हर्निया रोग क्या है – जब शरीर के किसी अंग की संरचना बदल जाती है या उसके कार्य करने की क्षमता में कमी आ जाती है तो ऐसी स्थिति को ‘रोग’ कहते हैं
रोग अनेकों प्रकार के हो सकते हैं, जैसे जीवाणु से होने वाले रोग, विषाणु से होने वाले रोग, प्रोटोजोआ से होने वाले रोग आदि, इन रोगों को कभी भी एक कैटेगरी में नही रखा जा सकता है
रोग हमारे शरीर को तभी प्रभावित कर पाते हैं जब हमारा शरीर कमजोर हो जाता है कमज़ोरी के कारण हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है
जिसके परिणाम में व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियां हो जाती है जैसा कि आपने पहले भी हमारे कई आर्टिकल्स में कई बीमारियों जैसे किडनी की समस्या, पीलिया और शुगर आदि की समस्या और उनके इलाज आदि के बारे में पढ़ा होगा
तो उसी तरह आज हम हर्निया के बारे में पढ़ेंगे, हर्निया भी एक रोग है जो कि पुरुष और महिलाओं दोनो में होता है परंतु इसका असर दोनो पर अलग अलग प्रकार से होता है
हर्निया तब होता है जब एक आंतरिक अंग या शरीर का अन्य हिस्सा मांसपेशियों या ऊतक की दीवार से बाहर निकलता है, अधिकांश हर्निया छाती और कमर के बीच के हिस्से में होते हैं
हर्निया से संबंधित जितनी भी आवश्यक जानकारियां है जैसे हर्निया रोग क्या है, इसके लक्षण कैसे होते हैं, किन कारणों से ये रोग व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है
तथा इसके संभव इलाज़ आदि के बारे में आगे हम विस्तार से अध्ययन करेंगे जिससे हर्निया रोग से संबंधित आपके जितने भी सवाल हों उन सबका जवाब हमारे इस आर्टिकल से आपको प्राप्त हो सके

अनुक्रम
हर्निया रोग क्या है – Hernia rog kya hai
हर्निया को एक बहुत ही आम बीमारी की कैटेगरी में रखा जाता है यह रोग लगभग दो फीसदी लोगों में देखने को मिल जाता है
इसलिए इस रोग से ग्रसित रोगियों के लिए इस स्वास्थ्य समस्या के बारे में सारी बातें जान लेना बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकता है
कई बार गलत जानकारी या जानकारी के आभाव के कारण हर्निया के बहुत से मरीज सही समय पर उचित इलाज से वंचित रह जाते हैं जिस वजह से यह बीमारी और भी गंभीर हो जाती है
हर्निया रोग कई बार इतना गंभीर हो जाता है कि व्यक्ति के जान के लिए भी खतरा पैदा हो जाता है
हर्निया रोग तब होता है जब पेट के किसी हिस्से में कमजोरी आ जाने की वजह से वहां से पेट के अंदर के अंग जैसे कि आंतें बाहर आने लग जाती हैं और उससे पेट के उस हिस्से में गुब्बारे जैसी सूजन बन जाती है
हर्निया आमतौर पर पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक पाया जाता है यह रोग पेट के जोड़ वाले हिस्से, जांघ या पेट में पूर्व किए हुए ऑपरेशन की जगह पर होता है
हर्निया रोग किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है यह रोग जन्मजात शिशुओं से लेकर वृद्ध व्यक्तियों तक को हो जाता है
हर्निया रोग से हमारे सामान्य दिनचर्या पर भी काफी असर पड़ता है, यह हमारी दिनचर्या में असुविधा तथा दर्द उत्पन्न करने का कारण बन सकता है
हर्निया से पीड़ित रोगी को वजन उठाने या भारी काम करने में भी काफी तकलीफ होती है, इससे उसकी सेक्स लाइफ पर भी असर पड़ सकता है
कई बीमारियों की तरह हर्निया में भी इस बात का ध्यान रखना जरूरी होता है कि इस रोग में समय के साथ ना तो कोई सुधार होता है और ना ही यह रोग जाता है
बल्कि समय के साथ ये और बढ़ता ही रहता है तथा आगे चल कर गंभीर रूप धारण कर लेता है हर्निया में कई स्थितियों में जान का खतरा उत्पन्न हो सकता है इसलिए इस रोग का तुरंत उपचार करवाना चाहिए
आमतौर पर यह रोग बहुत अधिक जानलेवा नहीं होता है परंतु यह कभी भी अपने आप सही नहीं होता है इसलिए हर्निया से होने वाले खतरनाक परिस्थितियों से बचने के लिए या इस रोग को समाप्त करने के लिए सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है
अब अगर हम आपसे पूछें कि क्या होता है हर्निया रोग?
