koshika ki khoj kisne ki कोई भी संरचना उसके कणों से मिलके बनती है चाहे हम सजीव की बात करे या निर्जीव की, ताजमहल भी उसके कणों से मिलके बना है तथा इंसानी शरीर भी इंसान की सबसे छोटी इकाई से मिलके बना है इसी इकाई का समूह शरीर कहलाता है
सजीव तथा निर्जीव दोनों ही अपनी इकाई से मिलके बने है,
निर्जीव कणों से मिलके बनते है अलग-अलग कण अलग-अलग में इस्तेमाल करने से अलग-अलग निर्जीव वस्तुओं का निर्माण होता है
वहीं दूसरी तरफ सजीवों की अलग अलग क्रिया है क्योंकि इनकी इकाई समय के साथ वृद्धी भी करती है
तथा एक समय के बाद नष्ट भी हो जाते है | इसका वैज्ञानिक नाम सीटों (cyto) है तथा कोशिका इसका अंग्रेज़ी नाम है इसके अध्ययन को सीटोलोजी कहते है
अनुक्रम
कोशिका की खोज किसने की (koshika ki khoj kisne ki)

कोशिका किसे कहते हैं (koshika kise kahate hain)
सजीवों के शरीर में रचनात्मक और क्रियाशील इकाई को कोशिका कहते है | यह खुदसे जन्म लेने में तथा खुदसे नष्ट होने में समर्थ होते है,
यह विभिन्न पदार्थों का छोटे से छोटा संगठित रूप है जिसमे सभी क्रियाएँ होती है
कोशिका को अंग्रेज़ी में सेल (cell) कहते है जिसका अर्थ एक छोटा कमरा होता है, इस कोशिका में ही सभी क्रिया होती है
इस कमरे को मिला के ऊतकों (tissues) बनते है ऊतकों को मिला के अंग(organ) बनता है, तथा अंगों को मिला के शरीर (body) का निर्माण होता है
इसका अर्थ ये हुआ की सजीवों के जीवन का आधार कोशिकाएं है
तथा कोशिकाएं सभी जीवितों की बुनियाद है शरीर खरबों कोशिकाओं से बना है कोशिकाएं शरीर के लिए संरचना करती है
ये भोजन से पोषण तत्व लेते है उन पोषण तत्वों को उर्जा में परिवर्तित करते हैं तथा ये स्वयं की प्रतियां बनाने में सक्षम होते है |
कोशिका की खोज किसने की होगी (koshika ki khoj kisne thi)
कोशिका की खोज ब्रिटिश के विज्ञानिक रोबर्ट हूक ने 1665 में की थी लेकिन यह मृत कोशिका थी
रोबर्ट हूक पिछली सदी के एक विज्ञानिक थे जो जीवित जीवों पर अध्ययन कर रहे थे
उस समय में अध्ययन करने के लिए अच्छे उपकरण नही उपस्थित थे उस समय के माइक्रोस्कोप भी ज्यादा मजबूत नही थे फिर भी रोबर्ट हूक इतनी महत्त्वपूर्ण खोज करने में कामियाब रहे,
उन्होंने अपने माइक्रोस्कोप के नीचे एक कॉर्क का एक पतला टुकड़ा रखा उन्हें माइक्रोस्कोप में मधुकोश जैसा आकार दिखा जिसे देख कर कर हूक हैरान रह गए |
आप देख सकते है कॉर्क कई छोटी इकाइयों से बना हुआ है, जो कमरे जैसा दिख रहा है इसी को कॉर्क ने सेल का नाम दिया इसकी खोज के 11 साल बाद हालैंड के एंटोन वैन लीउवेनहोक ने अपने माइक्रोस्कोप में कुछ अच्छे बदलाव किये
जिससे उनका माइक्रोस्कोप आधुनिक माइक्रोस्कोप जितना ही मजबूत बन गया, उस माइक्रोस्कोप का उपयोग करके लीउवेनहोक ने1676 में मानव कोशिकाओं और बैक्टीरिया का निरक्षण करने वाले पहले व्यक्ती बने |
जीवित कोशिका की खोज एंटोनिवान ने की थी तथा पहली बार स्लाइदेन-स्वान ने यह पता लगाया था की मानव शरीर कोशिका से मिलकर बना है
