पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान : हमारे शरीर के हर एक अंग हमारे जीवनशैली का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है उनमें से एक महत्वपूर्ण हिस्सा है पित्त की थैली हमारे भोजन के लिए बेहद जरूरी कार्य करता है
हम जब खाना खाते हैं तब वह भोजन को पित्त और संग्रह करता है और भोजन को पाचन करने के लिए बेहद जरूरी होता है पित्त की थैली। हम सब जानते हैं खाना और प्रोटीन हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है
और उन सब मे सबसे बड़ी भूमिका पित्ताशय की होती है जिसे हम पित्त भी कहते हैं। आपको बता दें शरीर के बाकी अंगो की बीमारियों की तरह पित्ताशय की बीमारियां भी होती है।
और कही बार पित्त की थैली निकालने की नौबत आ जाती हैं हम आपको पित्त से जुड़े सभी जानकारी से रूबरू करवाएंगे बतायेगें पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान क्या है और इनका इलाज़ क्या है और महत्वपूर्ण जानकारी बताने जा रहे है।
अनुक्रम
पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान – Pitta ki Thaili Nikalane ke Nuksan

पित्ताशय की थैली हटाने के साइड इफेक्ट – Pitta ki Thaili Hatane ke Side Effect
पित्ताशय की बीमारी बेहद कम लोगों को होती है और कही बार पित्ताशय की बीमारी जड़ से ठीक हो जाती है लेकिन इस बीमारी को आम बीमारी की तरह नही समझना चाहिए
क्योंकि पित्ताशय हमारे शरीर के बेहद जरूरी अंग है और पित्ताशय की वजह से हमारी पेट काफी स्वस्थ रहता है।
लेकिन अगर किसी भी व्यक्ति को पित्ताशय की बीमारी होती है और पित्त की थैली निकालने की स्थिति पैदा होने पर उन्हें पता होना चाहिए की पित्ताशय की थैली हटाने के साइड इफेक्ट क्या है
उसके बारे में अगर बात करे तो सबसे पहले आपको बता दें पित्त आपके भोजन और पेट मे पाचन क्रिया के दौरान पेट को स्वस्थ रखने का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है
इसीलिए पेट दर्द होता आम बात है। पित्ताशय की थैली हटाने के बाद आपको पेट दर्द होता है यह दर्द खाना खाने के बाद ज्यादातर होता है। क्योंकि पित्ताशय हटाने के बाद पाचन क्रिया में काफी बड़ा असर पड़ता है
जिसके कारण आपका भोजन पाचन क्रिया में थोड़ी परेशानी होती है उस वजह से भोजन के बाद दर्द होता है। नीचे आपको कुछ दर्द के कारण दिए गए हैं।
- भोजन के बाद पेट दर्द
पित्ताशय दरअसल भोजन के लिए बेहद जरूरी अंग होने के नाते पित्ताशय हटाने के बाद पेट दर्द होता है जो ज्यादातर खाना खाने के बाद होता है
इसकी वजह से भोजन पाचन क्रिया में बदलाव के कारण होता है क्योंकि पित्ताशय की थैली में भोजन पाचन क्रिया के दौरान जमा होता है
और पाचन शक्ति काफी मजबूत होती है उस वजह से आपका पेट स्वस्थ रहता है
लेकिन जब पित्ताशय की थैली हटा दी जाती है तब भोजन पाचन शक्ति काफी कमजोर हो जाती है जिसके कारण भोजन के बाद पेट दर्द होता है।
- कब्ज की समस्या
पित्ताशय की थैली हटाने के बाद मेटाबोलिज्म के प्रोसेस की समस्या होती है जिससे आम भाषा मे कब्ज की समस्या कहते हैं