तो यदि आपने हमारा ये प्वाइंट हर्निया रोग क्या है अच्छे से पढ़ा है तो आप इस सवाल का जवाब आसानी से दे सकते हैं तो आइए, अब हम आगे हर्निया रोग के बारे में और भी जानकारियां एकत्र करें
हर्निया रोग के प्रकार | Hernia Rog ke prakar
स्त्री और पुरुष दोनों में ही हर्निया रोग अलग अलग प्रकार का होता है इन प्रकारों के आधार पर ही इसे वर्गीकृत किया गया है हर्निया किस अंग से निकलता है इस आधार पर भी इसे बाँटा गया है
तो आइये जानते हैं इसके कितने प्रकार होते हैं तथा उनका संक्षिप्त विवरण कैसे किया जाता है
नितंब हर्निया, हर्निया का ही एक दुर्लभ प्रकार है जो कि कमज़ोरी या शरीर में ग्लूटियल मसल फाइबर की कमी के फलस्वरूप होता है
1) जघनास्थिक हर्निया (Femoral Hernia)
इस हर्निया के कुल मामले केवल 20% लोगों में ही देखने को मिलते हैं हर्निया रोग का यह प्रकार पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है
जघनास्थिक हर्निया, हर्निया का एक असमान्य प्रकार होता है जो कि कभी कभी जाँघों के भीतरी ऊपरी हिस्से में दिखाई पड़ता है
पर जब आप लेटतें हैं, तो यह उभर वापस चला जाता है तथा सामान्य दिखने लग जाता है परन्तु किसी तरह के दर्द के कारण यह वापस भी आ सकता है
2) श्रोणि गवाक्ष हर्निया (Obturator Hernia)
श्रोणि गवाक्ष, हर्निया के ही एक दुर्लभ प्रकार को कहा जाता है हर्निया रोग का यह प्रकार महिलाओं में बहुत अधिक आम है
यह विशेष रूप से उन वृद्ध महिलाओं में पाया जाता है जिन्होंने हाल ही में बहुत अधिक वजन कम किया है
3) उदर हर्निया (Abdomen Hernia)
यह भी हर्निया का ही एक प्रकार है उदर हर्निया की समस्या महिलाओं में पेट पर दबाव पड़ने के कारण हो सकती है
4) वेक्षण हर्निया (Inguinal Hernia )
इंग्वाइनल हर्निया को हर्निया का सबसे आम प्रकार माना जाता है आम तौर पर ब्रिटिश हर्निया के सभी प्रकारों में कुल 70% मामलों में इस प्रकार का हर्निया पाया जाता है
ऐसा तब होता है जब आंत पेट की निचली दीवार को फाड़कर बाहर निकल आती है
यह इंग्वाइनल में पाया जाता है तथा इंग्वाइनल केनाल हमारे ग्रोइन में होता है
इस तरह का हर्निया महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक आम माना जाता है
5) आकस्मिक हर्निया (Incisional Hernia)
इस तरह का हर्निया पेट की सर्जरी होने के बाद हो सकता है जब ऊतक ऐसे शल्य घाव के माध्यम से निकलता है जो पूरी तरह से ठीक नही हुआ रहता है
इस हर्निया में आपकी आंतें, चीरे के निशान या आसपास के कमजोर ऊतक के माध्यम से बाहर निकल आ सकती हैं
6) नाभि हर्निया (Umbilical Hernia)
इस तरह का हर्निया जन्मजात, बच्चों या युवावस्था के लोगों में भी देखने को मिल सकता है नाभि हर्निया उस स्थिति को कहते हैं जब आंतें, नाभि के पास वाली पेट की दीवार के माध्यम से बाहर निकल आने लगती हैं
इस तरह की हर्निया में आप रोगी की नाभि में या उसके आस-पास एक उभर देख सकते हैं
इस प्रकार का हर्निया आपको पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखने को मिल सकता है
अम्बिलइकल हर्निया, हर्निया का एकमात्र ऐसा प्रकार है जो कि कई बार अपने आप खत्म हो जाता है बच्चों में यह रोग अपने आप खत्म हो जाता है
क्योंकि आमतौर पर बच्चा जब 1 वर्ष का हो जाता है तो उसकी पेट की दीवार की माँसपेशियाँ अपने आप मजबूत हो जाती हैं