दुनिया की सबसे छोटी कोशिका माइको-प्लाज्मा है, तथा दुनिया की सबसे बड़ी कोशिका सुतुमुर्ग का अंडा होता है
मानव शरीर में सबसे छोटी कोशिका पुरुष का शुक्राणु होता है तथा मानव शरीर में सबसे बड़ी कोशिका महिला के अंडाशय की होती है
मानव शरीर में सबसे लम्बी कोशिका हमारे दिमाग में उपस्थित न्यूरॉन की होती है दिमाग में कोशिका का विभाजन नही होता है तथा लीवर में कोशिका का विभाजन सबसे तेज़ी से होता है |
कोशिका का चित्र (koshika ka chitra) तथा कोशिका के अंग
केन्द्रक (Nucleus)
लगभग सभी कोशिकाओं में एक ही केन्द्रक होते है तथा कुछ के एक से अधिक केन्द्रक होते है केन्द्रक कोशिका के सभी कार्यों का केंद्र होता है,
कोशिका के बटने में केन्द्रक भी बट जाता है केन्द्रक कोशिका के अंदर कोशिकाद्रब(cytoplasm) में घूमता रहता है
इसका कोई निश्चित स्थान नही होता पर अधिकतर यह मध्य में रहता है
केन्द्रक की आकृति गोलाकार, वर्तुलाकार, अंडाकार, बेलनाकार, दीघ्र्ताकार, सपात, शाखान्वित,नाशपाती,भालाकर आदि स्वरूपों का होता है |
केंद्रिका (Nucleolus) :
केंद्रिका प्रत्येक केन्द्रक के अंदर पायी जाती है केंद्रिका के भीतर कुछ ख़ास प्रकार के एंजाइम, केंद्रिका सूत्रण, सूत्री विभाजन, रिबोन्य्क्लीइकअम्ल पाए जाते है
केंद्रिका कोशिका विभाजन के समय कुछ हालातों में लुप्त हो जाती है पर बाद में यह खुद से प्रगट हो जाती है
जीवद्रव्य (Protoplasm) :
जीवद्रव्य का निर्माण कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, आर्गेनिक, इनोर्गानिक पदार्थों द्वारा हुआ है जीवद्रव्य द्रव्यकला(plasma membrane) और केंद्रक (nucleus) बे बीच उपस्थित होता है यह एक गाढ़ा पदार्थ है
कोशिका का यह भाग अत्यंत चैतन्य और कोशिका की सभी जीविकी प्रकियाओं का केंद्र होता है इसे जीवन का भौतिक आधार नाम से संबोधित किया जाता है,
इसमें क्या-क्या उपस्थित है इस बात का तो पता लिया गया है किन्तु आज तक इसमें प्राण का संचार कैसे हुआ इस बात का पता नही लगाया जा सका है
जीवद्रव्य में निम्नलिखित पदार्थ निमन्लिखित मात्रा में मौजूद होते है
- पानी =80%
- प्रोटीन=15%
- वसाएँ=3%
- कार्बोहायड्रेट=1%
- लवण=1%
जीवद्रव्य के प्रकार
- कोल्लोइड (colloid)
- कणाभ (granular)
- तंतुमय (fibrillar)
- जालीदार (reticular)
- कूपिकारक (alveolar)
गोल्गी सम्मिश्र (Golgi complex)
1898 में कैमिली गोल्गी नामक विज्ञानिक ने इसकी खोज की थी तथा इसका नाम इसके खोजी के नाम पर रखा गया है यह केंद्रक के समीप पाया जाता है यह तीन तत्वों से मिलके बना है
- सपाट कोश (flattened sacs)
- बड़ी बड़ी रिक्तिकाएँ (large vacuoles)
- आशय(vesicles)
इसका मुख्य कार्य कोशिकीय स्रवन (cellular secretion), प्रोटीनों, वसाओं(fats), कतिपय किण्यों(enzymes) को एकत्र करता है यह जाल जैसा दिखाई देता है
कणाभसूत्र (Mitochondria)
इसको कोशिका का पॉवर प्लांट कहा जाता है
