शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय : आज वर्तमान समय में हिंदू संस्कृति के अनुसार कुल 18 पुराण अस्तित्व में है और इन्हीं 18 पुराणों में एक हिंदू धर्म से संबंधित व्यक्ति को किस प्रकार जीवन में सभी प्रकार के कार्य करने चाहिए इससे संबंधित शिक्षा भी मिलती हैं
उदाहरण के लिए भागवत पुराण में व्यक्ति को किस प्रकार से अपने धर्म का पालन करना चाहिए यह उल्लेखित किया गया है तो वहीं दूसरी और मत्स्य पुराण में एक व्यक्ति के क्या नैतिक कर्तव्य है इन को दर्शाया गया है
वही अगर बात की जाए गरुड़ पुराण की तो इसमें व्यक्ति के पाप पुण्य का निर्धारण भगवान द्वारा किस प्रकार किया जाएगा इस बात का जिक्र भी किया गया है और कोई व्यक्ति यदि इन पापों से मुक्ति पाना चाहता है तो वह किस प्रकार से पा सकता है यह भी उल्लेखित हैं
अतः कोई भी सनातन धर्म का व्यक्ति जब भी किसी मुसीबत में होता है तो इन्हीं पुराणों की मदद से कुछ ना कुछ उपाय खोजने का प्रयास करता है
और इन्हीं पुराणों में से एक पुराण है, शिव पुराण जो कि सबसे प्राचीन होने के साथ-साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि इसकी रचना स्वयं भगवान शिव द्वारा की गई हैं
प्रत्येक शादीशुदा जोड़े की इच्छा होती है कि उनके घर में एक नन्ना मुन्ना बालक खेले परंतु यह सुख विभिन्न कारणों से कुछ शादीशुदा जोड़ों को नहीं मिल पाता है और विभिन्न प्रकार के उपायों को अपनाने के बाद भी उन्हें पुत्र प्राप्ति नहीं होती हैं
यहां तक कि मेडिकल साइंस भी यह सब मामले में इन शादीशुदा जोड़ों की मदद नहीं कर पाता है क्योंकि यदि वह पहले गर्भ में ही बच्चे की जांच कर ले तो यह गैरकानूनी होने के साथ-साथ ही अनैतिक भी होता है और जब व्यक्ति हर और से हार जाता है तो वह अपने धर्म की ओर लौटता है
शिव पुराण में ऐसी अनेक विधियां बताई गई है, जिनको अपनाकर कोई शादीशुदा जोड़ा अपने घर में एक पुत्र की प्राप्ति कर सकता है तो आज के इस लेख में हम इसी शिवपुराण की महत्वता समझते हुए यह देखेंगे कि इसमें उल्लेखित किन किन उपायों का उपयोग करके कोई जोड़ा अपने घर में एक बालक का मुंह देख सकता है
शिव पुराण में उल्लेखित सभी उपायों को यदि व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से अपनाएं तो महादेव की कृपा से उसको जल्द ही पुत्र की प्राप्ति होती है क्योंकि शिव पुराण में भी लिखित है कि भगवान बहुत ज्यादा भोले हैं और कोई भक्त यदि सच्चे मन से उन्हें याद करता है तो वह उनकी हर मुराद पूरी करते हैं
साथ ही हमारे आज के इस लेख का मुख्य विषय रहेगा शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय

अनुक्रम
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय
हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक सबसे महत्वपूर्ण पुराण यह शिवपुराण भी माना जाता है और ऋषि-मनियों द्वारा भी भगवान शिव के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए इसी पुराण का वाचन किया जाता है
पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान शिव की पूजा इसलिए भी की जाती हैं क्योंकि अपने सच्चे भगत की छोटी सी श्रद्धा से भी महादेव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और यही कारण है कि महादेव को भोले भंडारी भी कहा जाता है