पर यदि यह हर्निया सही नही होता है तो इसका इलाज करने के लिए सर्जरी करवानी पड़ सकती है
अन्य प्रकार के हर्निया
- कटिप्रदेश हर्निया (Katipradesh Hernia)
- उपजंघिका हर्निया (Perineal Hernia)
- परानाभि हर्निया (Para Numblical Hernia)
- कंकनाभिका हर्निया (Pectineal Hernia)
- नितंब हर्निया (Gluteal Hernia)
हर्निया रोग के कारण – Hernia rog ke karan
हर्निया रोग से ग्रसित होने के कई कारण हो सकते हैं उनमें ही विशेषतयः देखे जाने वाले कारणों के बारे में हमने आपको आगे बताया है जिससे आपको हर्निया रोग क्या है के बारे में सारी जानकारियां मिल सकें
हर्निया रोग के कुछ महत्वपूर्ण कारण निम्न दिए जा रहे हैं
1) टीबी तथा अस्थमा आदि से होने वाली लगातार खांसी बन सकती है हर्निया रोग का कारण
यदि किसी व्यक्ति को अस्थमा या टीबी रोग है तथा उसे लगातार खांसी आती है तो यह स्थिति हर्निया रोग का कारण बन सकती है
इसलिए यदि आपको अधिक खांसी आती है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं तथा डॉक्टर की सलाह लेकर आवश्यक दवाइयों का सेवन करें
2) कब्जियत या मोटापे से भी हो सकता है हर्निया रोग
कुछ व्यक्तियों के शरीर में अक्सर कब्जियत रहती है जो कि आगे चल कर कई रोगों का कारण बन सकती है
तो जैसा कि आप देख सकते हैं कि कब्जियत और मोटापे से भी हर्निया रोग हो सकता है तो आपको अपनी डाइट और स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना चाहिए
3) मूत्र मार्ग में रुकावट से भी हो सकता है हर्निया
यदि किसी कारण से आपके मूत्र मार्ग में रुकावट आ रही है तो इससे कई बीमारियां पनप सकती हैं तथा मूत्र मार्ग में रुकावट आगे चल कर हर्निया का भी कारण बन सकता है
4) अनुवंशिक या जन्मजात कारणों से भी हो सकता है हर्निया
कई महिलाओं और बच्चों में जन्म से ही हर्निया होता है जो कि अनुवांशिक होता है इसका समय पर उपचार करना आवश्यक है
क्योंकि जन्मजात हर्निया अपने आप सही नही होता है तथा आगे चलकर आपको इससे कई समस्याएं हो सकती हैं
5) लिवर की गंभीर बीमारियों से भी हो सकता है हर्निया
यदि कोई लीवर की बीमारी से पीड़ित मरीज है तो उसको हर्निया होने का भी खतरा हो सकता है
इसलिए यदि आपको लीवर से संबंधित कोई भी बीमारी है तो तुरंत उसका सही से इलाज कराएं
6) अत्यधिक धूम्रपान करना भी बन सकता है हर्निया का कारण
जो लोग अधिक धूम्रपान करते हैं उन्हें हर्निया होने का खतरा काफी अधिक रहता है, धूम्रपान और भी बहुत सी बीमारियों का कारण बनता है तो यदि आप धूम्रपान करते हैं तो उसको थोड़ा कम करें
अगर हो सके तो पूरी तरह से बंद ही कर दें क्योंकि इसका आपके स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है
ऊपर हमने हर्निया रोग किन कारणों से हो सकता है उनके बारे में बताया है और अब हर्निया रोग होने के कुछ अन्य कारण नीचे दिए गए हैं इन्हें भी अवश्य पढ़ें
हर्निया रोग के अन्य कारण
- प्रोटीन की कमी या कुपोषण
- पुरानी खांसी
- चोट या सर्जरी से नुकसान
- मांसपेशियों की कमजोरी
- पेट में मुक्त द्रव होने से
- अचानक वजन बढ़ जाने से
- किसी अंग की सर्जरी के कारण
- लगातार खांसी या छींकने की समस्या के कारण
- सिस्टिक फाइब्रोसिस
- बढ़ा हुआ प्रोस्टेट
- पेशाब करने के लिए तनाव लगाना
- पेरिटोनियल डायलिसिस
- खराब पोषण
- शारीरिक थकावट
- अपरिचित टेस्टिकल्स
