90 Din Virya Bachane ke Fayde Aur Nuksan

90 Din Virya Bachane ke Fayde :  आज आयुर्वेद हो या मेडिकल साइंस हर जगह वीर्य को शरीर मैं बनने वाला एक अमूल्य पदार्थ बताया जाता है क्योंकि यह संतानोत्पत्ति के लिए आवश्यक स्पर्म को संचित रखता है

पर कई बार अनावश्यक रूप से वीर्य नाश करने पर या इसका सही ढंग से उपयोग ना करने पर शरीर पर इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं जैसे कि शरीर का कमजोर हो जाना एवं अन्य आंतरिक शरीर से संबंधित बीमारियां इत्यादि

आज के इस बढ़ते हुए इंटरनेट के संसार ने बहुत सी चीजों को आसान बना दिया है एवं बहुत बुरी आदतें भी युवाओं को लग चुकी है जिनसे कि वह अनावश्यक वीर्य नाश करते हैं और उनकी जिंदगी बहुत ज्यादा कठिन और दुभर हो जाती है

आज के इस लेख में हम इस वीर्य के संचित होने से शरीर में होने वाले फायदों के बारे में चर्चा करने वाले हैं साथ ही आज के इस लेख का हमारा मुख्य विषय रहेगा Virya Rokne Ke Fayde

पर एक और जहां इस को रोकने के फायदे हैं तो वहीं दूसरी और बहुत अधिक दिनों तक इसे संचित करने के नुकसान भी होते हैं तो इस लेख में हम वीर्य रोकने के नुकसान के बारे में भी चर्चा करेंगे

 

90 Din Virya Bachane ke Fayde Aur Nuksan
Virya Bachane ke Fayde

 

90 Din Virya Bachane ke Fayde Aur Nuksan

हम जब भी हिंदू शास्त्रों को देखते हैं तो उसमें प्राचीन ऋषि मुनि कई कई सालों तक इस वीर्य को संचित रखते थे और उनके अनुसार यह असीम शक्ति का भंडार माना जाता है

परंतु आज के युग में इसे संचित रखना हर किसी युवा के लिए ना के बराबर हो चुका है क्योंकि अनावश्यक गंदी एवं अश्लील फिल्मों द्वारा इसका नाश किया जाता है

इसे अपनाना तब और ज्यादा मुश्किल हो जाता है, जब कोई व्यक्ति गृहस्थ जीवन में होता है क्योंकि उस समय उसे संतानोत्पत्ति के अलावा अपने शारीरिक सुख के लिए भी इसका नाश करना पड़ता है

पर इस बात से मुकरा नहीं जा सकता कि इसे शरीर में संचित रखने के हजारों फायदे हैं और जिनको गिनाना भी असंभव है,पर हम कुछ मोटे मोटे फायदों की बात करें तो वह निम्नलिखित हैं

  • शरीर चुस्त दुरुस्त रहता है एवं कमजोरी नहीं आती है
  • इससे स्किन एवं सिर के बालों में भी सुधार आता है वे और ज्यादा घने और स्किन और ज्यादा चमकदार रहती है
  • चेहरे पर झुरिया नहीं आती है क्योंकि कम उम्र में भी कई बार वीर्य नाश के कारण चेहरा खराब होने लगता है
  • आंखों की कमजोरी दूर होती हैं और उन में धुंधलापन नहीं रहता है
  • वीर्य बचाने से शुक्राणुओं की संख्या, गति और गुणवत्ता में सुधार हो सकता है
  • अनिद्रा की समस्या भी दूर होती है एवं मानसिक तनाव भी कम होता है
  • वीर्य की बचत से स्वास्थ्यपूर्ण विवाहित जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है, जो सुख, समर्थता और भावुकता में सुधार कर सकता है
  • 90 दिन वीर्य बचाने से पुरुषों की प्रोस्टेट की स्वास्थ्य बनी रहती है, जो बाद में प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं की परेशानी कम करती है

 

वीर्य रोकने का मतलब क्या होता है (Virya Rokane ka Matlab)

सामान्य तौर पर वीर्य का किसी उचित प्रयोजन के लिए प्रयोग करना सही माना जाता है परंतु इसका नाश करना वीर्य नाश कहलाता है और इसी नाश को रोकना वीर्य को रोकना कहलाता है

उदाहरण के तौर पर आयुर्वेद में भी इस बात का समर्थन किया गया है कि कोई व्यक्ति वीर्य का उपयोग संतानोत्पत्ति के लिए कर सकता है परंतु हस्तमैथुन द्वारा इसका दुरुपयोग करना कदापि उचित नहीं है