क्योंकि ये आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते है इनका मुख्य कार्य कोशिकीय श्रवण (cellular respiration) होता है
यह अंगक कोशिकाद्रव्य(organelle cytoplasm) में स्थित होता है इसके और भी काम होते है जो इसकी आकृति पर निर्भर करते है इनकी संख्या विभिन्न जंतुओं में पांच लाख तक होती है
अन्त्प्रद्रव्य जालिका (Endoplasmic reticulum)
यह केन्द्रकीय झिल्ली (Nuclear membrane) और द्रव्यकला (Plasma membrane) के बीच होता है
यह यांत्रिक आधारण (mechanical support), द्रव्यों का प्रत्यावर्तन (exchange of materials), कोशिकीय अभिगमन (intercellular transport), प्रोटीनसंश्लेषण (protein synthesis)आदि कार्य करता है
यह आशयों (vesicles) और नलिकाओं (tubules) के रूप में फैला होता है यह दो प्रकार की होती है |
- चिकनी सतहवाली (smooth surfaced)
- खुरदुरी सतहवाली (rough surfaced)
गुणसूत्र (Chromosomes)
गुणसूत्र केन्द्रकों के भीतर जोड़ों में पाएं जाते है इन्हें कोशिका विभाजन में बाँट दिया जाता है
इनमें स्थित जीवों के पौत्रिक गुण होते है इनकी संख्या जीवों में निश्चित होती है इनका आकार इंग्लिश शब्द के S जैसा होता है इनमें नुक्लेओ प्रोटीन (Nucle-o-protein) मुख्य रूप से पाया जाता है गुणसूत्र के विशेष प्रकार होते है |
- लैम्पब्रश गुणसूत्र(Lamp brush chromosomes)
- पोलीटेने गुणसूत्र(Polytene chromosomes)
इन्हें W,X,Y,Z आदि नामों से सम्भोधित किया जाता है
जीन (Gene)
जीन का निर्माण डी-एन-ए द्वारा होता है इन्हें पैत्रिक गुणों का वाहक(carriers of hereditary) माना जाता है
यह पैतृक अथवा शारीरिक गुणों के साथ माता-पिता से निकलकर सततियों में चले जाते है यह आदान-प्रदान पिता के शुक्राणु तथा माता के डिम्ब में जीनों द्वारा संपन्न होता है |
रिबोसोम (Ribosomes)
यह शूक्ष्म गुलिकाओं के रूप में प्राप्त होते है इन संरचनाओं को केवल माइक्रोस्कोप के द्वारा ही देखा जा सकता है
ये विशेषकर अन्त्प्रद्रव्य जालिका के ऊपर पाए जाते हैं इसमें प्रोटीनों का संश्लेषण होता है इनकी रचना 50% प्रोटीन और 50% आर.एन.ए के द्वारा होता है
सन्ट्रोसोम (Centrosomes)
यह विभाजन के समय कोशिका के ध्रुव का निर्धारण करते है तथा कोशिकाओं में कशाभिका (Flagella) जैसी संरचनाओं को उत्पन्न करता है
लवक (Plastids)
यह कोशिकाद्रव्यीय वंशानुगति (cytoplasmic inheritance) के रूप में कोशिका विभाजन के समय संतति कोशिकाओं में स्थानांतरित हो जाता है
इसी के कारण वृक्षों में हरापन होता है लवक अधिकतर पौधों में पाए जाते है यह एक रंजक कण (pigment granules) की तरह होता है |
- केन्द्रक : कोशिका वृद्धि करता है तथा प्रजनन को नियंत्रित करता है
- माइटोकांड्रिया :कोशिका के लिए उर्जा प्रदान करता है इडोप्लाज्मिक
- रेटिकुलम: कार्बोहायड्रेट तथा लिपिड का संश्लेषण करता है
- गोल्गी यंत्र: यह सेलुलर का उत्पाद करता है तथा ऊर्जा एकत्र करता है