- ज्यादा भारी वजन उठाना भी हर्निया रोग का एक कारण है
- हर्निया का एक कारण वृद्धावस्था या पैरालिसिस भी हो सकता है
हर्निया रोग के लक्षण – Hernia rog ke lakshan
हर्निया रोग के लक्षण (Hernia Symptoms) आमतौर पर तो नहीं दिखाई देते हैं पर हर्निया में कभी कभी तीव्रता से दर्द होना काफी सामान्य होता है और इसी से हम पहचान कर सकते हैं कि हमे हर्निया की समस्या हो सकती है
हर्निया रोग के लक्षण नीचे दिए हैं
- प्रभावित क्षेत्र में गांठ या उभार
- छाती में दर्द होना
- शरीर में भारीपन महसूस होना
- देर तक खड़े रहने में परेशानी आना
- पेट में दबाव महसूस होना
- खाना निगलने में कठिनाई आना
- एक हल्के से दर्द की अनुभूति
- जी मिचलाना
- उल्टी आदि
यदि आपको अपने शरीर में ऊपर दिए हुए लक्षण दिखते हैं तो तुरंत उसके उपचार पर ध्यान दें और जल्द ही किसी चिकित्सक से संपर्क करें
हर्निया रोग से बचाव एवं इसका इलाज (Hernia rog se bachav aur iska ilaj)
यदि अब हम आपसे पूछें कि हर्निया रोग क्या होता है तो अगर आपने पूरा आर्टिकल अच्छे से पढ़ा है तो आप इसके बारे में कुछ न कुछ अवश्य बता पाएंगे आगे अब हम इसी रोग के बचाव बारे में कुछ आवश्यक बातें जानेंगे
कुछ मामलों ऐसे होते हैं जिनमे हर्निया को तत्काल सर्जरी की आवश्यकता होती है उदाहरण के लिए जब आंत का एक हिस्सा इंग्वाइनल हर्निया द्वारा बाधित हो जाता है तो ऐसी स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता होती है
हर्निया के आकर और लक्षणों पर निर्भर करता है कि आपको हर्निया के इलाज की जरूरत है या नही, यदि आपने किसी डॉक्टर से कंसल्ट किया है
तो आपका डॉक्टर आपके लक्षणों की जटिलता को देखते हुए आपके हर्निया की जांच करके आगे उसका इलाज करेगा
हर्निया के इलाज के लिए कई महत्वपूर्ण विकल्प निम्नलिखित हैं
1) जीवनशैली में परिवर्तन से भी हो सकता है हर्निया से बचाव
आप अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करके हर्निया रोग से बच सकते हैं तथा अपने आहार में परिवर्तन करके आप हर्निया के लक्षणों को ठीक कर सकते हैं
पर जीवनशैली में परिवर्तन से हर्निया हमेशा के लिए खत्म नहीं होगा पर यदि आपको हर्निया के शुरुवाती लक्षण दिख रहे हैं तो ऐसा करके आप रोग से बचाव कर सकते हैं
ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा हैवी खाने का सेवन न करें, खाना खाकर तुरंत लेटे या सोयें नहीं और अपने शरीर के वजन का तो विशेष ख्याल रखें क्योंकि वजन बढ़ना हर्निया रोग का कारण बन सकता है
कुछ तरह के व्यायाम भी करें जिससे कि आपकी मांसपेशियों मजबूत रहें क्योंकि यदि मांसपेशियां मजबूत रहेंगी तो इससे हर्निया के लक्षणों को भी कुछ कम किया जा सकता है
परंतु कुछ गलत तरीके के व्यायाम करने से हर्निया वाले स्थान पर दबाव बढ़ सकता है जिससे आपको और अधिक समस्या हो सकती है और आपका हर्निया बढ़ भी सकता है
इसलिए जरूरी है कि आप कोई भी व्यायाम करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें उसके बाद ही कोई व्यायाम करना शुरू करें
2) धूम्रपान न करके भी आप हर्निया से बच सकते हैं
धूम्रपान करने वाले रोगों को कैंसर, सांस लेने में परेशानी तथा अन्य भी काई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए अगर आप अपने स्वास्थ्य को ठीक रखना चाहते हैं तो बेहतर यही होगा कि जितना जल्दी हो सके आप धूम्रपान करना बंद कर दें