पुत्र प्राप्ति हो जाने के पश्चात भी हर सोमवार को और अगर हो सके तो हर दिन किसी व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए और एक देसी घी का दीपक शिवलिंग के पास रखना चाहिए
साथ ही व्यक्ति को ओम नमः शिवाय नामक इस शिव मंत्र का जाप रोजाना 108 बार करना चाहिए और जल्दी उठकर स्नान कर कर एक जगह बैठकर इस मंत्र का ध्यान भी करना चाहिए
शिवपुराण में यह भी वर्णित है कि यदि कोई शादीशुदा जोड़ा या दंपत्ति एक साथ बैठकर माता पार्वती एवं भगवान शिव की पूजा साथ में करता है तो उसे पुत्र प्राप्ति और भी ज्यादा जल्दी होती है क्योंकि इन दोनों की साथ में पूजा करना एक सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है
माता पार्वती और भगवान शिव की साथ पूजा करने पर उस दंपत्ति पर होने वाले अन्य कोई भी नकारात्मक प्रभाव भी दूर होते हैं और उनका सुहाग भी लंबे समय तक चलता है और साथ ही साथ उन्हें एक छोटा सा नन्ना मुन्ना पुत्र भी प्राप्त हो जाता है
अगर किसी दंपत्ति को शिवपुराण में वर्णित इन सभी उपायों को अपनाने के बाद पुत्र प्राप्ति हो जाती हैं तो फिर उन्हें प्रत्येक सोमवार को सच्ची श्रद्धा से भगवान शिव का व्रत रखना चाहिए और साथ एक रोटी को छोटी सी गुड़ की भेली के साथ पलट कर उसे गाय को जरूर देना चाहिए
हालांकि मुख्य तौर पर शिवपुराण में ऐसे विभिन्न उपाय बताए गए हैं जिनके द्वारा किसी दंपत्ति को पुत्र प्राप्ति हो जाती हैं परंतु अब हम ऐसे मुख्य पांच उपायों के बारे में चर्चा करने वाले हैं जो की शिव पुराण के अनुसार भी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं
हर सोमवार छोटी बालिकाओं को भोजन कराना भी है पुत्र प्राप्ति का उपाय
यह शिव पुराण का सबसे महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है और यदि इस उपाय को श्रावण मास में किसी दंपत्ति द्वारा किया जाए तो उन्हें 100% पुत्र प्राप्ति होती हैं
इसके लिए प्रत्येक श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को 21 कन्याओं को किसी दंपत्ति द्वारा भोजन कराया जाना चाहिए और भोजन कराने के पश्चात उन्हें अपनी श्रद्धा अनुसार कुछ दान भी देना चाहिए
ऐसा माना जाता है कि यह 21 कन्याएं माता पार्वती के 21 रूप होते हैं और यदि यह सभी कन्याए अपने सच्चे मन से उस दंपत्ति को आशीर्वाद दें तो उन्हें भगवान शिव की कृपा से जरूर पुत्र प्राप्ति होती हैं
इन बालिकाओं को भोजन कराने के अलावा वह दंपत्ति इनका कुछ अन्य खर्च भी बहन कर सकता है तो करना चाहिए
शिवपुराण में वर्णित छोटे लड्डू बाल गोपाल से भी होती है पुत्र प्राप्ति
हर दंपत्ति चाहता है कि उन्हें छोटे से लड्डू बाल गोपाल की तरह एक छोटा सा पुत्र प्राप्त हो और उसके लिए शिव पुराण में भी यह उपाय बताया गया है कि यदि कोई दंपत्ति 21 गुरुवार तक बालमुकुंद भगवान यानी कि छोटे लड्डू गोपाल की पूजा करता है तो उन्हें पुत्र की प्राप्ति अवश्य ही होती
यह पूजा 21 सोमवार को भी की जा सकती है परंतु गुरुवार को करने पर ज्यादा लाभ प्राप्त होता है
ऐसा करने के दौरान छोटे भगवान यानी कि लड्डू बाल गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाया जाना चाहिए और साथ ही उस दंपति द्वारा भी उस प्रसाद को ग्रहण करना चाहिए