पर आज के दौर में इसे रोकना बहुत ही कठिन हो चुका है क्योंकि अनेक माध्यमों द्वारा अश्लील चित्र किसी भी व्यक्ति को मोह लेते हैं और उसे वीर्य नाश करने के लिए मजबूर कर देते हैं

 

वीर्य बचाने के फायदे  (Virya bachane ke Fayde)

ऐसा प्रमाणित है कि वीर्य में कुछ पोषक तत्व ऐसे होते हैं जो कि शरीर में खून के द्वारा बनाए जाते हैं और उनके बनने की गति भी शरीर में धीमी होती हैं तो ऐसे में अगर लगातार वीर्य को शरीर से बाहर निकाला जाता है तो वह पोषक तत्व भी उसके साथ बाहर निकल जाते हैं

इसीलिए आप को वीर्य बचाना चाहिए, हम ने निचे वीर्य बचाने के फायदे बताये है जिसे एक बार जरूर पढ़ लीजिये

  1. व्यक्ति की आंखों की रोशनी को सही करने में मदद करता है
  2. खोए हुए आत्मविश्वास को लौटाने में मदद करता है
  3. चेहरा चमकदार एवं ओजस्वी बनता है
  4. आत्मविश्वास के द्वारा हड़बड़ाहट कम होते हुए वाणी में भी ओज दिखाई देता है
  5. शारीरिक दुर्बलता कम होती है, शरीर फिट रहता है
  6. हड्डियों एवं मांसपेशियों में अनावश्यक दर्द कम होता है
  7. किसी कार्य के प्रति रुचि रहती हैं और उसे पूरा करने का जुनून भी बना रहता है
  8. उल्टे सीधे विचारों से मुक्ति मिलती है जैसे कि सुसाइड इत्यादि
  9. बालों को जल्दी सफेद होने से रोकता है, साथ ही उन्हें मजबूती प्रदान करता है जिससे कि वह झड़ते भी नहीं है
  10. संभोग के समय में वर्द्धी होती हैं एवं संतानोत्पत्ति में भी लाभ मिलता है

 

वीर्य बचाने के नुकसान (Virya Bachane ke Nuksan)

आयुर्वेद में तो इसे रोकने के कोई नुकसानो के बारे में चर्चा नहीं की गई है परंतु मेडिकल साइंस में कुछ नुकसान बताए गए हैं जो कि निम्नलिखित हैं :

  1. बहुत दिनों तक इसका संचय करने पर क्वालिटी खराब होती है और क्वांटिटी पर भी असर पड़ता है
  2. इससे लिंग में सूजन एवं दर्द भी उत्पन्न हो जाता है
  3. पेशाब करते समय जलन होने लगती है
  4. पेशाब के साथ सफेद पानी एवं कई बार वीर्य भी पड़ने लगता है
  5. इससे मूत्राशय में सूजन एवं दर्द भी उत्पन्न हो जाता है
  6. बहुत दिनों तक संचित रहने के कारण यह नाईट फॉल द्वारा भी बाहर निकल जाता है, जिससे कि कई बार परेशानियां होती हैं और स्वप्नदोष की बीमारी भी लग जाती है
  7. हर वक्त किसी के बारे में सोचना पड़ता है, जिससे कि अन्य कामों में मन कम लगता है
  8. मानसिक तनाव में कभी कबार वर्द्धि होती हैं एवं स्ट्रेस भी होता है

 

वीर्य बचाने के तरीके (Virya Bachane ke tarike)

आज के बढ़ते हुए इंटरनेट के युग ने इसे और भी ज्यादा कठिन बना दिया है और कई बार आज के युवाओं को नोफैप चैलेंज लेकर इसे बंद करना पड़ता है

पर यहां कुछ ऐसे तरीके हम आपको बता रहे हैं जिनका उपयोग करके आप इसे रोक सकते हैं :

  • ज्यादा से ज्यादा सोशियल होने की कोशिश करें
  • अकेले समय ना बिताई
  • कोई अच्छी सी किताब या धार्मिक ग्रंथ पढ़े
  • अश्लील कंटेंट एवं अश्लील चलचित्र को ना देखें एवं इनसे बचने का प्रयास करें
  • शुद्ध सात्विक आहार का सेवन करते हुए पूरा दिन व्यतीत करें
  • प्रत्येक दिन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करें एवं पूरे दिन में उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने आपको बिजी रखें
  • सुबह जल्दी उठकर योगा एवं व्यायाम को महत्वता प्रदान करें
  • सुबह रनिंग करने की आदत डालें जिससे कि आपकी मांसपेशिया और शरीर खुल जाए
  • अपने पार्टनर के साथ कुछ बातें शेयर करें और संभोग की प्रक्रिया से बचे