यदि ये सब बदलाव करने के बाद भी आपको आराम नहीं मिल रहा है तो आपको सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है तो आपको दवाइयों का सेवन करना पड़ सकता है जिनके बारे में हमने नीचे बताया है
3) दवाइयों की सहायता से आप कर सकते हैं हर्निया का इलाज
यदि ऊपर दिए गए सुझावों का अपने दिनचर्या में पालन करके भी आपके स्वास्थ्य पर बिल्कुल भी कोई असर नहीं पड़ रहा है तथा समस्या वैसी की वैसी ही बनी हुई है
तो आपको जल्द से जल्द किसी डॉक्टर के पास जाकर हर्निया की जांच करानी चाहिए, हर्निया के लक्षणों की जांच करके डॉक्टर आपको उसकी उचित दवाइयां देगा जिससे आपको कुछ ही समय में आराम होने लग जाएगा
4) सर्जरी से भी किया जाता है हर्निया का इलाज – Surgery se bhi kiya jata hai hernia ka ilaj
यदि आपको लग रहा है कि आपकी हर्निया लगातार बढ़ती ही जा रही है तथा उसमे दर्द भी बढ़ता जा रहा है तो ऐसी स्थिति में केवल आपका डॉक्टर यह तय कर सकता है कि इसे सही करने के लिए सबसे अच्छा इलाज क्या है
हर्निया को सही करने के लिए, सर्जरी की जाती है जिसमे डॉक्टर पेट की दीवार में हुए छेद को सिल सकता है आमतौर पर यह सर्जरी सर्जिकल जाल के साथ छेद को पैच करके की जाती है
ओपन या लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के साथ हर्निया को सही किया जाता है लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के लिए केवल एक छोटे से कैमरे और कुछ छोटे- छोटे सर्जरीकल यंत्रों की आवश्यकता होती है
हर्निया के आसपास के ऊतकों के लिए लैप्रोस्कोपिक सर्जरी कम हानिकारक होती है
यदि ओपन सर्जरी से हर्निया का इलाज किया जाता है तो इसे सही होने में काफी समय लग सकता है ऑपरेशन के बाद आप लगभग छह सप्ताह तक आप सामान्य रूप से चल नहीं सकते हैं तथा घूमने फिरने में असमर्थ हो सकते हैं
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी होने के बाद व्यक्ति को सही होने में ओपन सर्जरी जितना समय नहीं लगता है, लेकिन इसमें हर्निया के दोबारा होने का खतरा बना रहता है
हर्निया रोग से बचाव के लिए कुछ अन्य आवश्यक उपचार निम्न दिए गए हैं उन्हें भी अवश्य पढ़ें
- ज्यादा भारी सामान नहीं उठाना चाहिए
- किसी भी तरह का जोर न लगाएं, जैसे शौच के समय या यूरिन का उत्सर्जन करते समय
- यदि आपको खांसी हो तो उसका तत्काल इलाज कराएं क्योंकि इससे हर्निया पर काफी दबाव पड़ता है
- हर्निया रोगी ऐसा कोई भी व्यायाम ना करें जिससे कि हर्निया पर दबाव पड़े
- ज्यादा लंबे समय तक खड़े ना रहें, विश्राम करें
- किसी विशेषज्ञ वा योग्य सर्जन से जल्द ही सलाह लेकर ऑपरेशन कराएं
हर्निया का इलाज – Hernia treatment in Hindi
हर्निया एक गंभीर बीमारी है, जो कि जानलेवा साबित होने वाली समस्याओं का कारण बन सकती है, लेकिन – आमतौर पर हर्निया की समस्या घातक या जानलेवा नहीं होती है।
लेकिन इसमें कम या अधिक दर्द हो सकता है। साथ ही आमतौर पर हर्निया को दूर करने के लिए ऑपरेशन ही कराना होता है।
जबकि कुछ केसेज में अन्य चिकित्सा पद्धतियों के जरिए भी हर्निया का इलाज किया जाता है। हर्निया का इलाज इसकी स्थिति और इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह शरीर के किस हिस्से में हुआ है। कुछ केसेज में हर्निया के उबरने से नसों पर दबाव पड़ने लगता है,