- रिबोसोम: यह प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया में शामिल होता है
- लाइसोसोम: सेलुलर मक्रोमोलेकुलेस को पचाते है
यह तो हम जान चुके है की कोशिका की खोज किसने की तथा कैसे की अब यह जानते है की इसके कितने प्रकार है
कोशिका के प्रकार (Koshika ke prakar)
कोशिका दो प्रकार की होती है
- प्रोकैरियोटिक कोशिका
- यूकैरियोटिक कोशिका
प्रोकैरियोटिक कोशिका
प्रोकैरियोटिक कोशिका सबसे आदिम कोशिका है इसमें कोई एक निश्चित केन्द्रक नही पाया जाता जाता है
तथा इस केन्द्रक में बैक्टीरिया और क्यानोबक्टेरिया (blue green algae) भी उपस्थित होते है कोशिका द्रव के अंदर क्रोमैंटिन निकाय हर जगह बिखरे होते है
यह यूकैरियोटिक कोशिका से छोटे होते है इसमें उभयलिंगी विभाजन (se%xual division) होता है
यूकैरियोटिक कोशिका
यूकैरियोटिक कोशिका प्रोकैरियोटिक कोशिका से विकसित होते है इन्हें इनकी झिल्ली नाभि(membrane nucleus) के कारण विशेष माना जाता है
इसमें माइटोकांड्रिया जैसे अंग नाभि से बंधे हुए है तथा ये साइटोप्लाज़म में स्थित होते है इनका केन्द्रक निश्चित होता है
इसमें क्रोमैटिन निकाय एक परमाणु झिल्ली से घिरे होते है इसमें उभयलिंगी विभाजन (sexual division) तथा यौन विभाजन (se%xual division) दोनों होता है
यह प्रोकैरियोटिक कोशिका कि तुलना में बेहतर संरचनात्मक संगठन और बेहतर कार्यात्मक दक्षता दिखाते है
तथा यह प्रोकैरियोटिक कोशिका से बड़े होते है माना जाता है की यह प्रोकैरियोटिक कोशिकाप्रोका से विकसित हुए है |
प्रोकैरियोटिक कोशिका | यूकैरियोटिक कोशिका | |
1 | इसका आकार 0.1-0.5um होता है | इसका आकार 5-100um होता हो |
2 | इसमें एक केन्द्रक होती है | इसमें एक से अधिक केन्द्रक होती है |
3 | इसमें माइटोकांड्रिया भी नही होती | इसमें माइटोकांड्रिया होती है |
4 | इसमें रिबोसोम छोटे होते है | इसमें रिबोसोम बड़े होते है |
5 | इसमें सूक्ष्मनालिकाए अनुसोसोपस्थित होती है | इसमें सूक्ष्मनालिकाए उपस्थित होती है |
6 | लयसोसोम और पेरोक्सिसोमेस अनुपस्थित होते है | लयसोसोम और पेरोक्सिसोमेस उपस्थित होते है |
7 | इसमें नाभिक अनुपस्थित होता है | इसमें नाभिक उपस्थित होता है |
8 | इसमें रिक्तिका मौजूद होती है | इसमें रिक्तिका मौजूद होती है |
9 | इसमें परमाणु झिल्ली की पारगम्यता मौजूद नही है | इसमें परमाणु झिल्ली की पारगम्यता मौजूद होती है |
10 | इसमें एंदोप्लास्मिक रेटिकुलुम नही होता है | इसमें एंदोप्लास्मिक रेटिकुलुम होता है |
11 | यौन प्रजनन नही होता है | यौन प्रजनन होता है |
12 | इसमें मेम्ब्रेन-बाउंड नाभिक अनुपस्थित होता है | इसमें मेम्ब्रेन-बाउंड नाभिक उपस्थित होता है |
13 | इसमें एक गुणसूत्र मौजूद होता है | इसमें एक से अधिक गुणसूत्र मौजूद होते है |
14 | कोशिका भित्ती रासायनिक रूप से जटिल होते है | कोशिका भित्ती रासायनिक रूप से सरल होते है |
15 | इसमें सांइटोस्केलेटन नही होता है | इसमें सांइटोस्केलेटन होता है |