इन छोटे लड्डू गोपाल की पूजा करते समय “ओम नमो ओम भगवते वासुदेवाय नमः” इस मंत्र का जाप लगभग एक लाख बार करते हुए भगवान शिव एवं श्री कृष्ण की आराधना करनी चाहिए
अगर आप अपने घर में छोटे लड्डू बाल गोपाल को रखना चाहते हैं तो आप ऐसा भी कर सकते हैं परंतु इनकी सेवा करते समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और बिल्कुल भी गंदगी नहीं करनी चाहिए
छोटे लड्डू बाल गोपाल को रखते समय इनका ध्यान ऐसे ही रखना चाहिए जैसे कि एक मां अपने छोटे बच्चे का रखती हैं
भगवान शिव का अभिषेक करना भी है पुत्र प्राप्ति में सहायक
वैसे तो रोजाना ही भगवान शिव का अभिषेक उस दंपत्ति को करना चाहिए जो कि पुत्र प्राप्ति करने की इच्छा रखते हैं परंतु यह अभिषेक करते समय सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ भी करना चाहिए जो कि भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रसन्न करने का काम करता है
इसके अलावा माता पार्वती के मंदिर में सुहागन की चुनरी भी भेंट करें एवं किसी भी पीपल के पेड़ के नीचे एक तिल के तेल का दीपक जरूर जलाएं जिससे कि माता पार्वती एवं भगवान शिव प्रसन्न होते हैं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में नीम का पेड़ एवं पीपल का पेड़ सबसे ज्यादा पवित्र माने जाते हैं और आप चाहे तो पीपल के पेड़ के नीचे एक छोटा सा शिवलिंग भी स्थापित कर सकते हैं और रोजाना उस पर भी अभिषेक कर सकते हैं
रोजाना किया जाने वाला यह अभिषेक सूर्यास्त से पहले कर देना चाहिए और सुबह यह सूर्योदय से पहले किया जाना चाहिए
शिवलिंग पर धतूरे के फूल चढ़ाने से भी होगी पुत्र प्राप्ति
हम जब भी भगवान शिव के रूप को देखते हैं तो वह सदैव धतूरे का सेवन करते हुए नजर आते हैं और इसे एक नशीला पदार्थ भी माना जाता है और यह स्पष्ट है कि यदि आप भगवान को उनकी पसंदीदा चीज अर्पण करेंगे तो वह आपकी मनोकामना को और भी ज्यादा जल्दी सुनेंगे
इसी कारण से पुत्र प्राप्ति के लिए हर रोज शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद उस पर तीन से चार फूल धतूरे के चढ़ाने चाहिए
जिससे कि पुत्र प्राप्ति आसानी से होती हैं एवं साथी उस दंपत्ति को शिव पुराण का पाठ भी करना चाहिए जिनको को पुत्र प्राप्ति की इच्छा है
श्रावण मास में ऐसा करने पर भगवान शिव की कृपा उस नव दंपत्ति पर बहुत ज्यादा बनी रहेगी
वृक्षारोपण से भी होगी पुत्र प्राप्ति
शिव पुराण में पुत्र प्राप्ति के लिए बताया गया यह उपाय पुत्र प्राप्ति के अलावा हमारी प्रकृति के लिए भी सहायक है क्योंकि जब भी हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएंगे तो इससे प्रकृति का संतुलन भी बना रहेगा और भगवान की अराधना भी हो जाएगी
भगवान शिव को हरियाली बहुत ज्यादा पसंद थी और इस कारण से शिवपुराण में भी इसका जिक्र किया गया है कि दंपत्ति को पुत्र प्राप्ति की इच्छा पूरी करने के लिए विभिन्न प्रकार के वृक्षों को रोपित करना चाहिए
- आंवले का पौधा रोपित करें
- पीपल का पेड़ लगाएं
- आम का पेड़ लगाएं
- एलोवेरा का पेड़ लगाएं
- नीम का पेड़ लगाएं