 

वीर्य रोकने के सावधानियां

वीर्य को रोकने समय कुछ सावधानी रखें जैसे कि बिना वजह वीर्य नाश ना करें जब तक की बहुत ज्यादा जरूरी ना हो जाए जैसे कि संभोग या संतानोत्पत्ति इत्यादि

अगर शुरुआती समय में टेस्टीकल्स या लिंग में दर्द रहता है तो डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि इसके पीछे कोई अन्य वजह भी हो सकती है

हर समय बस इसी के बारे में सोचने से बचें क्योंकि इससे आपके अन्य कार्यों पर भी प्रभाव पड़ता है और आप उन पर एक एफिशिएंसी के साथ कार्य नहीं कर पाते हैं

लगभग 90 से 100 दिनों बाद एक बार इसका शक्लन जरूर करें क्योंकि इससे इसकी क्वालिटी और क्वांटिटी पर असर पड़ता है

 

वीर्य बचाने के गलत धारणाएं

मेडिकल साइंस कुछ हद तक वीर्य नाश को इजाजत देती हैं, परंतु आयुर्वेद में इसे पूर्णता रोकने की बात कही गई है और जब तक ब्रह्मचारी आश्रम में कोई व्यक्ति रहता है तब तक तो उसे इसका पूर्णता संचय करना चाहिए

ऐसा माना जाता है कि इसे रोकने से तनाव बढ़ता है परंतु ऐसा नहीं है, यह हमें किसी कार्य को करने के लिए एक अलग ही प्रकार की ऊर्जा प्रदान करता है

यह भी कहा जाता है इस से  फोकस कम होता है परंतु इसे रोकने से फोकस ज्यादा बढ़ता है और आप किसी कार्य को करने में ज्यादा रुचि दिखाते हैं

इससे शरीर की कमजोरी दूर तो होती ही है साथ ही साथ मानसिक रूप से भी स्वास्थ्यता प्रदान होती है साथ ही साथ आत्मविश्वास में भी उन्नति होती है

संतानोत्पत्ति के लिए जब इसका प्रयोग किया जाता है तो आपको एक अच्छी संतान भी प्राप्त होती है जिसमें की आपके स्पर्म काउंट का एक अहम रोल होता है

 

90 दिन वीर्य रोकने से क्या लाभ और हानि होता है

वीर्य बचाने से कई सारे लाभ होते हैं, जैसे कि आपकी शारीरिक कमजोरी दूर होने के साथ साथ ही मानसिक रूप से भी आप मजबूत होते हैं

इसके अलावा बालों का झड़ना एवं आंखों की कमजोरी दूर होती है एवं आप अपने लक्ष्य पर एक ही रफ्तार से बढ़ते रहते हैं

पर बहुत अधिक दिनों तक इसे रोकने से कुछ नुकसान भी होते हैं जैसे कि लिंग में दर्द होना या सूजन आ जाना साथ ही पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना

कई बार टेस्टिकल्स में भी दर्द बना रहता है एवं उन में सूजन भी हो जाती है

ज्यादा दिनों तक वीर्य को रोकने से जब इसका शक्लन किया जाता है तो इसकी मात्रा अधिक की बजाय कम हो जाती है क्योंकि एक निश्चित समय के बाद यह शरीर में नष्ट होने लगता है

 

वीर्य बचाने के सुझाव

वीर्य रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझावों का उपयोग किया जा सकता है जो कि निम्नलिखित हैं  :

  • अपने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पाने के लिए अग्रसर रहें
  • रोजाना डेली बेसिस पर अपने गोल सेट करें और अपने पूरे दिन में अपने आपको बिजी रखें
  • अकेले रहने से बचें एवं सोशल होने की कोशिश करें
  • अपनी संगति का चुनाव सही ढंग से करें और उन व्यक्तियों के साथ उठना बैठना करें जो अच्छी बातों में विश्वास करते हो
  • अश्लील बातों को सुनने एवं अश्लील चित्रों को देखने से बचें
  • व्यायाम एवं योगा को अपने जीवन का एक अंग बना ले
  • अपने खाली समय में समय व्यर्थ करने की बजाए कोई अच्छी किताब या धार्मिक ग्रंथ को पढ़ना शुरू करें जैसे कि श्रीमद्भागवत गीता
  • स्ट्रेस कम करें अतिरिक्त तनाव और स्ट्रेस वीर्य की मात्रा को कम कर सकते हैं। समय पर आराम लेना, ध्यान और मनोरंजन बढ़ते स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है

 

वीर्य बचाने के आयुर्वेदिक उपाय (Virya Bachane ke Upay)

आयुर्वेद में वीर्य को बचानेके लिए एवं इसे बढ़ाने के कुछ उपायो का वर्णन किया गया है क्योंकि इसमें वीर्य के महत्व को समझा गया है और इसे जीवनदाता कहा गया है

  1. तरबूज के छिलकों को सुखाकर इसका सेवन करें
  2. सुबह उठने के बाद एलोवेरा एवं करेले के जूस का सेवन करें
  3. रोजाना एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण खाना खाने के कुछ समय बाद सेवन करें
  4. सोते समय केसर के दूध का प्रयोग करें और केसर को पीसकर दूध में मिलाकर पी ले
  5. रात को 5 बादाम भिगोकर सुबह इसके छिलके उतारकर इसे दूध के साथ पीसकर पिए
  6. अश्वगंधा, अश्वगंधा चूर्ण, सफेद मूसली, कौंच बीज, अमला इनका नियमित सेवन मर्दाना कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकती है

उप्पर दिए सभी आयुर्वेदिक उपाय कर के आप वीर्य की बचत कर सकते है

 

FAQs : 90 Din Virya Bachane ke Fayde

सवाल : वीर्य बचाने का सबसे बड़ा फायदा क्या होता है?

इसका सबसे बड़ा फायदा यह रहता है कि यह आपकी स्पर्म क्वालिटी और उसकी क्वांटिटी को बढ़ाने में मदद करता है

सवाल : क्या बहुत ज्यादा वीर्य नाश करने का कोई नुकसान है?

ऐसा करने पर आपको मानसिक एवं शारीरिक तौर पर बहुत सारे नुकसान हो सकते हैं जैसे की हड्डियों का कमजोर होना एवं स्मृति शक्ति कमजोर हो ना

सवाल : वीर्य को बचाने के लिए सबसे अच्छा उपाय कौन सा है?

इसके लिए ब्रह्माचार्य का पालन करना चाहिए और साथ ही योग आदि का भी सहारा लेना चाहिए

सवाल : आयुर्वेदिक उपाय के द्वारा किस प्रकार से वीर्य को रोका जा सकता है?

हल्दी एवं एलोवेरा का सेवन करके ऐसा किया जा सकता है जो कि आयुर्वेदिक उपाय के रूप में जाना जाता है

सवाल : क्या वीर्य नाश से शरीर दुबला पतला हो जाता है?

ऐसा सबके साथ तो नहीं होता पर बार-बार वीर्य नाश करने से हड्डियां एवं मांसपेशियां कमजोर पड़ने लग जाती हैं, साथ ही उनमें दर्द भी रहता है

सवाल : कोई पुरुष अधिकतम कितने दिनों तक अपने शरीर के भीतर वीर्य को रख सकता है?

किसी पुरुष द्वारा अधिकतम 100 दिनों के लिए वीर्य को रोका जा सकता है एवं साथ उसके उपरांत इसको बाहर निकालना ही चाहिए

सवाल : क्या बहुत ज्यादा दिनों तक वीर्य रोकने से उत्सर्जन तंत्र पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?

कई बार इसके कारण मूत्राशय में दर्द शुरू हो जाता है और साथ ही लिंग में भी दर्द रहता है

 

Conclusion

इस लेख के माध्यम से हमने देखा 90 Din Virya Bachane ke Fayde क्या हैं। वीर्य की सेहत को सुरक्षित रखने से स्वास्थ्य और जीवनशैली में सुधार हो सकता है। नियमित रूप से वीर्य बचाने से शरीर की ताकत बढ़ती है, स्वास्थ्य सुधरता है और यौन समस्याओं की संभावना कम होती है।

वीर्य बचाने के लिए सही आहार, व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने से वीर्य की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

हानिकारक कार्य जैसे हस्तमैथुन को कम करने से बचें और सही तरीके से वीर्य बचाएं ताकि आप एक स्वस्थ और सुखी जीवन जी सकें, उम्मीद करते है

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