16 | इसमें पीली और फिम्ब्रिअक होता है | इसमें पीली और फिम्ब्रिअक नहीं होता है |
17 | साइतोप्लाज्म में प्रतिलेखन होता है | साइतोप्लाज्म में प्रतिलेखन नहीं होता है |
18 | बैक्टीरिया और आक्रिया इसके उदाहरण है | कवक ,पौधे और जानवर इसके उदाहरण होते है |
कोशिका विभाजन
कोशिकाओ का जन्म लेना तथा एक समय के बाद खुद ही नष्ट हो जाना इसके बारे में तो हम जानते है | पर जब हमें कही चोट लगती है तो कुछ दिन बाद वह चोट कैसे भर जाती है? इसका कारण कोशिका विभाजन है
कोशिकाएं समय तथा हालातों के अनुसार अपने आपको विभाजित करने में सक्षम होती है ज़रूरी नही की हमारे शरीर के हर अंग की कोशिकाए खुदको विभाजित करने में सक्षम हो, दिमाग की कोशिकाएं खुदको विभाजित करने में सक्षम नही होती
इसी कारण अगर दिमाग की कोशिकाए नष्ट होती है तो वाह एक चिंता का विषय कहा जाता है
परन्तु दिमाग के इलावा मानव शरीर के सभी अंग की कोशिकाएं खुदका विभाजन करने में सक्षम होती है
आइये विभाजन कैसे होता है? क्यों होता है? तथा कितने प्रकार का होता है समझते है | कोशिका विभाजन दो प्रकार के होते है मितोसिस(mitosis) और मेइओसिस
मितोसिस (Mitosis)
यह जीवन की एक मौलिक क्रिया है, इस क्रिया में कोशिकाएं अपने सभी पदार्थों की नक़ल कर देते है
जिसमे गुणसूत्र भी शामिल होता है तथा यह कोशिका दो छोटी-छोटी कोशिका में परिवर्तित हो जाती है यह प्रक्रिया बहुत ही संगीन प्रक्रिया अगर इस प्रक्रिया में कोई गड़बड़ हो जाती है तो बहुत बड़ी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है
इसमें एक कोशिका दो कोशिका में बंट जाते है तथा कोशिका के अंदर के पदार्थ भी बंट जाते है इसका उदहारण हम सितारमछली को ले सकते है जो अपने कटे हाथ को कोशिका विभाजन से फिरसे हासिल कर लेती है|
मिओसिस (Meiosis):
मेओसिस में यह ध्यान रखा जाता है की सभी इंसानों की पुश्तों के पास एक ही संख्या में गुणसूत्र हो क्योंकि इस प्रक्रिया में दोनों पैरेंट कोशिका अपने आधे आधे गुणसूत्र दे देती है
तथा उनसे शुक्राणु तथा अंडे के कोशिकाओं का निर्माण होता है जब शुक्राणु तथा अंडा के कोशिकाएं एक दुसरे के संपर्क में आते है तब वह 23 गुणसूत्र देके भ्रूण का निर्माण करती है इसका उदाहरण हम मनुष्यों से ले सकते है
मनुष्य अपनी अपने बच्चो को जन्म मिओसिस कोशिका विभाजन से सम्पूर्ण कर पाते है
जंतु कोशिका (Jantu koshika)
यह एक यूकेरियोटिक कोशिका का प्रकार है इसमें कोशिका की कम दीवारे होती है
इसमें मेम्ब्रेन केन्द्रक के साथ बंधा होता है तथा इसके साथ-साथ सेलुलरऑर्गेनेल भी उपस्थित होते है
इसमें कोशिका की बनी दीवार नही होती होती है तथा इसमें क्लोरोप्लास्ट नही होता है जिस वजह से ये प्रकाश संश्लेषण नही कर सकते तथा अपना भोजन खुद नही बना ससकते|
पादप कोशिका (Padap koshika)
यह भी यूकेरियोटिक कोशिका का ही प्रकार है इसके अंदर एक वास्तविक केन्द्रक होता है जो एक विशेष कार्य को करने की क्षमता रखता है