बहुत सारे दंपत्ति यह गलती करते हैं कि इन पेड़ों को रोपित करने के बाद व इन्हें कुछ दिन पानी देने के बाद छोड़ देते हैं और ऐसे में यह वृक्ष किसी भी काम के नहीं रहते परंतु ऐसा करना आप के उपाय के विपरीत भी हो सकता है
इन वृक्षों को बड़ा करने के लिए उस दंपति को हर रोज इनमें पानी देना चाहिए और इनकी देखभाल भी करते रहना चाहिए क्योंकि इसकी सेवा द्वारा ही उन्हें पुत्र की प्राप्ति संभव है
छोटे छोटे बालक भी लाएंगे आपके घर में नन्ना मुन्ना पुत्र
21 कन्याओं को भोजन कराने के अलावा ही किसी भी दंपत्ति को जो कि पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखता है, उसे छोटे छोटे बालकों को भी खाना खिलाना चाहिए और अपनी श्रद्धा अनुसार उन्हें कुछ दान में देना चाहिए
ऐसा करने पर भगवान शिव की दिव्य दृष्टि उस दंपति पर पड़ेगी और उन्हें जल्द ही मनचाहे पुत्र की प्राप्ति भी होगी और हो सके तो वह दंपत्ति उनमें से कुछ बालोंको की पढ़ाई का खर्च भी उठा सकते हैं
उन छोटे बच्चों को खाना खिलाने के बाद आप उन्हें कुछ रूपए पैसे भी दे सकते हैं एवं चाहे तो एक-एक जोड़ी उन सबके लिए कपड़े भी भेंट कर सकते हैं
भगवान शिव का व्रत करना भी होगा पुत्र प्राप्ति में शुभ
कोई दंपत्ति यदि पुत्र प्राप्त करना चाहता है तो उन्हें भगवान शिव के निरंतर व्रत करते रहना चाहिए और श्रद्धा अनुसार उस दिन कुछ ना कुछ दान भी देना चाहिए
उदाहरण के लिए कोई दंपत्ति 11 सोमवार का व्रत कर सकता है तो वही कोई दंपति चाहे तो 51 या 21 सोमवार का व्रत भी कर सकता है परंतु यह सभी व्रत करने उस दंपत्ति की इच्छाशक्ति पर निर्भर करते हैं क्योंकि अगर वह दंपत्ति चाहे तो अपने संपूर्ण जीवन भर इस व्रत की नीति को अपना सकता है
जिस दिन भगवान शिव का व्रत उसे दंपत्ति द्वारा रखा जाता है उस दिन कच्चे दूध का अभिषेक भगवान शिव के शिवलिंग पर जरूर करना चाहिए और शाम को व्रत खोलते समय एक रोटी पहली गाय को देनी चाहिए
प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव का व्रत करने के बाद आप अपनी इच्छा अनुसार किसी भी प्रकार का दान पुण्य कर सकते हैं और यह संपूर्ण प्रक्रिया आप पर निर्भर करती है कि आप क्या दान करना चाहते हैं
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा क्यों है जरूरी पुत्र प्राप्ति के लिए
भगवान शिव और माता पार्वती स्वयं भी रिश्ते में पति-पत्नी लगते थे और उनके दो पुत्र हुए जिनमें से एक का नाम कार्थकेयन तो दूसरे का नाम श्री गणेश था
आज भी भगवान शिव के इन दोनों पुत्रों का नाम संपूर्ण विश्व में बहुत आदर सत्कार के साथ लिया जाता है और इन्हें आदर्श पुत्रों की संज्ञा भी दी जाती हैं
इनके पुत्र भगवान गणेश ने इनकी परिक्रमा लगाकर यह बता दिया था कि मेरी पृथ्वी और मेरा संसार यही है जो कि मेरे माता-पिता हैं
यह भी एक प्रमुख कारण है कि बहुत सारे दंपतियों द्वारा भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती हैं और यह मनोकामना की जाती है कि उन्हें भी भगवान श्री गणेश एवं कार्तिकेय जैसे पुत्रों की प्राप्ति हो और वह भी जगत में उनके जैसा नाम करें
इसके अलावा भगवान शिव और माता पार्वती की जोड़ी को सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है और एक पति पत्नी के बीच किस प्रकार का संबंध रहना चाहिए ताकि वह अटूट बना रहे यह बात भी हमें भगवान शिव और माता पार्वती से सीखने को मिलती हैं