यह समस्या तब होती है जब पित्ताशय की थैली हटाने के बाद पेट मे जाने वाला सही खाना पेट मे न जाने के कारण भी होता है
आपको बता दें पित्ताशय को थैली हटाने के बाद सर्जरी की दवाइयां डॉक्टर द्वारा दी जाती है जो काफी पावरफुल और असरकारक दवाइयां होती है
उस दवाओं का सेवन करने के कारण कब्ज की समस्या होती हैं। और कहि बाद लोग पित्ताशय की थैली हटाने के बाद खाने की चीज़ों में ध्यान नही रखते या कही बाद काफी हल्का खाना खाते हैं
जिससे शरीर मे जरूरी प्रोटीन नही मिलता इस अवस्था में आपको फाइबर युक्त भोजन और प्रोटीन से भरा भोजन लेना चाहिए साथ ही काफी भारी या बेहद हल्का भोजन नही लेना चाहिए।
पित्त की थैली में स्टोन का ऑपरेशन – Pitta ki Thaili ka Operation
आज के दौर में पेट की समस्या काफी बढ़ गई है देश भर में कई लोग पित्त की समस्या से परेशान हैं और कहि लोग पित्त की थैली की सर्जरी करवाने का रास्ता अपनाते है
लेकिन उससे पहले हर किसी के मन मे एक डर रहता है कि पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान क्या है क्या बाद में इस समस्या का समाधान होगा कि नही। इसे साथ ही आपको बता दें पित्त की थैली में स्टोर जैसी समस्या भी हो जाती है।
पित्त की थैली यानीके पित्ताशय की पथरी,पित्ताशय में मौजूद पाचन द्रव्य जो पित्ताशय में जमा होता है जो कही बाद कोलेस्ट्रॉल एंजाइम से पसार नही होता और एक जगह जमा हो जाता है
और पत्थर जैसा आकर ले लेता है जो पथरी का कारण बनता है। पित्त की थैली में स्टोन यानीके पथरी की समस्या कुछ लोगों को इतनी भयंकर होती है कि उसका ऑपरेशन करने का बाद ही ठीक होती है।
पित्त की थैली में स्टोन का इलाज़ – Gall bladder stone treatment
पित्त की थैली में स्टोन की समस्या से छुटकारा पाने का एक ही इलाज है सर्जरी।
यह समस्या ज्यादातर महिलाओं को होती हैं। आपको बेहद महत्वपूर्ण बात बता दें कि स्टोन को ऑपरेशन डॉक्टर के इलाज के बाद स्टोन रिपोर्ट पर आधारित हैं
क्योंकि रिपोर्ट में पाया जाने वाला स्टोन कितना बड़ा है ये दवाइयों से ठीक हो सकता है कि नही ये सब जानकारी रिपोर्ट तय करता है
क्योंकि कही बार स्टोन दवाओं से ठीक हो सकता है लेकिन स्टोन अगर बड़ा है तो उसको ऑपरेशन कर के निकलना पड़ता है
यह स्टोन अगर पेशाब की नसों में होती है तो दवाओं से ठीक हो जाती है लेकिन अगर स्टोन पित्त की थैली में है तो उसका ऑपरेशन होना जरूरी होता है।
पित्त के स्टोन के लिए दूरबीन द्वारा ऑपरेशन किया जाता है। या कही बाद तीन से पांच सेंटीमीटर का चीरा लगाकर स्टोन का इलाज किया जाता है।
पित्ताशय की थैली हटाने के बाद गर्भावस्था – pregnancy after gallbladder removal
गर्भावस्था के दौरान पित्ताशय की थैली की समस्या का ध्यान रखना काफी मुश्किल होता है
आपको बता दें गर्भावस्था स्थिति में महिलाओं के शरीर मे इस्ट्रोजन का स्तर काफी हद तक बढ़ जाता है जिसके कारण पित्ताशय अंग काफी प्रभावित होता है।
ऐसे में अगर पित्ताशय की थैली हटाने के बाद गर्भावस्था में सेहत का काफी ध्यान रखना पड़ता है किसी भी महिला पित्ताशय की थैली हटाने के बाद प्रेग्नेंट होती है तो उसके गर्भवस्था में मेडिकल हिस्ट्री की जांच की जाती है ताकी गर्भवस्था के दौरान होने वाले इलाज़ में काफी ध्यान दिया जाए।
