बच्चेदानी में इन्फेक्शन के लक्षण: आज हर महिला द्वारा अपनी कोख से एक या दो बच्चों को जन्म दिया जाता है जो कि पहले शायद बहुत ज्यादा होते थे, परंतु इन्हें जन्म देने के साथ ही उन्हें कई प्रकार के संक्रामक रोगों का सामना भी करना पड़ सकता है।
हर महिला द्वारा यह अपेक्षा की जाती है कि उसे चाहे कोई भी संक्रामक रोग हो जाए परंतु उसकी कोख में पलने वाले बच्चे को किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए।
परंतु हमारी यह सामान्य जिम्मेदारी बनती है कि जो गर्भवती महिला है और जिस के गर्भ में आपका बच्चा पल रहा है उसकी सेवा करना और उसे हर प्रकार की सहायता उपलब्ध करना आपका कर्तव्य माना जाता है।
कई बार यह देखा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को कई सारे रोग भी हो जाते हैं। उनमें से कुछ लोग तो उन्हें गर्भावस्था के प्रारंभिक दौर में ही देखने को मिलते हैं तो कुछ ऐसे रोग होते हैं जो उन्हें गर्भावस्था के बाद में देखने को मिलते हैं जब उनकी सफल डिलीवरी हो जाती हैं।
आज के इस लेख में हम उसी रोग से जुड़ी कुछ जानकारियां और उससे बचने के उपाय आपके साथ साझा करने वाले हैं जो कि है बच्चेदानी में इन्फेक्शन के लक्षण।
यह रोग बहुत ही ज्यादा भयानक होता है और इससे उस महिला को बांझपन का शिकार भी होना पड़ सकता है और अगर यह किसी गर्भवती महिला को हो जाए तो उसके कोख में पलने वाले बच्चे पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है।
आज के इस मेडिकल साइंस से जुड़े लेख में हम चर्चा करेंगे की बच्चेदानी में infection के लक्षण क्या है और इसके साथ ही हम देखेंगे कि हमारे द्वारा किस प्रकार से बच्चेदानी में इन्फेक्शन को होने से रोका जा सकता है।
इसके साथ ही हम आज के इस लेख में चर्चा करेंगे कि अगर किसी को बच्चेदानी में संक्रमण हो गया है तो हमें किस प्रकार से एक अच्छे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और साथ ही वह कौन कौन से घरेलू उपाय है, जिनके द्वारा भी हम चाहे तो इस इंफक्शन को हटा सकते हैं।
जैसा कि आप जानते हैं कि हमारी सामान्य बोलचाल भाषा में गर्भाशय को बच्चेदानी कहा जाता है, और यह एक ऐसा स्थान होता है जहां पर शुक्राणुओं के वीर्य द्वारा अंडाणु के साथ क्रिया करके एक भ्रूण का निर्माण होता है, और यहीं पर इस भ्रूण के द्वारा एक संपूर्ण बच्चे का निर्माण होता है।
अत यह महिलाओं के शरीर का एक सबसे महत्वपूर्ण आंतरिक भाग माना जाता है, और यदि इसमें किसी प्रकार की खराबी आ जाए तो उन्हें बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है
और जो सबसे बड़ी समस्या उन्हें उठानी पड़ सकती है वह है उन्हें संपूर्ण उम्र भर कोई भी बच्चा ना होना जिसे कि बांझपन की समस्या कहा जाता है।
महिलाओं के शरीर का यह आंतरिक भाग उनके जननांग अर्थात की मूत्रसाय से और मलाशय के बीच में अवस्थित होता है।
ऐसी जगह पर स्थित होने के कारण यदि इसमें किसी प्रकार का इंफेक्शन होता है तो यह हमारे जननांगों पर भी विपरीत प्रभाव डालता है।

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बच्चेदानी में इन्फेक्शन के लक्षण क्या है – Bacchedani main infection le lakshan
बच्चेदानी में इन्फेक्शन के लक्षण बहुत सारे हो सकते हैं, और जिन्हें समझना एक सामान्य इंसान के लिए थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है
परंतु अब हम इन सभी लक्षणों को एक-एक करके आपके सामने बहुत ही आसान शब्दों में पेश करेंगे। जिससे कि आप आसानी से समझ पाएंगे कि वास्तविकता में बच्चेदानी में इन्फेक्शन के कौन से लक्षण होते हैं।
1) अगर आप एक महिला हैं और आपके पेट के निचले हिस्से में बहुत ज्यादा चर्बी जमी हुई है तो हो सकता है, यह चर्बी आप के गर्भाशय में हुए किसी इंफेक्शन के कारण हुई हो।
परंतु बहुत सारी महिलाओं को इसे मात्र एक मोटापा कहकर नकार दिया जाता है, और इस पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है परंतु आगे चलकर हमारे सामने यह एक बहुत बड़ी समस्या पैदा कर सकता है।
अगर यह चर्बी आपके पेट के बहुत ही अंतिम छोर पर जमी हुई है तो आप इसे मोटापा नहीं कह सकते हैं, और हो सकता है यह चर्बी आपकी योनि के कुछ ऊपर के भाग में भी जमा हो सकती हैं।
अगर आपको इस प्रकार की समस्या अपने साथ देखने को मिलती है तो आपको जल्द ही एक अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए जो कि स्त्री विशेषज्ञ हो।
2) गर्भाशय में इन्फेक्शन होने का दूसरा लक्षण यह हो सकता है कि यदि आपके पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग होती है या फिर उनका रूटीन बदलता रहता है तो भी आपको यह समस्या हो सकती है।
आमतौर पर देखा जाता है कि बहुत सारी महिलाओं के पीरियड अपने समय से बहुत ज्यादा पहले आ जाते है या बहुत दिनों बाद आते हैं और यह समस्या भी बच्चेदानी मैं इंफेक्शन का लक्षण हो सकती है।
अगर आपको भी इस प्रकार की समस्या अपने पीरियड के साथ देखने को मिलती है तो आपको किसी अच्छे स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
3) तीसरा लक्षण यह हो सकता है कि यदि आपके पेट के निचले हिस्से और साथ ही आपके कमर में बहुत ज्यादा दर्द होता है तो भी आपको यह समस्या उठानी पड़ सकती हैं।
हो सकता है यह सामान्य दर्द किसी और वजह से भी हो रहा हो परंतु यह दर्द यदि आपको रोजाना हो रहा है और साथ ही असहनीय दर्द आपको सहन करना पड़ रहा है तो हो सकता है, यह बच्चेदानी में इन्फेक्शन का लक्षण भी हो सकता है
ऐसे में आपको किसी अच्छे से स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क कर यह जांच करवा लेनी चाहिए
4) आमतौर पर यह देखा जाता है कि जिस महिला को यह समस्या हो रखी है, उसे बहुत ज्यादा शारीरिक कमजोरी भी फील होती है, क्योंकि पीरियड्स के दौरान उसके जननांग से हेवी ब्लीडिंग होती है और ऐसा होने से उसे शारीरिक कमजोरी बहुत ज्यादा महसूस होती है।
अगर हमारे रक्त का एक बहुत बड़ा हिस्सा यदि हमारे शरीर से निकाल दिया जाए तो हमें भी शारीरिक कमजोरी महसूस होती है और उसी प्रकार से महिलाओं में भी Bacchedani main infection le lakshan के रूप में इसे माना जा सकता है।
5) यदि पेशाब करते समय बहुत ही ज्यादा दर्द और उसमें बहुत ही ज्यादा जलन होती हैं, हालांकि कई बार महिलाओं द्वारा इसे भी नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि वह सोचती है कि यह हमारे हार्मोन परिवर्तन के कारण हो रहा होगा।
परंतु ऐसा नहीं है यदि आपको बहुत लंबे समय से अपनी पेशाब में जलन हो रही है और उस में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तो हो सकता है या इन्फेक्शन के लक्षण हो जाए।
इस कारण से यदि आपको ऐसी समस्या भी देखने को मिलती है तो आपको तुरंत किसी अच्छे स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अपनी समस्या को बताना चाहिए।
6) एक सामान्य कारण कोई बैक्टीरिया भी हो सकता है जो कि आपके शरीर के किसी भी भाग से प्रवेश कर सकता है और इसके लिए आपको विभिन्न सावधानियां भी बरतनी चाहिए।
इस कारण से हमें अपनी शारीरिक हाइजीन का विशेष खयाल रखना चाहिए जो कि बहुत सारे डॉक्टरों द्वारा भी हमें इसकी सलाह दी जाती हैं।
7) यदि आपकी योनि से असामान्य रक्त स्त्राव हो रहा है या कोई भी सफेद कलर का पानी आपकी योनि से बह रहा है तो भी आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
वैसे तो महिलाओं के यो-नि से सफ़ेद पानी निकलना आम बात है लेकिन ज्यादा स्तर पर निकल रहा है तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है
ऐसा होने पर भी आपको तुरंत ही किसी अच्छे स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और इसका उपचार ग्रहण करना चाहिए।
इस प्रकार से यह वह कुछ प्रमुख लक्षण हैं जिनके द्वारा आपको bacchedani main infection le lakshan हो सकता है, और हो सकता है यह समस्या आपके लिए बहुत ही ज्यादा विकराल बन।
अत हमारा सभी पाठकों से यह निवेदन है कि यदि आपको इसमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो आपको तुरंत किसी अच्छे से स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर से अपनी जांच करवानी चाहिए और इसका इलाज शुरू करवा लेना चाहिए।
अब हम आपको बच्चेदानी में होने वाले इन्फेक्शन को सही करने का उपाय बताने वाले हैं और साथ ही हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय भी बताने वाले हैं,
जिनके द्वारा आप अपने गर्भाशय में हुए इन्फेक्शन को सही कर सकते हैं या फिर उसे कम कर सकते हैं।
बच्चेदानी में इन्फेक्शन (INFECTION) को रोकने के उपाय, इलाज
यहां पर हमारे द्वारा आपको बच्चेदानी में इन्फेक्शन को रोकने के लिए कुछ उपाय बताए जा रहे हैं, जिनको आप आसानी से प्रयोग करके अपनी इस बीमारी से निजात पा सकते हैं और साथ ही आप अपने गर्भाशय को मजबूत भी बना सकते हैं।
हमारी सभी पाठकों से यह निवेदन है कि इन उपायों का प्रयोग करने से पहले आप किसी अच्छे से डॉक्टर की सलाह जरूर ले !
और उसके पश्चात ही इनका प्रयोग करें, हालांकि इन घरेलू उपायों द्वारा आपको कोई भी हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है क्योंकि यह पूर्णता आयुर्वेदिक पद्धति पर आधारित होते हैं।
1) घरेलू उपाय के रूप में सौंफ और इलायची वाला दूध का सेवन कर सकते हैं।
इसका सेवन लगभग आपको एक से दो महीने तक करना है और ऐसा करने पर आप देखेंगे कि आप के गर्भाशय में जो इंफेक्शन था वह दूर हो गया है और साथ ही साथ आपके गर्भाशय की सूजन में भी यह आपको राहत प्रदान करता है।
2) बच्चेदानी में संक्रमण होने पर आपको आंतरिक जननांगों में बहुत ज्यादा जलन होती है और साथ ही आपकी जननांगों से बहुत ज्यादा रक्त स्त्राव होने के कारण भी आपके शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी बढ़ जाती है।
इसके लिए आपको उन चीजों का सेवन करना चाहिए जिन की तासीर बहुत ज्यादा ठंडी होती है, क्योंकि इनका सेवन करने पर आपको इस इंफेक्शन से तो निजात मिलेगी ही मिलेगी साथ ही साथ आपको आपके शरीर की आंतरिक गर्मी से भी निजात मिलेगी।
3) बच्चेदानी में संक्रमण या गर्भाशय में सूजन होने पर आपको पीरियड्स के दिनों में कच्चे दूध या चावल के पानी को पीना चाहिए क्योंकि इनकी तासीर बहुत ज्यादा ठंडी होती हैं और इससे आपको पीरियड्स में अत्यधिक रक्तस्त्राव नहीं होता है।
जैसा कि आप पहले ही जान चुके हैं कि यदि आपके पीरियड्स के समय में हैवी ब्लीडिंग होती है तो, यह बच्चेदानी में इन्फेक्शन होने का एक सीधा संकेत होता है
परंतु अगर आप इस हेवी ब्लीडिंग को पहले ही रोक देते हैं अर्थात कि अपने पीरियड्स की समस्या को पहले ही सही कर लेते हैं तो आपको बच्चेदानी में इन्फेक्शन रहने का कोई भी खतरा नहीं रहेगा।
4) यदि आपको बच्चेदानी में संक्रमण के लक्षण हैं और साथ ही आपको अपने गर्भाशय में सूजन की समस्या हो रखी है, तो आपको चटपटे और बहुत ज्यादा मिर्च मसाले वालों चीजों से परहेज रखना चाहिए क्योंकि इनका सेवन करने से आपकी यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं।
5) पेट में किसी भी तरह के इन्फेक्शन के लक्षण होने पर आपको एक अच्छे स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए और साथ ही समय रहते उनसे अपना इलाज भी शुरू करा लेना चाहिए।
हालांकि आपको यहां पर जो घरेलू उपाय बताए गए हैं, उनके द्वारा भी आपको अपनी बच्चेदानी में इन्फेक्शन से काफी राहत मिलेगी और साथ ही आपको इससे निजात भी मिलेगी परंतु फिर भी एक अच्छे स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
6) अगर आपको अपनी बच्चेदानी में सूजन महसूस हो रही है तो आपको अपने आहार को जरूर संतुलित कर लेना चाहिए
क्योंकि यदि आप अपने आहार को संतुलित रूप से ग्रहण नहीं कर रहे हैं तो इससे भी आपको कई आंतरिक बीमारियां लग सकती हैं।
बच्चेदानी में किसी भी तरह के लक्षण महसूस होने पर आप अपने संतुलित आहार के साथ साथी फलों का जूस पी कर कर सकते हैं और साथ ही आपको थोड़ी मात्रा में भीगे हुए बादाम का सेवन भी करना चाहिए।
इस प्रकार से हमारे द्वारा बताए गए इन घरेलू उपायों का प्रयोग करके और साथ ही किसी अच्छे स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर से अपना इलाज करवा कर आप आसानी से बच्चेदानी के इंफेक्शन की समस्या से निजात पा सकते हैं।
बच्चेदानी में सूजन (इंफेक्शन) के लक्षणों को रोकने के लिए मेडिकल टैबलेट
आज बहुत सारे मेडिकल स्टोर पर आपको मेडिकल बहुत सारी ऐसी दवाइयां मिल जाएगी, जिनके द्वारा भी आप अपनी बच्चेदानी में इन्फेक्शन को सही कर सकते हैं
और साथ ही यदि आपको बच्चेदानी में सूजन की समस्या हो रखी है तो भी आप इससे राहत प्राप्त कर सकते हैं।
अब हम आपको उन कुछ दवाइयों के नाम बताने वाले हैं जो की इन लक्षण को रोकने के लिए बहुत ज्यादा कारगर मानी जाती है और साथ ही इसके बहुत ही ज्यादा सकारात्मक परिणाम आपको देखने को मिलते हैं।
- Ofx 100 mg Tablet
इसका मुख्य कार्य यह है कि यह आपके शरीर में जो बैक्टीरियल इंफेक्शन हो रखा है उसे दूर करती है और साथ ही ऐसे बैक्टीरिया से आप के आंतरिक शरीर जैसे कि आप के जननांगों आदि को सुरक्षित रखती हैं।
यह सामान्यता एक 100 एमजी टेबलेट है और साथ ही एक एंटीबायोटिक दवाई है जो कि संक्रमण से लड़ने के लिए मुख्यता उपचार में लाई जाती है।
- Aurum muricaticum natronatum 3x
इस दवाई का मुख्य कार्य होता है कि यदि आपको बच्चेदानी में संक्रमण के कारण कोई छोटी मोटी गांठ हो गई है तो यह उसको सही कर देती हैं और आपको इससे राहत प्रदान होती हैं।
- Zerodel Teblet
आप चाहे तो अपनी बच्चेदानी की सूजन के लिए इस टेबलेट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जो कि आपको इसमें राहत प्रदान करेगी।
- पतंजलि Tablets
अगर आप खराब बच्चेदानी को सही करने के लिए किसी आयुर्वेदिक उपचार को लेना चाहते हैं, तो आप इसके लिए पतंजलि के किसी स्टोर पर जाकर भी इससे संबंधित कोई भी टेबलेट को लेकर अपनी इस समस्या को दूर कर सकते हैं।
- Placentrax injection
इस इंजेक्शन को लगवा कर भी आप अपनी बच्चेदानी में हुए इंफेक्शन के लक्षणों को दूर कर सकते हैं और साथ ही साथ यदि आप की बच्चेदानी में सूजन या दर्द या आपको योनि में खुजली इत्यादि आती है तो भी वह इस इंजेक्शन के द्वारा ठीक हो जाएगी।