इस कारण भी बहुत सारे जोड़ों द्वारा इनकी पूजा संयुक्त रूप से की जाती हैं और इनकी पूजा संयुक्त रूप से करना पुत्र प्राप्ति में भी बहुत ज्यादा सहायक होता है
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए शुभ मुहूर्त
शिवपुराण में वर्णित सभी प्रकार के उपायों को करने के बाद पुत्र प्राप्ति करने के लिए किसी भी जोड़े को एक शुभ मुहूर्त का भी चुनाव करना चाहिए क्योंकि उस शुभ मुहूर्त में गर्भाधान करने पर इस बात की प्रबल संभावना रहती है कि उस जोड़े को भगवान शिव की कृपा से पुत्र की प्राप्ति ही होगी
हिंदू शास्त्रों के अनुसार सोमवार एवं बुधवार को यदि किसी महिला द्वारा गर्भ धारण किया जाता है तो उन्हें पुत्र प्राप्ति की संभावना रहती हैं क्योंकि सोमवार का वार मुख्यता भगवान शिव को समर्पित रहता है वहीं दूसरी और बुधवार का वार भगवान शिव के पुत्र श्री गणेश को समर्पित रहता है
शादीशुदा जोड़े को भगवान शिव का जाप करते रहना चाहिए और साथ ही माता पार्वती की आराधना भी साथ साथ में करनी चाहिए
इसके अलावा कोई महिला गर्भधान करते समय इस बात का ख्याल रखें कि इस दौरान वह किसी भी प्रकार का व्रत या पूजा-पाठ ना करें क्योंकि इस दौरान साफ-सफाई का ख्याल किसी महिला द्वारा रख पाना बहुत मुश्किल होता है और ऐसे में भगवान शिव की आराधना करना भी अशोक माना जाता है
पुत्र प्राप्ति हो जाने के पश्चात भी उन सभी दंपतियों को भगवान शिव माता पार्वती की आराधना निरंतर रूप से करते रहना चाहिए और हो सके तो निरंतर रूप से व्रत भी करने चाहिए
पुत्र की प्राप्ति होने के बाद कोई जोड़ा चाहे तो भगवान शिव के समरूप ही उसका नाम भी रख सकता है और जब उसका पहला जन्मदिन आए तो ऐसे में दान पुण्य का सहारा लेते हुए, जरूरतमंद लोगों को विभिन्न प्रकार की वस्तुएं उपलब्ध करानी चाहिए जिससे कि भगवान शिव की कृपा उस बच्चे के साथ ही उस दंपति पर भी बनी रहती हैं
पुत्र प्राप्ति के उपाय की व्यापक सूची
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
- भगवान शिव की पूजा करना
- शिवलिंग की परिक्रमा करना
- रूई की बत्ती से घी का दिया जलाएं
- जल, दूध, शहद, घी और दही से भगवान शिव का अभिषेक करना
- शिव मंदिरों की प्रदक्षिणा करना
- भगवान शिव की कथा सुनना
- भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें
- शिव चालीसा का जाप करें
- भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें
- गरीबों को अन्न दान करना
- भगवान शिव के नाम पर दान करना
- शिव पुराण का श्रवण करना
- महाशिवरात्रि का व्रत करना
- होम (हवन) करना
- रुद्र अभिषेक करना
- पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगाना
- संध्यावंदनम् करना
- ओम नमः शिवाय का जाप करना
FAQs : Shiv Puran me Putr Prapti ke Upay in Hindi
सवाल : शिव पुराण के अनुसार हमेशा शिव जी का जाप कितनी बार करना चाहिए?
प्रत्येक शादीशुदा जोड़े को पुत्र प्राप्ति के लिए प्रत्येक दिन 108 बार ओम नमः शिवाय का जाप करना चाहिए जो कि सबसे पवित्र मंत्र माना जाता है
सवाल : क्या भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा पुत्र प्राप्ति के लिए एक साथ करनी चाहिए?
