Glucose ka sutra : ग्लूकोस शब्द का अर्थ ग्रीक में चीनी है यह एक ऐसे प्रकार की चीनी है जिसे हम खाने वाले खाने से लेते है यह हमें ताकत और उर्जा प्रदान करता है
जैसे ही यह हमारे खून में जाके मिल जाता है यह खून का ग्लूकोस कहलाने लगता है इसका और नाम खून की चीनी भी है, ग्लूकोस एक प्रकार का कार्बोहायड्रेट है जो की मोनोसछारिड़ (MONOSACHHARIDE) बनाने के काम आता है
मोनोसछारिड़ (MONOSACHHARIDE) सिर्फ ग्लूकोस से ही नही बनता पर और तरह के फ्रुक्टोसे (FRUCTOSE), गलाक्टोसे (GALACTOSE) और रिबोसे (RIBOSE) से भी बनता है
ग्लूकोस खुद ही हमारे शरीर को फ्यूल देने का कार्य करता है यह कार्बोहायड्रेट के रूप में हमारे शरीर में आता है
हमारे शरीर को ग्लूकोस ब्रेड, फल, सब्जी और दूध के तत्वों से मिलता है ग्लूकोस हमारे शरीर में उर्जा की खपत भी पूरी करता है
जब व्यक्ति ज़रुरत से ज्यादा कमज़ोर हो जाता है तो उसे ग्लूकोस चढ़ाया जाता है, जिससे व्यक्ति के शरीर की उर्जा की कमी पूरी हो जाती है
जहाँ पर ग्लूकोस हमारे लिए ज़रूरी है वही इसका हमारे शरीर में ज्यादा हो जाना भी समस्या का विषय है इसके ज्यादा होने के संगीन बीमारियाँ हो सकती है

अनुक्रम
ग्लूकोज का सूत्र क्या है | Glucose Ka Sutra Kya Hai
ग्लूकोस के अणु में 6 कार्बन के परमाणु होते है और 12 हाइड्रोजन के परमाणु होते है और 6 ऑक्सीजन के परमाणु होते है Glucose ka sutra नीचे दिया गया है
C6 H12 O6
- C : का अर्थ कार्बन (CARBON) से है
- H : का अर्थ हाइड्रोजन (HYDROGEN) से है
- O : का अर्थ ऑक्सीजन (OXYGEN) से है
इसी फार्मूला से सभी अनु जुडके ग्लूकोस बनाते है
ग्लूकोस का रासायनिक सूत्र – Glucose Ka Rasayanik Sutra
ग्लूकोस का रासायनिक सूत्र ही C6 H12 O6 है
ग्लूकोस का रासायनिक नाम – Glucose Ka Rasayanik Naam
ग्लूकोस का रासायनिक नाम डी-ग्लूकोस है जिसे इंग्लिश में D-glucose कहा जाता है
ग्लूकोस को देक्स्त्रोस(DEXTROSE) भी कहा जाता है
ग्लूकोस का अनुभर – Glucose ka anubhar
ग्लूकोस ऑक्सीजन, हाइड्रोजन और कार्बन से बना है
- एक कार्बन का अनुभर = 12u
- एक हाइड्रोजन का अनुभर = 1u
- एक ऑक्सीजन का अनुभर = 16u
- हमें पता है की ग्लूकोस का सूत्र में ऑक्सीजन 6 है कार्बन भी 6 है और हाइड्रोजन 12 है उस हिसाब से
- 6 कार्बन का अनुभर = 6X12 =72u
- 12 हाइड्रोजन का अनुभर = 12X1 = 12u
- 6 ऑक्सीजन का अनुभर = 6X16 = 96u
ग्लूकोस का अनुभर = कार्बन का कुल अनुभर + हाइड्रोजन का कुल अनुभर + ऑक्सीजन का कुल अनुभर
ग्लूकोस का अनुभर = 72+12+96
ग्लूकोस का अनुभर=180u
Glucose ka sutra के हिसाब से ग्लूकोस के प्रकार
- डी- ग्लूकोस (D-GLUCOSE)
- एल-ग्लूकोस (L-GLUCOSE)
D-GLUCOSE और L-GLUCOSE में अंतर
इन दोनों में बस ग्लूकोस के स्ट्रक्चर का फरक है अणु सा सूत्र एक ही समान है इसमें फरक बस फिशर मॉडल में देखने से दिखता है
Glucose ka Sutra का इस्तेमाल
Glucose ka sutra के इस्तेमाल से बाहरी ग्लूकोस बनाया जाता है जो उन लोगो को दिया जाता है जो खुदसे लेने में असमर्थ होते है या हम कह सकते है की वह खाने या पीने वाली वस्तुओं से ग्लूकोस लेने की अवस्था में नही होते
जैसे वो लोग जो बेहोश हो या वह लोग जो खाना पीना सही से न खाने की वजह से उनके शरीर में ग्लूकोस की मात्रा कम हो जिनसे उनके शरीर में उर्जा की कमी हो वैसे लोगों को दिया जाता है
बहुत सारी दवाइयां बनाने में जो हमें ताकत देती है उनमे भी ग्लूकोस का सूत्र का उपयोग होता है, Glucon-D को बनाने के लिए भी इस सूत्र का इस्तेमाल होता है
ग्लूकोस का फार्मूला स्ट्रक्चर – Glucose ka formula structure
Glucose कैसे बनता है
ग्लूकोस कार्बोहायड्रेट से बनता है
हमारा शरीर खाने पीने वाली उपयोगी चीज़ों से कार्बोहायड्रेट लेता है और वही कार्बोहायड्रेट हमारे शरीर में जाके टुकडो में टूट जाते है
पाचक एंजाइम कार्बोहायड्रेट को चीनी के तीन अलग-अलग प्रकार में तोड़ देते है जिसे हम मोनोसछारिड भी कहते है
यह तीन प्रकार ग्लूकोस, गलाक्टोस, और फ्रुक्टोस है ये जो मिनोसछारिड है ये हमारे जिगर में जाते है जिसके बाद ग्लूकोस का निर्माण होता है
क्योंकि जिगर गलाक्टोस, फ्रुक्टोस को भी ग्लूकोस में बदल देता है हमारा जिगर ही ग्लूकोस को हमारे खून में भेजता है
जहा पर यह उन कोशिकाओं को दिया जाता है जिनको शक्ति की आवशयकता होती है
अगर कभी हमारे शरीर में ग्लूकोस की मात्रा हमारे शरीर की उर्जा की ज़रुरत से ज्यादा होती है तो हमारा जिगर उसे एकत्र करके रख लेता है हमारा जिगर ग्लूकोस को ग्लाइकोजन के रूप में एकत्र करके रखता है
ग्लूकोस बनाने के अन्य तरीके
जब हमारा शरीर किसी और चीज़ से ग्लूकोस बनाता है तो उस प्रक्रिया को ग्लुकोनेओगेनेसिस (Gluconeogenesis) कहते है ज्यादा ग्लूकोस तो जिगर में ही बनता है पर थोड़ी मात्रा में ग्लूकोस छोटी आंत और किडनी में भी बनता है
हमारे शरीर में प्रोटीन, फैट थोड़ी मात्रा में पचते है फैट में ग्लिसरॉल होता है जो ग्लूकोस बनाने के काम आता है
और प्रोटीन में एमिनो एसिड होता है ये भी ग्लूकोस बनाने के काम आता है सिर्फ दो प्रकार के एमिनो एसिड को छोड़ के हर प्रकार के एमिनो एसिड को हम ग्लूकोस बनाने के लिए ग्लुकोनेओगेनेसिस के रास्ते पर भेज सकते है
ग्लूकोस का हमारे शरीर में क्या कार्य है
ग्लूकोस का सूत्र से हमारे शरीर में प्रोटीन, फैट थोड़ी मात्रा में पचते है फैट में ग्लिसरॉल होता है जो ग्लूकोस बनाने के काम आता है
और प्रोटीन में एमिनो एसिड होता है ये भी ग्लूकोस बनाने के काम आता है सिर्फ दो प्रकार के एमिनो एसिड को छोड़ के हर प्रकार के एमिनो एसिड को हम ग्लूकोस बनाने के लिए ग्लुकोनेओगेनेसिस के रास्ते पर भेज सकते है
यह हमारे शरीर में जाके इन्सुलिन की सहायता से सभी कोशिकाओं तक पहुचता है जिससे हमारी कोशिकाओं को शक्ति मिलती है
यह कोशिकाओं के लिए एक तरक के टॉनिक जैसा होता है जिसका इस्तेमाल करके वह खुदके काम को और बेहतर तरीके से करने में सक्षम होती है
खून में ग्लूकोस की मात्रा और डायबिटीज (मधुमेह)
हमारे खाने के तुरंत बाद ही हमारे खून में चीनी का लेवल बढ़ जाता है जो की कुछ घंटों में इन्सुलिन इस चीनी को धीरे-धीरे कोशिकाओं में लेके जाता है
थोड़े ही घंटों में हमारे खून में से चीनी की मात्र सामान्य हो जाती है क्योंकि तब तक इन्सुलिन अपना पूरा काम कर चूका होता है
खाना खाने के बाद और फिरसे खाना खाने के पहले अगर आप अपना सुगर लेवल चेक करते है तो इसे 100 मिलीग्राम पर देकीलाइट होना चाहिए इसे हम अपने शरीर का सामान्य सुगर लेवल कहते है
जब हमारे खून में इसी सुगर अर्थात चीनी जिसे हम ग्लूकोस के रूप में पढ़ रहे है ज्यादा हो जाये तो हमें डायबिटीज की बीमारी हो जाती है इसमें मनुष्य के खून में सुगर अर्थात चीनी की मात्रा सामान्य नही रहती कभी वो ज्यादा रहती है तो कभी कम रहती है
डायबिटीज के प्रकार
- टाइप 1 डायबिटीज
पहली ऐसी अवस्था होती है जिसमे हमारे शरीर में इंसुलिन की मात्रा पर्याप्त नही रहती क्योंकि हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति पैंक्रियास की कोशिकाओं का नाश कर रही होती है और पैंक्रियास में ही इन्सुलिन बनता है जिससे कारण हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नही होता है
- टाइप 2 डायबिटीज
इसमें हमारी कोशिअकें इंसुलिन को उस प्रकार से जवाब नही देती जिस प्रकार से उनको देना चाहिए इसी लिए हमारे पैंक्रियास को ज्यादा से ज्यादा इंसुलिन बनाती है ताकि ग्लूकोस को इधर से उधर ले जा सके
हमें हमारे शरीर में प्रचुर मात्रा में इन्सुलिन चाहिए होता है तभी हमारी कोशिकाएं ग्लूकोस को एक जगह से दुसरे जगह लेके जाने में सफल हो पाएंगी सिर्फ खाना खाने के कुछ घंटे तक की हमारे खून में सुगर लेवल ज्यादा होता है उसके बाद ये सामान्य होना शुरू हो जाता हहै
अगर हमारे खून का सुगर लेवल बहुत ज्यादा समय के लिए बढ़ा हुआ रहता है तो इससे कई प्रकार की समस्याएँ हो सकती है
जैसे जो नसे ऑक्सीजन लेकर इधर उधर जाती है वह ख़राब हो सकती है और हमारे शरीर के अंग भी ख़राब हो सकते है और तो और ऐसा होना कई बीमारियाँ होने के रिस्क को बढ़ा देती है जैसे
दिल की बीमारी, दिल का दौरा, आँखों की बीमारी किडनी की बीमारी, नसों का ख़राब होना आदि हो सकती है
ऐसे समस्या को दवाई, उचित आहार, व्यायाम से सही या संतुलित रखा जा सकता है
हमारे शरीर को Glucose kaha se milta से मिलता है
हम जो भोजन खाने में लेते है वहाँ से हमें ग्लूकोस मिलता है ग्लूकोस हमें सीधे नही मिलता यह कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन के रूप में हमारे शरीर में जाता है यह फल खाने से, बाहर का सामान खाने से आदि से मिलता है
- मीठा मक्का
- मुनक्का
- शहद
- दही
- सेब
- अंगूर, आम केला
- कोल्ड ड्रिंक
- फल
- ब्रेड
- टमाटर
- सूखे मेवे
- खजूर
- दूध से बने तत्व
आदि ग्लूकोस के मुख्य श्रोत है इन सबसे हमारे शरीर को कार्बोहायड्रेट मिलता है जिससे हमारे शरीर को ग्लूकोस भी मिलता है
शरीर में ग्लूकोस ज्यादा कब हो जाता है
यह तब ही होता है जब हमारे शरीर में बहुत कम इन्सुलिन होता है इन्सुलिन के होने से ही हमारे भोजन से शरीर में गया सुगर खून से अन्य कोशिअकों तक पहुच पाता है
और यदि इंसुलिन ही कम हो तब सुगर अर्थात ग्लूकोस खून में ही रह जाता है जिसके कारण हमारे खून में ग्लूकोस की मात्रा ज्यादा हो जाती है
इन्सुलिन कम बनने का कारण पैंक्रियास में कोई गड़बड़ होना या रोग प्रतिरोधक शक्ति का होना हो सकता है
शरीर में ग्लूकोस ज्यादा होने से क्या होता है
वैसे तो बिना किसी गढ़बड के ऐसा नही होता या तो हमारा शरीर सही से इन्सुलिन नही बना रहा है या तो हमारे कोशिकाओं पैंक्रियास या किसी और प्रक्रिया में की गडबड है पर जो भी हो
यदि ग्लूकोस की मात्र हमारे खून में ज्यादा हो जाती है तो उसे हाइपरग्ल्य्सेमिया (HYPERGLYCEMIA) या खून में ग्लूकोस ज्यादा होना कहते है इस अवस्था में मधुमेह अथवा डायबिटीज हो सकता है