इससे संबधित हिस्से में रक्त का प्रवाह बाधित होता है। इस कारण तुरंत ऑपरेशन की स्थिति भी बन जाती है। कई लोगों का मानना है कि हर्निया एक लाइलाज बीमारी है, इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन ये बिलकुल गलत है,
क्योंकि बाकी सभी बीमारियों की तरह ही हर्निया का भी इलाज आसानी से हो सकता है। इसके इलाज़ के लिए आपको निम्न चरणों से गुजरना पर सकती है : –
- होम्योपैथिक इलाज
- आयुर्वेदिक इलाज़
- ओपन सर्जरी
- लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
- घरेलू उपचार
- जीवन शैली में बदलाव
हर्निया का इलाज कैसे किया जाता है – Hernia operation
हर्निया का ऑपरेशन कैसे होता है हर्निया आमतौर पर अपने आप ठीक नहीं होते हैं, और सर्जरी ही उन्हें ठीक करने का एकमात्र तरीका हो सकता है। अगर डॉक्टर को लगती है कि आप इस बीमारी से पीड़ित है तब वह आपके सर्जरी यानि ऑपेरेशन कराने के बारें में बोलते है: –
ओपन सर्जरी: – जिसमें हर्निया के स्थान पर शरीर में एक कट लगाया जाता है। उभरे हुए ऊतक को वापस अपनी जगह पर सेट कर दिया जाता है और कमजोर मांसपेशियों की दीवार को वापस एक साथ जोड़ दिया जाता है। इसमें दो मसल्स के बीच में एक जाली लगा दी जाती है, इसमें सबसे पहले बढ़े हुए मसल्स की लेयर होती है उसके बाद एक जाली और फिर मसल्स की लेयर होती है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी: – लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सुरक्षित और दर्दरहित ऑपरेशन प्रक्रिया है। इससे ऑपरेशन के बाद रोगी को बड़ी परेशानी नहीं होती है और ऑपरेशन के बाद जल्द से जल्द घर चला जाता है। इसे डे-केयर सर्जरी भी कहते हैं जिसमें रोगी ऑपरेशन के 24 घंटे के भीतर चलने फिरने की स्थिति में आ जाता है और अपना काम भी कर सकते हैं।
रोबोटिक हर्निया सर्जरी: – इसमें लैप्रोस्कोप का प्रयोग होती है और छोटे चीर की जाती है। रोबोटिक सर्जरी में सर्जन ऑपरेटिंग रूम में एक कंसोल पर बैठे रहते है और कंसोल की मदद से सर्जरी के सभी उपकरण को पकड़ते रहते है और मशीन से रोबोट (कृतिम मानव) की सहायता यह काम पूर्ण की जाती है।
हर्निया का होम्योपैथिक इलाज – Hernia Homeopathic Medicine
होम्योपैथिक दवाओं के जरिए हर्निया का प्राकृतिक ढंग से इलाज किया जाता है और इस उपचार से लक्षणों में भी आराम मिलता है।
पौधों और खनिज से तैयार की गई होम्योपैथिक दवाएं मरीज के लक्षणों और उसे कोई अन्य बीमारी होने की संभावना के आधार पर बहुत थोड़ी और नियंत्रित मात्रा में दी जाती हैं।
इससे पीड़ित व्यक्ति को सरल इलाज संभव है, जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
होम्योपैथिक इलाज का उद्देश्य हर्निया के मुख्य कारण का इलाज करते हुए उसे जड़ से खत्म करना होता है ताकि वह समस्या व्यक्ति को दोबारा ना हो।
नीचे हर्निया की होम्योपैथिक दवा का नाम दी गई है, जिसका सेवन डॉक्टर के देख-रेख में और उनसे सलाह लेकर की जा सकती है और इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है: –
- एस्कुलस हिप्पोकैस्टेनम (Aesculus Hippocastanum) : इस दवा को Horse Chestnut के नाम से भी जानी जाती है। अगर आपको सीने में जलन, गले में खराश, पेट दर्द, लीवर के आस-पास छूने पर दर्द, गुदा में जलन, पेट में भारीपन हो रही है तब इसका सेवन कर सकते है