यवह प्रकाश संश्लेषण कर सकते है क्योकि इनके अंदर क्लोरोप्लास्ट पाया जाता है तथा इनके अंदर कोशिकाओं की दीवार भी होती है इसकी विशेष संरचना होती है जिन्हें ऑर्गेनेल कहा जाता है
पादप कोशिका | जंतु कोशिका |
इनका आकार आम तौर पर निश्चित होता है जो की एक बड़ा आकार है, इसके आकार की सीमा 10मिक्रोमीटर से 100मिक्रोमीटर तक होती है | इनका आकार निर्धारित नही होता है तथा ये आम तौर पर छोटे होते है, इनके आकार की सीमा 10मिक्रोमीटर से 30मिक्रोमीटर तक होती है |
इनका आकार निश्चित तथा शख्त होता है आम तौर पर यह आयताकार या घनाकार के होते है | इनका आकार निश्चित नही होता, आमतौर पर यह गोलाकार के होते है |
इनमें कोशिका की दीवारें मेम्ब्रेन और सेलुलोज़ से मिलके बनती है | इसमें कोशिका की दीवारें नही पाई जाती है |
इसमें प्लाज्मा मेम्ब्रेन शख्त होती है | इसमें प्लाज्मा मेम्ब्रेन लचीली और पतली होती है |
इसमें प्लास्टाइड(plastids) मौजूद होते है | इसमें प्लास्टाइड(plastids) मौजूद नहीं होते है |
इसमें क्लोरोप्लास्ट पाए जाते है | इसमें क्लोरोप्लास्ट नहीं पाए जाते है |
इसमें रिबोसोम पाया जाता है | इसमें रिबोसोम पाया जाता है |
इसमें कोशिका द्रव पाया जाता है | इसमें भी कोशिका द्रव पाया जाता है |
इसमें केन्द्रक एक तरफ होता है | इसमें केन्द्रक बीच में होता है |
इसमें सिलिया मौजूद नही होता है | इसमें सिलिया आमतौर पर मौजूद होता है |
इसमें सेंट्रीओल्स मौजूद नही होता है | इसमें इसमें सेंट्रीओल्स मौजूद होता है |
इसमें माइटोकांड्रिया कम मात्र में मौजूद होती है | ओसमे माइटोकांड्रिया ज्यादा मात्रा में मौजूद होती है |
इसमें ग्लाइऑक्सीसोम्स उपस्थित होता है | इसमें ग्लाइऑक्सीसोम्स उपस्थित नही होता है |
इसमें लाइसोसोम नही होता है | इसमें लाइसोसोम होता है |
इसमें सन्ट्रोसोम भी नही होता | इसमें सन्ट्रोसोम भी होता है |
इसमें रिक्तिकाएं संरचना को आकार देने के लिए होती है तथा ये बड़ी बड़ी मौजूद होती है | इसमें रिक्तिकाएं छोटे आकार की होती है |
यह अपना भोजन खुद बना सकते है | यह अपना भोजन खुद बनाने में सक्षम नही होते |
इसमें पेरोक्सिसोमेस पाए जाते है | इसमें भी पेरोक्सिसोमेस पाए जाते है |
यह स्टार्च के रूप में ऊर्जा एकत्र करते हैं | यह कार्बोहाइड्रेट ग्लाइकोजन को रूप में ऊर्जा एकत्र करते है |
यह सभी तरह के एमिनो एसिड का संश्लेषण करने में सक्षम होता है तथा ये खुदसे प्रोटीन बना सकते है | ये सिर्फ आधे तरह के एमिनो एसिड का संश्लेषण करने में ही सक्षम होता है |
इसमें सभी कोशिकाएं दूसरी कोशिकाओं में परिवर्तित हो सकती है | इसमें सिर्फ स्टेम कोशिका ही अन्य कोशिका में परिवर्तन करने में सक्षम होती है |
इनकी वृद्धी तेज़ी से होती है | इनकी वृद्धि थोड़ी धीमे होती है |
इसमें रिक्तिकाओं के आस पास तोनोप्लास्ट मौजूद होता है | इसमें तोनोप्लास्ट नही होता है |
FAQ,s – koshika ki khoj kisne ki
सवाल : कोशिका किसे कहते है ?