हाइपरग्ल्य्सेमिया होने से उलटी आती है, बहुत भूख लगती है, पैर दर्द करता है, शरीर में दर्द रहता है, देखने में धुंधला नही दीखता, व्यक्ति सही से सोच नही पाता, सर घूमता है जैसे आदि लक्ष्ण दिखने लगते है
शरीर में ग्लूकोस कम कैसे हो जाता है
अगर ऐसा डायबिटीज के मरीज के साथ हो रहा है तो यह उसकी किसी दवाई के दुषप्रभाव से हो सकता है और वही दूसरी तरह आम लोगो में ये खाने के बाद हमारा शरीर बहुत सारी इन्सुलिन पैदा करता है और उतना ग्लूकोस न होने पर हमारे शरीर का ग्लूकोस लेवल कम हो जाता है
शरीर में ग्लूकोस कम होने पर क्या होता है
शरीर में ग्लूकोस के कम होने से हाइपोग्लाइसीमिया होता है आपके शरीर में ग्लूकोस का लेवल कम है तो पहले आपका शरीर आपको इसके लक्षण दिखाएगा
और एक समय के बाद ध्यान न देने पर लक्षण दिखने बंद हो जाएँगे फिर सीधे दुष्प्रभाव और परिणाम दिखेगा इसके परिणामों में दिमाग से जुडी समस्याएँ दिमाग के किसी हिस्से का नष्ट हो जाना आदि शामिल है
ग्लूकोस का लेवल कम होने पर दिए लक्षण दीखते है
- शरीर पीला पड़ जाना
- पसीना आना
- शरीर का कप्कपाना
- दिल की धड़कन का कम या ज्यादा होना
- चक्कर आना
- चिडचिडापन होना
- सही से सोच न पाना
- थकान होना
- झुनझुनी पकड़ लेना
- सही से ध्यान केन्द्रित न कर पाना
आदि लक्षण शामिल है
शरीर में ग्लूकोस के लेवल को कैसे संतुलित रखे
अपने शरीर के सुगर लेवल की समय-समय पर जाच करते रहना
- समय से आहार लेना
- मीठा का सेवन प्रचुर मात्रा में करना
- व्यायाम करना
- अच्छा और स्वस्थ आहार लेना
- और सुगर के कम या ज्यादा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना
FAQ – Glucose Ka Sutra kya hai in Hindi
सवाल : ग्लूकोस किससे बना है ?
ग्लूकोस का अनु 6 कार्बन, 12 हाइड्रोजन और 6 ऑक्सीजन से बना है
सवाल : ग्लूकोस का structure क्या है ?
सवाल : ग्लूकोस का IPSC नाम क्या है ?
2,3,4,5,6-PENTAHYDROXYHEXANAL (2,3,4,5,6-पेंतःय्द्रोक्स्य्हेक्सानल) है
सवाल : ग्लूकोस के कम होने से क्या होता है ?
शरीर में ग्लूकोस के कम होने से हाइपोग्लाइसीमिया होता है
सवाल : ग्लूकोस के ज्यादा होने से क्या होता है ?
जब ग्लूकोस की मात्रा हमारे खून में ज्यादा हो जाती है तो उसे हाइपरग्ल्य्सेमिया(HYPERGLYCEMIA) या खून में ग्लूकोस ज्यादा होना कहते है
सवाल : ग्लूकोस का अनुभर कितना है ?
ग्लूकोस का अनुभर 180 u है जो की कार्बन, हाइड्रोजन और कार्बन के अनुभर का जोड़ है
सवाल : ग्लूकोस कैसे चढ़ाया जाता है ?
ग्लूकोस की बोतल को डॉक्टर मरीज की नसों से सूई के द्वारा और बोतल को पाइप के द्वारा जोड़ देते है उसके बाद धीरे धीरे ग्लूकोस नसों में जाता रहता है और इससे धीरे धीरे हमारे शरीर को ग्लूकोस दिया जाता है
Conclusion
इस लेख में आपने Glucose Ka Sutra Kya Hai है के बारे में जाना आशा करते है | आप Glucose Ka Rasayanik Sutra, Glucose ka formula जैसे महत्वपूर्ण विषय की पूरी जानकारी जान चुके होंगे।
आपको लगता है कि इसे दूसरे के साथ भी Share करना चाहिए तो इसे Social Media पर सबके साथ इसे Share अवश्य करें
हमारा यह लेख पसंद आया हो तो अपने अमूल्य सुझावों को हमारे सुझाव बॉक्स में जरूर लिखें ताकि आगे आने वाले समय में हम आपके लिए इसी प्रकार की सकारात्मक लेख लाते रहे और आपके ज्ञान में वृद्धि करते रहे। धन्यवाद