हालांकि बहुत सारे डॉक्टरों द्वारा इस इंजेक्शन को लगवाने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इसमें कुछ रासायनिक तत्व होते हैं जो कि हमारी गर्भाशय की आंतरिक भीति को नुक्सान पहुंचा सकते हैं और इससे हमें अन्य प्रकार की गर्भाशय से संबंधित समस्याएं भी आगे चलकर हो सकती हैं।
इस प्रकार से आप निम्नलिखित दवाइयों का प्रयोग करके अपनी बच्चेदानी में किसी भी प्रकार की हुई समस्या को सही कर सकते हैं
और विशेषकर यदि आपको बच्चेदानी में इन्फेक्शन हो गया है तो इसके लिए यह सभी दवाइयां रामबाण की तरह आपके लिए काम करेगी।
बच्चेदानी में इन्फेक्शन कैसे होता है
जैसा कि आप जानते होंगे कि बच्चेदानी को एक दूसरे नाम से भी जाना जाता है जो कि मेडिकल साइंस से संबंधित है और बच्चेदानी को गर्भाशय भी कहा जाता है और इसी गर्भाशय के निचले भाग में एक गर्भाशय ग्रीवा होती है।
इस गर्भाशय ग्रीवा का मुख्य काम होता है महिलाओ के गर्भाशय के निचले हिस्से को सही रखना और साथ ही महिलाओ के गर्भाशय में किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया या किसी भी बाहरी तत्वों के प्रवेश को रोकना।
इस गर्भाशय ग्रीवा को आम तौर पर महिलाओ के गर्भाशय का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है अर्थात कि यहीं से हमारे गर्भाशय की शुरुआत होती है।
परंतु कई बार देखा जाता है कि जब महिलाओं द्वारा प्रसव कराया जाता है, या कोई सर्जरी कराई जाती है, तो उस समय यह गर्भाशय ग्रीवा खुली होती है
और यदि हाइजीन का विशेष ख्याल ना रखा जाए तो कई सारे बैक्टीरिया हमारे गर्भ में प्रवेश कर सकते हैं और यही कारण आगे चलकर हमारी बच्चेदानी में इन्फेक्शन का कारण बनता है।
और यदि डॉक्टरों द्वारा थोड़ी सी भी हाइजीन में लापरवाही बरती जाती है तो इसका परिणाम यह होता है कि हमें यह खतरनाक बीमारी हो जाएगी।
इस प्रकार से हम चर्चा कर चुके हैं कि वह कौन-कौन से मुख्य कारण हैं जिनके कारण हमें बच्चेदानी में इन्फेक्शन हो जाता है या फिर महिलाओ के बच्चेदानी में सूजन आ जाती है।
FAQ : Bacchedani me infection le lakshan in Hindi
सवाल : बच्चेदानी (गर्भाशय) में इन्फेक्शन होने का मुख्य कारण क्या है।
यदि महिलाओ के गर्भाशय ग्रीवा के द्वारा कोई बैक्टीरिया गर्भाशय में प्रवेश कर जाए तो हमें यह इंफेक्शन हो सकता है।
सवाल : बच्चेदानी में इन्फेक्शन होने पर हमें मुख्यता क्या लक्षण दिखाई देता है।
पीरियड के समय में अनियमितता आ जाती है और साथ ही महिलाओ को हेवी ब्लीडिंग भी होती है।
इसके साथ साथ ही शारीरिक रूप से बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होती हैं और हमारे पेट के निचले हिस्से में बहुत ज्यादा चर्बी बढ़ जाती है।
सवाल : इस इन्फेक्शन को और अन्य किस नाम से जाना जाता है।
बच्चेदानी में इन्फेक्शन को एंड्रो मैट्रिक्स (Uterine infection) कहा जाता है और साथ ही इसे हिंदी में बच्चेदानी में सूजन होना भी कहा जाता है जो कि बहुत बडी बीमारी मानी जाती है।
सवाल : बच्चेदानी में इन्फेक्शन के लिए सबसे बढ़िया घरेलू उपाय क्या है।
घरेलू उपाय के रूप में सॉफ और इलायची को महीन पीसकर उसे कच्चे दूध के साथ सेवन करें, ऐसा करने पर आपको इस इंफेक्शन से राहत मिलेगी।
सवाल : बच्चेदानी में INFECTION होने पर सबसे अच्छी दवाई कौन सी है।
सबसे अच्छी मेडिकल टैबलेट ofx 100 mg है।
Disclaimer
Conclusion
इस लेख में आप बच्चेदानी में इन्फेक्शन के लक्षण के बारे में जाना आशा करते है | आप बच्चेदानी (गर्भाशय) में सूजन जैसे महत्वपूर्ण विषय की पूरी जानकारी जान चुके होंगे।
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