- साइलीशिया (Silicea): – जिसे Silica नाम से भी जानी जाती है। अगर मरीज को पैरों में पसीना आना, हमेशा ठंड लगना, पेट दर्द, पेट फूलना, दस्त होना, गले मे सूजन, उल्टी होना और गर्म खाने को नापसंद होती है तब उन्हे इस दवा का सेवन के लिए दिया जा सकता है।
- नक्स वोमिका (Nux Vomica): – जिसका सामान्य नाम Poison Nut है, जिसका इस्तेमाल अलग – अलग प्रकार के हार्निया इलाज़ में किया जा सकता है साथ ही बच्चे से लेकर बूढ़े तक इससे पीड़ित व्यक्ति इस दवा का इस्तेमाल कर सकते है
- कैल्केरिया कार्बोनिका (Calcarea Carbonica) : यह दवा बच्चों को होने वाले उस हर्निया के उपचार में बेहतर काम करती है, जिसमें उनके सिर पर बहुत अधिक पसीना होता है। हालांकि, इस दवा का इस्तेमाल बुजुर्गों के लिए ज्यादा नहीं करना चाहिए।
- रस टाक्सिकोडेन्ड्रन (Rhus Toxicodendron) : इस दवा का इस्तेमाल उन लोगों के उपचार के लिए किया जाता है, जिन्हें भारी-भरकम सामानों को उठाने के कारण हर्निया हो जाती है। पॉइजन आईवी का इस्तेमाल उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है, जिनमें सभी आंतरिक ग्रंथि में सूजन का लक्षण दिखते हैं।
हर्निया का आयुर्वेदिक इलाज – Hernia Patanjali Ayurvedic Medicine
हर्निया के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक तेल लगाने और पिंड स्वेद (गर्म सिकाई) की सलाह देते हैं। हर्बल औषधियों के मिश्रण, आहार में उचित बदलाव, आंतों को स्वस्थ रखकर और तनाव में कमी लाकर हर्निया का इलाज किया जा सकता है
- त्रिफला गुग्गुल: – इस आयुर्वेदिक दवा में त्रिफला, गुलगुल और त्रिकुट होती है जो पेट साफ रखने वाले पदार्थ से कफ साफ, आंतों में मजबूती, शरीर में दर्द और ऐंठन को खतम करने वाले गुण मौजूद होते है जो हर्निया के लक्षणो को दूर करते है और इस रोग से बचाती है।
- गंधन रसायन: – गंधक रसायन में गंधक के अलावा नाग केसर, दालचीनी और हरीतकी की जरूरी मात्रा भी मौजूद होती है। इसके सेवन से ब्लड सेल्स को साफ किया जा सकता है। ये रक्त कोशिकाओं में मेटाबोलिज्म रेट कंट्रोल करती है। कोई दोष होने पर या ब्लड सेल्स के बहाव में असामान्यताएं होने पर इस दवा को देना चाहिए।
- कुटज: – संक्रमण और दस्त से छुटकारा पाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। भूख न लगना या पाचन तंत्र में गड़बड़ी आदि सब विकारों का इलाज कुटज से किया जा सकता है। आंतों में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया और पैथोजन जो संक्रमण फैलाते हैं) को यह दवा खत्म कर देती है जिससे हर्निया में लाभ मिलता है।
- मंजिस्ठा: – खून की गंदगी और अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिए इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल किया जाता है। उतकों के स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए मंजिष्ठा अच्छी जड़ी-बूटी है। इसलिए हर्निया या अन्य सर्जरी के बाद इसका प्रयोग किया जाता है। मंजिष्ठा को काढ़ा, पेस्ट या पाउडर के रूप में ले सकते हैं।
- सानाय: – हमारे शरीर में पाचन तंत्र होता है। भोजन के पोषक तत्व शरीर में अवशोषित हो जाते और वेस्ट चीजें पाचन तंत्र के सभी अंगों से गुजरने के बाद शरीर के बाहर निकलती हैं। खाद्य पदार्थों को पाचन तंत्र के सभी अंगों तक पहुंचाने वाली मांशपेशियों को पेरिस्टलसिस कहते हैं। सनाय का सेवन करने से इन मांसपेशियों के सिकुड़ने की क्षमता बढ़ जाती है जिससे मलत्याग करने में परेशानी नहीं होती है।
- करंज: – करंज आंत को उत्तेजित करने और पेट में गैस को कम करने में मददगार हो सकता है। लेकिन करंज का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है क्योंकि करंज हानिकारक भी हो सकता है।
हर्निया का घरेलू उपाय – Home Remedies for Hernia in Hindi
अगर कोई व्यक्ति हर्निया से पीड़ित है तब वह कुछ घरेलू उपाय और इलाज़ को अपनाकर दर्द और इसके अन्य लक्षणों से छुटकारा पा सकता है: –
- अगर पीड़ित को सूजन हो गई है और पेट संबन्धित कोई परेशानी है तब उन्हे अरंडी के बीज का तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।
- दर्द कम करने के लिए उस स्थान पर बर्फ से सिकाई कर सकते है जो सूजन और दर्द दोनों को तुरंत कम कर देती है।
- कालीमिर्च का उपयोग करके इसके लक्षणो को कम किया जा सकता है, क्योंकि इसमें सूजनरोधी गुण पाएँ जाते है जो पाचनतंत्र को ठीक कर देता है।
- एलोवेरा जूस के सेवन से इसे कम किया जा सकता है, क्योंकि यह पेट से संबन्धित बीमारियों को ठीक करने के लिए सबसे उत्तम रस है।
- मोटापा हर्निया के खतरों को बढ़ा देता है ऐसे में उन्हे व्यायाम और वज़न कम करने पर ध्यान देना चाहिए।
- साथ ही दालचीनी के सेवन से इसे कम किया जा सकता है क्योंकि यह पेट के लिए बहुत लाभदायक है जो मांसपेशियों में दर्द और सूजन कम करने में मदद करती है।
- हर्निया के दौरान उत्पन्न दर्द और सूजन को अदरक से कम किया जा सकता है।
FAQ’s : हर्निया रोग क्या है
सवाल : हर्निया कितने प्रकार के होते हैं?
वैसे तो हर्निया के कई प्रकार होते हैं परंतु सामान्यत: हर्निया तीन प्रकार का होता है
- वेक्षण हर्निया
- नाभि हर्निया
- जघनास्थिक हर्निया
सवाल : क्या हर्निया अपने आप ठीक हो सकता है?
जी नहीं, हर्निया अपने आप ठीक नही होता है इसे ठीक करने के लिए उचित इलाज या सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है
सवाल : हर्निया रोग क्या होता है?
हर्निया रोग उसे कहते हैं जब पेट के किसी हिस्से में कमजोरी आ जाने की वजह से वहां से पेट के अंदर के अंग जैसे कि आंतें बाहर आने लग जाती हैं और उससे पेट के उस हिस्से में गुब्बारे जैसी सूजन बन जाती है
सवाल : हर्निया कहाँ होता है?
हर्निया कई स्थानों पर होता है जैसे जांघ के ऊपरी हिस्से में, नीचे पेट में तथा ग्रोइन में, परंतु पेट में होने वाला हर्निया सबसे आम होता है
सवाल : हर्निया का पता कैसे चलता है?
हर्निया के लक्षणों में पेट की चर्बी का बाहर निकलना, पेशाब करने में कठिनाई आना तथा पेट के निचले हिस्से में सूजन आदि शामिल हैं
Conclusion
आइए देखते हैं कि आज हमने क्या क्या पढ़ा, तो आज के इस आर्टिकल में हमने हर्निया रोग क्या है, हर्निया रोग होने के कारण, Hernia रोग के लक्षण, इसके इलाज तथा इसका ऑपरेशन कैसे किया जाता है इन सबके बारे में हमने आपको सारी आवश्यक जानकारियां प्रदान की हैं
हमें आशा है की इस लेख से आपकी सहायता हुई होगी, अगर आपका इससे संबंधित किसी भी तरह का सवाल है तब नीचे कमेंट में पूछ सकते है जिसका जवाब हम जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे
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