पित्त की थैली का ऑपरेशन का खर्च – Pitta ki Thaili Nikalane ka kharcha
पित्त की समस्या ज्यादातर लोंगो को काफी परेशान करती है। इसका इलाज़ होना बेहद जरूरी है।
आपको बता दें अगर किसी भी व्यक्ति को पित्ताशय की थैली में पथरी की समस्या होती हैं या बार बार दवाइयां लेने से ठीक नही होती तो उसे गोल ब्लैडर से निकालने का सुजाव डॉक्टर देते है।
अगर पित्त की थैली के ऑपरेशन के खर्च की बात करे तो वह हॉस्पिटल और डॉक्टर पर निर्भय करता है।
अगर आपको सीधे तौर पर बताये तो पित्त की थैली का ऑपरेशन करवाने का ज्यादा खर्चा नही है। बाकी सर्जरी से काफी कम खर्चा होता है
जिनमे नर्सिंग होम में पित्त की थैली के ऑपरेशन के खर्चा दस हजार से बारह हजार का खर्चा होता है जो आज के दौर में यह काफी कम खर्चा है।
पित्ताशय की थैली हटाने के बाद व्यायाम
हमारे शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सा लिवर है और उसके नीचे पित्ताशय की थैली होती हैं जो एक बेहद जरूरी अंग होता है।
इसका काम पित्त को स्टोर करना और पेट को स्वस्थ रखना है इसके अलावा भोजन, आंत और बाकी पेट के हिस्सों के लिए महत्वपूर्ण कार्य पित्ताशय का होता है।
अब आपको बता दें पित्ताशय की थैली हटाने के बाद कैसे व्यायाम की जरूरत होती हैं। साफ तौर पर आपको कहे तो पित्ताशय की थैली हटाने के बाद व्यायाम से ज्यादा खाने पीने की चीज़ों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
डॉक्टर आपको सुबह हल्के योगासन करने का सुजाव दे सकते है जैसे कि सूर्यनमस्कार है, धूम में ध्यान करना जिससे हमारी बॉडी में नेचुरल तत्व मिल सके इसके अलावा ऐसे खाना पीना चाहिए जिससे व्यायाम हो सके और शरीर को भोजन भी मिल सके। ज्यादातर डॉक्टर तंदुरुस्त भोजन और पौष्टिक भोजन लेना का सुजाव देते है।
पित्त की थैली में स्टोन का ऑपरेशन कॉस्ट – Stone ke Operation ka cost
पित्त की थैली में होनेवाली स्टोन का ऑपरेशन ज्यादातर दूरबीन या लेजर ऑपरेशन से किया जाता है।
इसका इलाज़ शुरुआती दौर में दवाओं द्वारा होता है मतलब कि डॉक्टर आपको सबसे पहले दवाइयां देते हैं उसके मेडिकल रिपोर्ट करवाया जाता है।
नीचे दिए गए जानकारी में आपको बताया गया है कि कैसे ऑपरेशन किया जाता है और पित्त की थैली में स्टोन का ऑपरेशन के कोस्ट यानीके खर्च कितना होता है।
- एडवांस सर्जिकल
पित्त की थैली में अगर स्टोन की समस्या होती है तो उसका इलाज एडवांस सर्जिकल प्रोसेस से किया जाता है। इस इलाज़ को ज्यादातर काफी सफल माना जाता हैं। इस इलाज़ के खर्च की बात करे तो भारत में हर हॉस्पिटल या डॉक्टरों के पास अलग-अलग तरीकों से खर्च होता है।
- कोलेसिस्टेक्टोमी थेरेपी
इस इलाज को शॉकवेव थरेपी कहा जाता है। और ज्यादातर सर्जरी बेहतर विकल्प होता है पित्त की थैली में स्टोन का होनेवाला इलाज। अगर स्टोन तीस सेंटीमीटर से कम साइज का है तो डॉक्टर शॉकवेव थरेपी की मदद से ऑपरेशन करना का विकल्प चुनते हैं।
इस इलाज का खर्च रिपोर्ट पर निर्भय करता है और हॉस्पिटल पर डिपेंड करता है जानकारी के मुताबिक बाकी थरेपी की बराबरी में लेजर ऑपरेशन का खर्चा ज्यादा होता है
पित्त की थैली की पथरी की दवा – Gallstone medicine in Hindi
सबसे पहले अगर आपको बता दें कि पित्त की थैली में होनेवाली पथरी का मुख्य कारण क्या है इस समस्या कई कारण होते हैं कही बार पित्त की थैली की पथरी की इतनी बड़ी समस्या हो जाती है कि इसका ऑपरेशन और इलाज करवाना बेहद जरूरी हो जाता हैं।
और जब डॉक्टर पित्त की थैली में होनेवाली समस्या बढ़ जाती है और डॉक्टर पित्त की थैली निकालने का सुजाव देते हैं तो हर किसी के दिमांग में एक ही सवाल आता है कि जब पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान तो नही होता और इसकी इलाज़ और दवा क्या है।
आपको नीचे पित्त की थैली की पथरी के दवा के बारे में नीचे पूरी जानकारी दी गई है।
- मुंह ली जाने वाली दवाएं
पित्त की पथरी का इलाज़ पहले डॉक्टर मुँह ली जाने वाली दवाएं देते हैं। अगर पथरी का दर्द बहुत ज्यादा होता है तो कही बार पैन किलर की टेबलेट देते है
जो कुछ देर दर्द में राहत मिलती है लेकिन पित्त की थैली में होनेवाली पथरी का इलाज़ दवाओं से नही होता क्योंकि दवाओं से पित्त की पथरी ठीक होने में महीनों या सालो लग सकते है।
आपको बता दें मुँह से ली जाने वाली दवाओं से इलाज तब होता है जब आपकी पथरी सामान्य हो,या दवाओं से ठीक होने की स्थिति में हो।
- कोलेसिस्टेक्टोमी सर्जरी
पित्त की थैली में होनेवाली पथरी के लिए आपका डॉक्टर कोलेसिस्टेक्टोमी सर्जरी का सुजाव देता है, क्योंकि पित्त पथरी अक्सर दोबारा होने की संभावना होती है।
एक बार जब आपकी पित्ताशय की थैली को हटा दिया जाता है, तो पित्त आपके पित्ताशय में जमा होने के बजाय आपके यकृत से सीधे आपकी छोटी आंत में प्रवाहित होता है।
जिसके कारण पित्त की पथरी दोबारा होती हैं जिसके कारण पित्त की पथरी को ठीक करने का बेहतर विकल्प सर्जरी या ऑपरेशन के माध्यम से होनेवाला इलाज़ माना जाता हैं।
हमने आपको ऊपर बताये गए जानकारी के अलावा और कोई पित्त की पथरी की दवाओं से इलाज काफी कम होता है। साफ तौर पर इसका इलाज़ दवाओं के बदले ऑपरेशन ही बेहतर विकल्प है और इसके अलावा आपके इलाज़ करने वाले डॉक्टर पर निर्भय करता है कि आपका डॉक्टर किस तरह से आपका इलाज़ करता है।
पित्त की थैली में स्टोन के लक्षण – Symptoms of Gallstones in Hindi
कही बार लोग पित्त की थैली में होनेवाले स्टोन के लक्षणों से अंजान होते हैं। हम आपको बताएंगे कि जब पित्त की थैली में स्टोन होता है तो उसके लक्षण क्या है।
आपको सबसे जरूरी बात बता दे पित्त की थैली में होनेवाला स्टोन का इलाज होना बेहद जरूरी है और इसको नजरअंदाज करने से बड़ी समस्या हो सकती है
जैसे कि पित्त की थैली निकालने की भी नौबत आ सकती है और जब इसे समस्या बढ़ जाती है तो यह भी सवाल उठता है कि पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान होगा या क्या अपनी जीवनशैली में कभी दोबारा समस्या होगी कि नही।
पित्त की थैली में स्टोन के कुछ लक्षण नीचे दिए गए हैं।
- जोर से पेट दर्द
जब भी किसी व्यक्ति को पेट दर्द होता है तो दवाइयां लेने से ठीक हो जाता है जो नॉर्मल समस्या है लेकिन जब पित्त की थैली में होनेवाली (स्टोन)पथरी के कारण पेट दर्द होता है तो व्यक्ति काफी बेचैनी महसूस करता है और यह दर्द लगातार होता रहता है। यह दर्द पेट के बीचों बीच नही बल्कि दाई या बाई ओर होता है।
- पेट दर्द के साथ उल्टियां
स्टोन का दर्द आम दर्द से काफी गंभीर होता है और जब दर्द होता है तो कही बार मरीज़ को उल्टियां होती हैं। और कही बार पानी पीते ही उल्टियां होने लगती हैं। इस स्थिति में कही बार डॉक्टर आपको इंजेक्शन देता है जिससे पेट दर्द ओर उल्टियां बंद हो जाए।
- डायरियां
पेट की समस्या होने पर डायरियां होना आम बात है। लेकिन जब पित्त के स्टोन की समस्या होती है तब डायरियां जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं
यह इसलिए होता जब पेट मे भोजन सही से पाचन नही होता और पाचन शक्ति कमजोर हो जाती हैं। क्योंकि पित्त की समस्या से पाचन क्रिया में असर पड़ता है।
- एसिडिटी और उबकाई
पथरी (स्टोन) की जभी समस्या किसी भी व्यक्ति को होती है तो कुछ लोगों को शरुआती लक्षणों में एसिडिटी और उबकाई जैसे आम लक्षण होते है।
एसिडिटी की समस्या इसलिए होती हैं जब कब्ज की समस्या पेट मे होती हैं और यह समस्या पित्ताशय की थैली में जब स्टोन होता है
उसके कारण पेट में अस्वस्थ तत्वों पैदा होते है और पेट को द्रुसित बनाते हैं उस वजह से कब्ज की समस्या होती है और साथ ही एसिडिटी और उबकाई की तकलीफ होती हैं।
पित्त की थैली की समस्या में कैसी रखे सावधानियां – Precautions Tips
अगर आपको पता चले कि आपको पित्त की थैली की समस्या है तो आपको मार्केट से या मेडिकल स्टोर से बिना डॉक्टर को बताये और पैन किलर टेबलेट जैसे दवाइयां डॉंक्टर को बिना दिखाए नही लेनी चाहिए।
ऐसी चीजें नही खानी चाहिए जिससे पेट दर्द जैसी समस्या हो,या फिर बाहर का खाना नही खाना चाहिए,।
इसलिए अलावा अगर आपका डॉक्टर से इलाज भी चल रहा है फिर भी आपको लिक्विड,कोल्डड्रिंक जैसी चीजें पीना नही चाहिए।
इससे पेट की समस्या बढ़ सकती है और पित्त की थैली की समस्या के लिए होनेवाले इलाज में काफी रुकावटे आ सकती हैं।
पित्ताशय के इलाज के बाद कैसी चीजों का ध्यान रखे – Gallstones Treatment
जभी आपके पित्ताशय का इलाज पूरा हो जाए उसके बाद आपको अपने डॉक्टर द्वारा दिए गए सुजाव और दिशानिर्देश का पालन करना चाहिए, घर पर रहते हुए भी आपको अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखना चाहिए,
जैसे कि फाइबर युक्त भोजन लेना चाहिए, ज्यादा पानी पीना चाहिए,पौष्टिक आहार लेना चाहिए, उसके बाद कई चीजों का ध्यान रखना आपके लिए बेहद जरूरी है।
दूसरी दवाओं का सेवन नही करना चाहिए,अगर आपको डॉक्टर की सलाह की जरूरत पड़ती है तो डॉक्टर से सलाह लेना काफी अच्छा विकल्प है।
गॉड ब्लैडर सर्जरी के बाद होंने वाली समस्या
पित्ताशय की बीमारी के लिए होने वाली गॉड ब्लैडर सर्जरी के बाद कई लोगों को तेज पेट दर्द होता है। लेकिन यह दर्द सर्जरी के बाद होने वाला आम दर्द है