कोशिका सजीवों के जीवन की रचनात्मक और क्रियाशील इकाई को कहते है, हमारा शरीर कोशिका का बना एक ढांचा है |
सवाल : कोशिका की खोज किसने की ?
कोशिका की खोज रोबर्ट हूक ने 1665 में एक मृत कोशिका की खोज की |
सवाल : जीवित कोशिका की खोज किसने की?
जीवित कोशिका की खोज एंटोनिवान ने की|
सवाल : दुनिया की सबसे बड़ी कोशिका कौन सी है?
दुनिया की सबसे बड़ी कोशिका सुतुमुर्ग के अंडे की होती है |
सवाल : कोशिका कितने प्रकार के होते है ?
कोशिका दो प्रकार की होती है
- प्रोकैरियोटिक कोशिका
- यूकैरियोटिक कोशिका
सवाल : कोशिका की खोज कैसे हुई?
जब एक जीव वैज्ञानिकअपने माइक्रोस्कोप के नीचे एक कॉर्क का एक पतला टुकड़ा रखा उन्हें माइक्रोस्कोप में मधुकोश जैसा आकार दिखा जिसे देख कर कर वह हैरान रह गए उन्हें उस कॉर्क का टुकड़ा कमरा कमरा के आकार जैसे डब्बो से मिलके बंटा हुआ दिखाई दिया जिससे कोशिका की खोज की गयी
सवाल : सबसे छोटी कोशिका का नाम क्या है ?
दुनिया की सबसे छोटी कोशिका माइको-प्लाज्मा है|
सवाल : मानव शरीर में कितनी कोशिकाएं होती है ?
मानव शरीर खरबों कोशिकाओं से मिलके बना है |
सवाल : मानव शरीर में सबसे छोटी तथा सबसे बड़ी कोशिका कौन सी है ?
मानव शरीर में सबसे छोटी कोशिका पुरुष का शुक्राणु होता है तथा मानव शरीर में सबसे बड़ी कोशिका महिला के अंडाशय की होती है
सवाल : पादप कोशिका और जंतु कोशिका में क्या अंतर है ?
- पादप कोशिका में कोशिका भित्ती पायी जाती है परन्तु जंतु कोशिका में नहीं पायी जाते
- पादप कोशिका में सेन्ट्रोसोम नही होता है परन्तु जंतु कोशिका में होता है
- पादप कोशिका में रिक्तिकाएँ बड़ी होती है परन्तुं जंतु कोशिका में छोटी होते है
- पादक कोशिका में केन्द्रक किनारे की तरफ होता है परन्तु जंतु कोशिका के बीच में होता है |
सवाल : कोशिका विभाजन क्या होता है ?
कोशिका विभाजन उस प्रक्रिया को कहते है जिसमे एक कोशिका दुसरे कोशिका को जन्म देने में सक्षम हो |
सवाल : कोशिका से मिलके क्या बनता है ?
कोशिका से मिलके ऊतके बनते है ऊतकों से मिलके अंग बनते है तथा अंगों से बनके शरीर का निर्माण होता है इस प्रकार कोशिकाएं हमारे शरीर का निर्माण करती है |
सवाल : सभी अंगों की कोशिकाए एक तरह की होती है ?
सभी अंगों की कोशिकाएं अलग-अलग होती है तथा वह अलग-अलग काम करती है|
Conclusion
इस लेख में आपने कोशिका की खोज किसने की के बारे में जाना आशा करते है | आप koshika ki khoj kisne ki क्या है जैसे महत्वपूर्ण विषय की पूरी जानकारी जान चुके होंगे।
आपको लगता है कि इसे दूसरे के साथ भी Share करना चाहिए तो इसे Social Media पर सबके साथ इसे Share अवश्य करें।
और इस विषय संबंधित कोई भी सवाल आप के मन में होगा तो निचे कमेंट में बताये हम आप के कमेंट का जरूर जवाब देंगे | शुरू से अंत तक इस Article को Read करने के लिए आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया…