सेवन करना
- हरी सब्जियों को इग्नोर करना
- गर्भावस्था के दौरान भी बवासीर होने की समस्या अधिकतर रहती है
- आमतौर पर यह बवासीर की समस्या उन पेशेंट को भी ज्यादा रहती हैं जो कि रोजाना बहुत सारी मेडिकल की दवाइयां लेते हैं, जिससे कि उनके शरीर में गैस बनती रहती हैं
- मनुष्य के गुदाद्वार के प्रारंभिक हिस्से में सूजन आने के कारण यह फोड़े फुंसी का रूप लेकर बवासीर में बदल जाता है और अन हाइजीन के कारण भी ऐसा हो सकता है
- बहुत ज्यादा गर्म भोजन या फिर ऐसा भोजन जिसकी प्रकृति गर्म होती है, का सेवन करने से भी बवासीर का खतरा बन जाता है, साथ ही मिर्च मसाला युक्त भोजन से भी यह समस्या हो सकती है जो कि वेजिटेरियन है
- जिन व्यक्तियों द्वारा अंडे एवं चिकन का प्रयोग अधिक मात्रा में करते हैं उनके भी यह समस्या हो सकती हैं क्योंकि इनकी प्रकृति गर्म होती है और शरीर में गर्मी उत्पन्न होने से भी बवासीर का खतरा बना रहता है
इस प्रकार से मुख्यता बवासीर होने के उपरोक्त कारण होते हैं जो कि ऊपर बताए गए हैं
कैसे पहचानें कि आपको बवासीर के कीड़े हैं
जैसा कि हम शुरुआत में ही बता चुके हैं कि बवासीर के कीड़ों की समस्या छोटे बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है जिन्हें की बवासीर हो रखा है और जब भी यह कीड़े पड़ते हैं तो मल त्याग के समय बाहर स्पष्ट तौर पर देखे जा सकते हैं
तो ऐसे पहचानने का सबसे आसान तरीका है कि जब भी कोई बच्चा या अधिक उम्र का व्यक्ति बार-बार अपनी गुदाद्वार के आसपास खुजली करने का प्रयास करता है एवं वहां पर घाव भी बन जाता है तो ऐसे में यह कीड़ों या बवासीर के कीड़े होने की पहली निशानी होती है
इन बवासीर के कीड़ों को मारने से पहले गुदाद्वार के बाहरी हिस्से में चल रही खुजली को दूर करने के लिए आप घरेलू उपाय के रूप में गाय के देसी घी को एक रूई के कॉटन में भरकर अपने गुदाद्वार के आंतरिक भाग में लगा ले जिससे कि खुजली कम होती है एवं वहां पर खुजलाने के कारण घाव भी नहीं पड़ता
यह बवासीर के कीड़े दिखने में एक छोटे धागे के समान होते हैं और जब मल त्याग किया जाता है तो उसमें यह तैरते हुए भी नजर आते हैं जो कि बिल्कुल Pinworm की तरह होते हैं
पाइल्स के कीड़े कैसे होते हैं
जब बवासीर के कारण गुदाद्वार या एनल एरिया के आसपास घाव पड़ना शुरू हो जाते हैं तो इससे इन बवासीर के कीड़ों का जन्म होता है एवं साथ ही जब इन कीड़ों द्वारा गांव पर अंडे दे दिए जाते हैं तो इनकी संख्या भी लगातार बढ़ती जाती है
बहुत तेज खुजली चलना है तथा बहुत तेज जलन होना इन बवासीर के कीड़ों की पहली निशानी होती है और खुजली करने के कारण यह घाव को बढ़ा भी देते हैं
हालांकि कुछ कीड़े बहुत ही ज्यादा छोटे होते हैं और पैरासाइट के आकार के होने के कारण यह कई बार नंगी आंखों से नहीं देखे जा सकते हैं, पर कई बार यह छोटे पिनवॉर्म आकार के होते हैं जो कि मल के साथ दिखाई देते हैं
बवासीर के कीड़ों से बचने के उपाय
इन बवासीर के कीड़ों से बचने के निम्नलिखित उपाय है :
- बार-बार एनल एरिया के आसपास हाथ लगाने से बचें
- गुदाद्वार के आसपास खुजली होने पर खुजलाने का प्रयास ना करें क्योंकि ऐसा करने से वहां पर खून भी आ सकता है और घाव भी पड़ सकता है
- सुबह उठने के बाद रोजाना हॉट बाथ टब में आधे घंटे के लिए बैठे जिससे कि एनल एरिया के आसपास की स्किन सॉफ्ट होती है एवं खुजली आदि नहीं चलती
- किसी अच्छे से एंटीसेप्टिक पाउडर का प्रयोग भी इन बवासीर के कीड़ों से बचने के लिए किया जा सकता है क्योंकि घाव पर यह पाउडर लगाने से खुजली नहीं चलती है एवं साथ ही यह कीड़े भी मर जाते हैं
- हल्के कपड़ों को पहन ने जो कि आपकी एनल एरिया के स्किन के कांटेक्ट में ना आए क्योंकि हैवी कपड़े पहनने से गुदाद्वार के पास खुजली का खतरा बना रहता है एवं जलन भी उत्पन्न हो सकती है
- इनसे बचने के लिए एक कॉटन बॉल को गाय के शुद्ध देसी घी में भिगोकर एनल एरिया के आसपास में धीरे-धीरे मालिश करें जिससे कि यह स्किन को ड्राई नहीं होने देगा, साथ ही खुजली भी नहीं होगी
- राख के पानी से गुदाद्वार की बाहरी स्किन को साफ करने से भी यह कीड़े ज्यादा नहीं फैलते हैं एवं इनकी मात्रा भी नहीं बढ़ती है
- एनल एरिया के आसपास हल्दी का लेप करके भी इन से बचा जा सकता है क्योंकि इसमें कई एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो कि इंफेक्शन के साथ साथ ही इसे बढ़ने से भी रोकते हैं
बवासीर के कीड़े खत्म करने के उपाय
इन बवासीर के कीड़ों से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं :
- सुबह उठने के बाद एलोवेरा के जूस का प्रयोग करें
- नीम के पत्तों एवं कच्ची हल्दी के जूस का प्रयोग करना भी अच्छा रहता है
- नीम की लकड़ी की छाल से बनाए गए लेप को एनल एरिया के बाहरी भाग में लगाएं और सूखने के बाद इसे गर्म पानी से धो लें
- सामान्य नमक की बजाय काले नमक का प्रयोग करें एवं छाछ के साथ इसे मिलाकर पिए
- काली मिर्च का सेवन करना भी इसमें लाभदायक होता है
- हल्दी को पीसकर गाय के देसी घी के साथ इसका लेप बनाकर एनल एरिया के बाहर ही भाग में जहां पर घाव पड़ा हुआ है, लगाए जिससे कि यह कीड़े खत्म हो जाएंगे
- पेट में कब्जी ना हो इसके लिए फाइबर युक्त भोजन एवं फल फ्रूट का सेवन करना चाहिए जैसे की सेव, पपीता, अनार इत्यादि को वरीयता देनी चाहिए
- एलोवेरा जेल के साथ हल्दी मिलाकर इसका एक गाढ़ा लेप तैयार कर लीजिए और नहाने से पहले इस का लेपन एनल एरिया के पास बवासीर के घाव पर कीजिए, साथ ही नहाने के समय इसे गर्म पानी से साफ कर दीजिए
- नारियल के तेल को गर्म करने के बाद इसमें एक कपूर की गोली मिलाकर इसका अच्छी तरह से पेस्ट बना लें और फिर रात को सोने से पहले हल्के हाथों से घाव पर मालिश करें जो कि बवासीर से हो रखा है
- मेडिकल साइंस में प्रयुक्त होने वाले कीड़े मारने की दवाई मेबेंडाजोल का प्रयोग किसके लिए किया जा सकता है
FAQs : Bawasir Ke Kide Kaise Hote Hain
सवाल : बवासीर के कीड़े कैसे होते हैं
यह आकार में बेहद छोटे होते हैं और कई बार नंगी आंखों से इन्हें देखना भी मुश्किल होता है, पर छोटे बच्चों के मल में जिनको बवासीर की समस्या होती हैं मे यह कई बार दिखाई देते हैं
सवाल : क्या बवासीर के कीड़ों से जलन भी उत्पन्न होती हैं
यह मलद्वार के ऊपरी श्लेष्मा झिल्ली पर खुजली का कारण बनते हैं और अगर इस पर खुजली कर ली जाए तो यह जलन भी उत्पन्न कर सकते हैं
सवाल : बवासीर होने का सबसे प्रमुख कारण क्या होता है
बहुत देर तक एक जगह बैठे रह कर काम करना और अन हेल्थी खानपान इस बवासीर का सबसे प्रमुख कारण है
सवाल : क्या मोटापे से युक्त व्यक्तियों को बवासीर का खतरा ज्यादा रहता है
ऐसा संभव है क्योंकि इस मोटापे के दौरान उनकी रक्त वाहिनीया फूल जाती हैं तो कई बार उनमें कट लगने के कारण यह बवासीर या फिस्टुला बन सकता है
सवाल : बवासीर की समस्या में सर्जरी या ऑपरेशन की नौबत कब आती है
अगर मलद्वार के पास स्थित रक्त वाहिनी बहुत ज्यादा कट जाए और उस से खून आना शुरू हो जाए तो ऐसे में सर्जरी या ऑपरेशन के द्वारा इसे वापस से जोड़ा जाता है और इस दौरान ऑपरेशन या सर्जरी की नौबत आ जाती हैं
सवाल : बवासीर में गर्म पानी किस प्रकार मदद करता है
हॉट बाथ टब लेने से एनल एरिया के आसपास की स्किन सॉफ्ट रहती है जिससे कि इस बवासीर के मस्से में ज्यादा दर्द नहीं रहता
Conclusion
आज के लेख में हम ने जाना बवासीर के कीड़े कैसे होते हैं, इसके अलाव यह जाना की बवासीर के कीड़े उन लोगों में उत्पन्न होते हैं जो बहुत देर तक बैठे रहते हैं, अधिक मात्रा में तले हुए मसालों का सेवन करते हैं, शराब या नशीली द्रवों का सेवन करते हैं, अनियमित खान-पान करते हैं और गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल समस्याओं से पीड़ित होते हैं।
यदि आप इन समस्याओं से पीड़ित हैं, तो आपको बवासीर के कीड़ों के उत्पन्न होने से बचने के लिए नियमित व्यायाम करना, फल और सब्जियों का सेवन करना, दूध और दूध से बनी चीजें खाना, प्राकृतिक चिकित्सा उपचार का सेवन करना आदि की सलाह दी जाती है।
इसके अलावा, अगर आपको बवासीर के लक्षण होते हैं तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए और इस बीमारी का इलाज इलाज करना चाहिए