इसके लिए डॉक्टर दवाओं लेना का सुजाव नही देते बल्कि यह दर्द कुछ समय के लिए रहता है।
भोजन के दौरान नॉर्मल पेट दर्द होता है इसके बाद बाकी नॉर्मल लक्षण पाए जाते हैं जैसे कि शरीर मे थकान और कमजोरी महसूस होना,ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको दवाइयां देते हैं जिसका सेवन करने से कुछ ही दिनों में वो दर्द ठीक हो जाता है।
पित्ताशय की समस्या के घरेलू उपाय – Pittaashay kee samasya ke Gharelu Upay
लिवर के निजे मौजूद पित्ताशय भोजन के लिए पाचन क्रिया के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता है। और भोजन में आने वाली बाइल को जमा करता है।
पित्ताशय की समस्या हर किसी को रहती है लेकिन उसके लक्षण नॉर्मल होते हैं और ऐसे लक्षण होते है जो हमारी दैनिक जीवनशैली में पता नही चलते लेकिन कभी कबार यह समस्या बढ़ जाती है
और उसके लिए इलाज़ की जरूरत पड़ती है। पित्ताशय की थैली में होनेवाली समस्या के लिए कुछ घरेलू उपाय मौजूद हैं लेकिन फिर भी डॉक्टर के इलाज़ की जरूरत पड़ती हैं।
नॉर्मल समस्या के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies
- ज्यादा पानी पीने से पित्ताशय की थैली में मौजूद वासी तत्व पाचन क्रिया के दौरान स्टोर नही होते और मल या पेशाब में निकल जाते हैं।
- फाइबर युक्त भोजन लेने से पित्ताशय की थैली में होनेवाली समस्या होने के बहुत ही कम चांस होते है। लेकिन साथ ज्यादा भारी भोजन का सेवन न करना बेहतर विकल्प है।
- योगासन हमारी दैनिक जीवनशैली में योगा हमारी शरीर की तंदुरुस्ती के लिए बड़ा योगदान होता है। योगा करने से पाचन तंत्र में होनेवाली पाचन क्रिया मजबूत होती हैं और पेट मे स्फूर्ति रहती हैं जिसके कारण पेट की किसी भी समस्या पैदा नही होती।
- फल फ्रुट का सेवन करने से शरीर मे पूरा प्रोटीन मिलता है आपने देखा होगा कहि बाद डॉक्टर मरीज को फल खाने की सलाह देते हैं क्योंकि फल और फ्रुट में ऐसे प्रोटीन मौजूद होते हैं जिससे शरीर मे पैदा होने वाले वासी या द्रुसित तत्वों को जड़से खत्म करने में मदद मिलती हैं।
पित्ताशय को शरीर से बाहर निकालने का तरीक़ा
पित्ताशय के मरीजों लो कई मेडिकल रिपोर्ट की आवश्यकता होती है बाद में लंबे समय तक इलाज चलने का बावजूद कई मरीजों को ऑपरेशन की नौबत आती है
अब आपको बता दें कि पित्ताशय को शरीर से बाहर कैसे निकाला जाता है। मेडिकल हिस्ट्री में पित्ताशय को शरीर से बाहर निकालने का आम तरीक़ा होता है दूरबीन पद्धति द्वारा निकाला जाता है।
लेप्रोस्कोप को पेट मे छोटे से चीजों के अंदर डाला जाता है इसके अलावा जरूरत पड़ने पर अन्य छेद भी बनाये जाते हैं
बाद में उन छेदों से आपके पेट को कार्बन डाइ-ऑक्साइड से भरा जाता है | बाद में ऑपरेशन प्रकिया के दौरान पित्ताशय को दूरबीन पद्धति द्वारा सुरक्षित रूप से बाहर निकाला जाता है
इस वजह से मरीजों को लंबे समय तक हॉस्पिटल में एडमिट रखा जाता है और पेट मे किए गए छेद ठीक नहीं हो जाते तब तक हॉस्पिटल में रखकर ईलाज किया जाता है।