शिवपुराण में वर्णित उपाय के अनुसार यदि माता पार्वती एवं भगवान शिव की पूजा कोई शादीशुदा जोड़ा एक साथ करता है तो उसे संतान की प्राप्ति होने के साथ-साथ ही पुत्र की प्राप्ति भी होती हैं
सवाल : क्या वृक्षारोपण भी भगवान शिव को खुश करने का एक उपाय है?
महादेव को सबसे ज्यादा हरियाली पसंद है और उसमें भी कुछ प्रमुख पेड़ जैसे कि पीपल, नीम, आम इत्यादि और यदि कोई व्यक्ति इनका रोपण करता है तो इससे महादेव की कृपा उस पर बनी रहती हैं
सवाल : शिव पुराण में संतानों से संबंधित कितने प्रकार के उपाय बताए गए हैं?
शिव पुराण में संतानों एवं पुत्र प्राप्ति से संबंधित विभिन्न प्रकार के 7 उपाय बताए गए हैं
सवाल : क्या शिवलिंग पर सूखे गेहूं चढ़ाने से भी पुत्र प्राप्ति होती है?
जी हां, सोमवार के दिन प्रातः काल भगवान शिव को गेहूं चढ़ाने पर भी किसी दंपत्ति को सुयोग्य पुत्र की प्राप्ति होती हैं
सवाल : किसी शादीशुदा जोड़े को पुत्र प्राप्ति के लिए शिव पुराण के अनुसार कौन सा पाठ करना चाहिए?
किसी दंपत्ति को पुत्र प्राप्ति के लिए संतान गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए जो कि शिव पुराण में भी वर्णित हैं
सवाल : किसी दंपत्ति को सुयोग्य पुत्र प्राप्ति के लिए सप्ताह के कौन से दिन भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए?
संतान प्राप्ति या पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान शिव की पूजा सोमवार एवं रविवार को की जानी चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान इस दिन सबसे ज्यादा प्रसन्न रहते हैं
सवाल : पुत्र प्राप्ति के लिए सोमवार को भगवान शिव के समक्ष किस प्रकार की पूजा करनी चाहिए?
सोमवार की सुबह जल्दी उठकर भगवान शिव के शिवलिंग पर एक लोटे वर्कर कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए एवं साथ ही गाय के घी का शुद्ध दीपक भी करना चाहिए
सवाल : क्या शिवलिंग पर कच्चे चावल के दाने चढ़ाने पर भी पुत्र प्राप्ति होती हैं?
नहीं ऐसा नहीं है, इस उपाय द्वारा भगवान शिव की कृपा उस व्यक्ति के अन्य भंडार पर रहती हैं और उसके घर में अन्य का भंडारण कभी खत्म नहीं होता
सवाल : क्या पुत्र प्राप्ति के लिए लड्डू गोपाल की पूजा करनी चाहिए?
यह तथ्य शिव पुराण में भी वर्णित है कि पुत्र प्राप्ति करने के लिए 21 गुरुवार तक बालमुकुंद छोटे लड्डू गोपाल की पूजा करनी चाहिए क्योंकि उस दंपत्ति की आने वाली संतान पर इसी छोटे श्रीकृष्ण का प्रभाव होगा
Conclusion
आज का हमारा यह लेख शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय बहुत ज्यादा पसंद आया होगा और इस लेख को पढ़कर आप यह जान गए होंगे कि शिवपुराण में भी कुछ ऐसे उपाय बढ़ने थे जिनके द्वारा किसी जोड़े को पुत्र प्राप्ति हो सकती हैं
अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इस लेख के Comment Box में अपने Valuable Suggestions जरूर लिखें ताकि आगे आने वाले समय में हम आपके इन सुझावों के मुताबिक विभिन्न प्रकार के ज्ञानवर्धक लेख आपके लिए लाते रहे और आपके ज्ञान में सकारात्मक वृद्धि करते रहे
इस लेख को पढ़ने के लिए आप सभी पाठकों का बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद