वीर्य की कमी के लक्षण, इलाज, दवा – Virya ki kami ke lakshan

वीर्य की कमी के लक्षण : जैसा कि आप जानते हैं कि संपूर्ण मानव जाति की उत्पत्ति के पीछे जो राज छिपा हुआ है वह है वीर्य। जी हां, इसके बिना मानव की उत्पत्ति की कल्पना भी नहीं की जा सकती और ना ही इस पृथ्वी पर मानव की संकल्पना पेश की जा सकती है

आप में से बहुत लोग इसके बारे में बात करने से कतराते हैं या फिर इस बारे में बात करने से शर्माते हैं परंतु जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यह मानव शरीर की एक अमूल्य वस्तु है जो कि मानव शरीर को संपूर्ण रूप से बनाने में मदद करती है और इसमें इतनी शक्ति विद्यमान है जो कि एक संपूर्ण मानव को बना सकती है।

अगर मानव द्वारा इसका सही रूप से इस्तेमाल किया जाए तो इसकी महिमा बहुत ज्यादा है परंतु यदि इसका उपयोग इस की महत्वता को पहचानते हुए ना किया जाए तो यह हमारे किसी काम का नहीं है और इसके द्वारा हम फिर कुछ नहीं कर सकते हैं

तो आज के इस लेख में हम इसी से जुड़ी वे सभी जानकारियां आपके साथ साझा करने वाले हैं जो शायद आप किसी से पूछते समय थोड़ा सा संकित महसूस करते हैं,

परंतु आज के इस लेख को पढ़ने के बाद आपको वीर्य संबंधित संपूर्ण में जानकारियां प्राप्त हो जाएंगी जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है

और खास तौर पर इसे जान ना इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि बहुत सारे लोगों द्वारा इसके विषय में बात नहीं की जाती है और यदि बात भी की जाती है तो इसे केवल हंसी मजाक के तौर पर ले लिया जाता है

 

Virya ki kami ke lakshan
Virya ki kami ke lakshan

 

वीर्य की कमी के लक्षण – Virya ki kami ke lakshan in Hindi

आज के इस लेख में हम देखने वाले हैं कि वीर्य की कमी के लक्षण क्या है और साथ ही इसकी हमारे शरीर में कमी होने पर क्या-क्या प्रभाव दिखाई देते हैं और साथ ही अगर हम इस प्रकार की समस्या से ग्रसित हैं तो हम इसे कैसे ठीक कर सकते हैं

आज हजारों सालों से जिस मानव शरीर को हम देखते आ रहे हैं, उसको बनाने के पीछे एक छोटे से तरल पदार्थ का हाथ है जो कि सोने चांदी से भी अमूल्य माना जा सकता है

और इसकी महता हजारों सालों से हमारे प्राचीन ग्रंथों में और साथ ही आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी की जा रही है

हम अगर प्राचीन काल से देखे तो बहुत सारे धार्मिक ग्रंथों में भी इसके बारे में बताया गया है और साथ ही बहुत सारे ऋषि-मुनियों द्वारा भी इस की महत्वता को सिद्ध किया गया है

हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा प्राचीन काल में ब्रह्मचर्य का पालन करने के पीछे यह कारण होता था कि इस अमूल्य पर्दाथ को मानव शरीर में अच्छे तरीके से जमा किया जा सके और बाद में इसके द्वारा एक अच्छी नस्ल की संतान की उत्पत्ति की जा सके

परंतु आज के समय में हर कोई इसे नष्ट करने में लगा हुआ है और आज सभी केवल इस की महत्वता को भूलते जा रहे हैं जिसके कारण उन्हें वीर्य की कमी के लक्षण भी दिखाई देते हैं

और इसकी वजह से अन्य बीमारियां भी उनके शरीर को जकड़ रही है तो आज के इस लेख में हम किसी के बारे में संपूर्ण रूप से चर्चा करने वाले हैं।

 

वीर्य क्या होता है – Virya kya hota hai

आमतौर पर यदि विज्ञान की भाषा में बात की जाए तो विर्य एक सरल चिपचिपा पदार्थ होता है जो कि मानव शरीर की उत्पत्ति को संभव बनाने में मदद करता है अर्थात की इसी के द्वारा मानव की उत्पत्ति होती है।

आमतौर पर वीर्य के बारे में अन्य प्रकार की जानकारी आप ही जाने को मिलती है जैसे कि इसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जैसे कि प्रोटीन और अमीनो एसिड जो कि हमारे रक्त के द्वारा इसमें प्रवाहित किए जाते हैं

जहां तक इस की एक परिभाषा की बात की जाए तो इसकी कोई निश्चित परिभाषा नहीं दी जा सकती की वास्तविकता में वीर्य क्या है

और आमतौर पर आयुर्वेद की भाषा में देखा जाए तो इसे भी संपूर्ण सृष्टि का सार माना गया है अर्थात कि यदि आज जो भी संपूर्ण सृष्टि चल रही है वह इसी की देन है और इसके बिना इस मानव संसार की कल्पना करना भी व्यर्थ है

इसे अंग्रेजी में सीमन भी कहा जाता है। अलग-अलग प्रकार के ग्रंथों में और अलग-अलग प्रकार की किताबों में इसके बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारियां छानने को मिलती है

परंतु हमें इसके बारे में जो प्रारंभिक जानकारी चांदनी चाहिए वह यह है कि यह मानव शरीर में पाए जाने वाला एक द्रव्य पर्दाथ है जोकि मानव श्रष्टि को संभव बनाता है।

 

मनुष्य में शुक्राणु ( वीर्य ) का निर्माण कैसे होता है – Virya kaise banata hai

हम जानते हैं कि मानव शरीर को अपने शरीर में ऊर्जा बनाने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है और क्योंकि वीर्य भी एक प्रकार की ऊर्जा वाला पर्दाथ है, अतः इसे बनाने के लिए भी भोजन की आवश्यकता ही पड़ती है

परंतु यह सीधे भोजन से बनना संभव नहीं है और इसको बनाने के पीछे बहुत लंबी प्रक्रिया होती है जो कि निम्नलिखित हैं

हमारे शरीर में अच्छा पोस्टिक आहार जाने पर हमारे शरीर में रक्त का निर्माण होता है और उसी रक्त के द्वारा हमारे शरीर में हमारे मांस का निर्माण और हड्डियों की मजबूती होती हहै

रक्त के द्वारा मास बनने के पश्चात हमारे शरीर में मेद का निर्माण होता है और इसी मेद से हड्डी का निर्माण होता है और इसी हड्डी से मज्जा का निर्माण होता है और अंततः इसी मज्ज़ा के द्वारा हमारे वीर्य का निर्माण होता है

इसके निर्माण के बारे में भी लोगों में अलग-अलग प्रकार की भ्रांतियां फैली हुई है जो कि पूर्णता गलत है और व्यवहारिक भी है

इस वीर्य निर्माण में अनेक प्रकार के तत्वों तो का संग्रहण होता है, जैसे कि प्रोटीन तथा सेमिनल वेसिकल्स इत्यादि

इसी कारण से इस पदार्थ को बचाकर रखने की सलाह दी जाती है और इसका उपयोग भी बहुत सोच समझ कर किया जाना चाहिए

 

पुरूषों में वीर्य की कमी के लक्षण – Virya ki kami ke lakshan in hindi

अब आप यह सोच रहे होंगे कि अगर हमारे शरीर में वीर्य की कमी हो गई है तो इसके क्या क्या लक्षण होंगे अर्थात कि वीर्य की कमी के लक्षण हमारे शरीर में किस प्रकार से दिखाई देते हैं और वह क्या क्या लक्षण हैं जिनके द्वारा हमें पता चलता है कि हमारे शरीर में वीर्य की कमी है।

वीय की कमी के लक्षण निम्नलिखित है :

1. बहुत ज्यादा थकावट हो ना। अगर आपके शरीर में वीर्य की कमी हो गई है तो आपको बहुत ज्यादा थकावट महसूस होगी क्योंकि हमारे संपूर्ण शरीर में यह एक ऊर्जा का स्रोत होता है और यदि इसकी कमी हो जाए तो हमारे शरीर में बहुत ज्यादा चुस्ती फुर्ती नहीं रहती है और हम हमेशा थका हुआ महसूस करते हैं

इसके अलावा हमें बहुत ज्यादा थकावट के साथ ही शरीर में बहुत ज्यादा आलस्य रहता है और सदैव मन में चिड़चिड़ापन रहता है

2. रक्त की कमी होना। यह वीर्य की कमी का सबसे प्रमुख लक्षण माना जाता है क्योंकि हमारे शरीर में इसका निर्माण ही रक्त के द्वारा ही होता है और अगर इसका प्रयोग बहुत ज्यादा किया जाता है या फिर इसको बिना सोचे समझे नष्ट किया जाता है तो हमें सबसे पहले रक्त की कमी हो जाएगी।

रक्त की कमी होने से हमारे शरीर में बहुत ज्यादा तंदुरुस्ती नहीं रहेगी और हमें विभिन्न प्रकार की अन्य बीमारियां भी लग सकती है

3. हड्डियों का कमजोर होना। अगर आपको वीर्य की कमी हो गई है तो आप की हड्डियां बहुत ज्यादा कमजोर होने लग जाएगी क्योंकि इसके निर्माण में हड्डियों की भूमिका भी अहम रहती है जैसा कि हम पहले ही जान चुके हैं

इसकी कमी होने पर हमारी हड्डियां कमजोर पड़ने लग जाती है और उनके चटकने की आवाज भी कई बार हमारे द्वारा उठने और बैठने पर आती है।

4. हमारे शिशन का छोटा हो जाना। अगर आपके द्वारा इसको बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है या फिर इसको नष्ट किया जाता है तो आपका सीसन छोटा हो जाएगा और उसमें उत्तेजकता समाप्त हो जाएगी जो कि इसकी कमी का सबसे बड़ा कारण माना जा सकता है

5. आपके शरीर में वीर्य की कमी का पांचवा लक्षण यह हो सकता है कि आपके आंखों के नीचे काले घेरे बनना शुरू हो जाएंगे और साथ ही आपके चेहरे पर जो लालिमा और चमक होती है वह भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है और आप बहुत ज्यादा आलस्य महसूस करते हैं

इस प्रकार यदि आपको यह निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं तो स्पष्ट तौर पर यह आपके शरीर में वीर्य की कमी के लक्षण हो सकते हैं और आप को समय रहते किसी अच्छे डॉक्टर से अपना इलाज शुरू करा लेना चाहिए।

 

वीर्य की कमी से होने वाली शारीरिक समस्या  – Virya kami Hone Nuksan

यह सरल सा दिखने वाला पदार्थ हमारी संपूर्ण मानव शृष्टि का निर्माता है और यदि सूजबूज के साथ इसका इस्तेमाल ना किया जाए तो यह हमें विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं भी दे सकता है जो कि निम्नलिखित हैं

1. हमें वीर्य की कमी होने पर सबसे पहली शारीरिक समस्या यह होती है कि हमारा शरीर बहुत ज्यादा तंदुरुस्त नहीं रहता है अर्थात की शरीर में फुर्तीलापन नहीं रहता है।

हम इसकी कमी होने पर बहुत ज्यादा थकावट महसूस करते हैं और हमारा मन किसी भी काम में नहीं लगता है

2. किसकी कमी से होने वाली दूसरी शारीरिक समस्या यह है कि हमें हर समय आलस्य रहता है और हमें हर समय सोने का मन करता है।

हमारे द्वारा किसी भी काम को समय पर नहीं किया जाता है और हम उसे आने वाले समय पर डालते रहते हैं

3. इसकी कमी होने पर हमारी हड्डियां और मांसपेशियां भी कमजोर होने लग जाती है और हमारा शरीर बहुत ही ज्यादा दुबला पतला दिखना शुरू हो जाता है क्योंकि इसके निर्माण में हड्डियों, मांसपेशियों तथा रक्त की कितनी भूमिका होती है वह तो आप पहले ही जान चुके हैं

4. इसकी कमी होने पर हमारे शरीर में रक्त की कमी भी होने लग जाती है, जिससे कि हमें अन्य बीमारियां भी होनी शुरू हो जाती है

5. इसकी कमी होने पर हमारी आंखों की रोशनी पर भी असर पड़ता है और हमारी आंखें भी कमजोर होने लगती है। साथ ही साथ हमारी आंखों के नीचे काले घेरे बनना शुरू हो जाते हैं जो कि हमें बहुत ही ज्यादा बदसूरत भी दिखाते हैं

6. इसकी कमी होने पर हमारे चेहरे की चमक दमक भी चली जाती है और हमारा चेहरा बहुत ही ज्यादा नीरस दिखाई देता है

 

वीर्य की कमी से होने वाली मानसिक समस्या

आप सोच रहे होंगे कि वीर्य की कमी से हमें केवल शारीरिक समस्याएं ही होती है परंतु इससे हमें कई मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं जो कि निम्नलिखित हैं

1. हमारे द्वारा बहुत ज्यादा वीर्य को नष्ट करने पर हमें हमेशा सर दर्द बना रहता है और हमारे सर में बहुत ज्यादा दर्द रहता है

2. इसकी कमी होने पर हमें कोई भी काम करना अच्छा नहीं लगता है और साथ ही साथ हमें किसी से बात करने मैं भी संकोच होता है

हम सदैव आत्मविश्वास हीन महसूस करते हैं और हमारे द्वारा किसी के सामने कोई प्रकार की बात को खुलकर नहीं कहा जा सकता है

3. इसकी कमी होने पर हमें हमेशा चिड़चिड़ापन बना रहता है और हमें किसी से बात करना भी अच्छा नहीं लगता है

हमारे व्यवहार में भी विभिन्न प्रकार के परिवर्तन आने लगते हैं और जो चीजें हमें पहले अच्छी लगती थी तो वह अब हमें बुरी लगने लग जाती है

4. हमारा पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता है और जो चीजें हमने अपनी जिंदगी के बारे में सोची थी अर्थात हमारा जो लक्ष्य था उसके प्रति हमारा उत्साह नहीं रहता है

हम हमेशा अपने आप को हारा हुआ महसूस करते हैं और ऐसा सोचते हैं कि यह कार्य मुझसे नहीं हो पाएगा

5. इससे जो सबसे बड़ी मानसिक समस्या होती है वह यह है कि कई बार व्यक्ति मानसिक अवसाद का शिकार भी हो जाता है और धीरे धीरे कर ते यह स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ जाती है

 

वीर्य की कमी से बच्चा पैदा करने में समस्या 

अगर हमें हमारे वंश को आगे बढ़ाना है तो हमें इस वीर्य की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है क्योंकि इसी के द्वारा हमें संतान की प्राप्ति होती है

परंतु अगर हमारे शरीर में इसकी कमी हो तो हमें बच्चा पैदा करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जोकि निम्नलिखित हैं

1. अगर हमारा वीर्य बहुत ज्यादा पतला है तो हमारी संतान उतनी हष्ट पुष्ट नहीं होती जितनी होनी चाहिए और साथ ही उसे विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी जकड़ लेती है

2. कई बार हमारी पत्नी को गर्भधारण में भी समस्या आती है क्योंकि हमारा वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या मैं बहुत ज्यादा कमी हो जाती है जिसके कारण अंडाणुओं के साथ मिलकर वह गर्भधारण नहीं कर सकता है

3. इसकी कमी होने से कई बार शरीर में नपुंसकता भी हो सकती हैं और ऐसा कई बार देखने को मिलता है कि कई लोगों को संतान की प्राप्ति भी नहीं हो पाती है

इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि उनके द्वारा इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा मात्रा में किया गया और इसको बहुत ज्यादा मात्रा में नष्ट किया गया।

 

वीर्य को बढ़ाने के उपाय – Virya badhane ke Upay

अभी तक हमारे द्वारा देखा गया कि वीर्य की कमी के लक्षण क्या है और साथ ही इससे हमें किस प्रकार की मानसिक और शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं

अब हम देखने वाले हैं कि ऐसे कौन-कौन से उपाय हैं जिनके द्वारा इसकी कमी को दूर करते हुए इसे वापस से बढ़ाया जा सकता है

1. हस्तमैथुन को कम करके। अगर आपके शरीर में इसकी सबसे ज्यादा कमी है तो इसके पीछे एक ही कारण है और वह है अत्यधिक हस्तमैथुन करना

आप चाहे तो आज ही अपनी इस गंदी लत को छुड़ाकर अपने वीर्य में वर्धि कर सकते हैं और इसे अपने शरीर में एक उच्च स्तर तक ले जा सकते हैं। हर काम को करने का एक निश्चित समय होता है और इसे उसी हिसाब से किया जाना चाहिए जो कि उचित है

2. पौष्टिक आहार लेना। एक अच्छा भोजन भी इसे बढ़ाने का एक माध्यम हो सकता है क्योंकि यह भोजन ही हमारे शरीर में रक्त की मात्रा को बढ़ाता है और इसी रक्त द्वारा कहीं ना कहीं अन्य प्रक्रियाओं से गुजरते हुए इस वीर्य का निर्माण होता है

अतः हमें हमारे भोजन में अच्छे-अच्छे पोस्टिक तत्व को सम्मिलित कर इसका सेवन करना चाहिए ताकि हम इस अमृत रूपी तत्व को बचा सके

3. अत्यधिक संभोग से बचाव। हमें 1 महीने में नियमित रूप से दो या तीन बार ही संभोग करना चाहिए क्योंकि बहुत अधिक मात्रा में बिना किसी मतलब के संभोग करने से भी इसकी आपके शरीर में कमी हो सकती हैं

संभोग को संतानों उत्पत्ति के लिए किया जा सकता है परंतु रोजाना संभोग करने से हमें बचना चाहिए

4. शारीरिक व्यायाम और योग। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इस योग के महत्व को बताया गया है और ऐसे कई आसन में है जिनका प्रयोग करने पर हमारे वीर्य में भी भर्ती होती हैं और हमारे शरीर में हर समय तंदुरुस्ती बनी रहती है

हम चाहे तो सुबह जल्दी उठकर व्यायाम कर और विभिन्न प्रकार के योगासन करके भी इसकी मात्रा में वर्द्धी कर सकते हैं जो कि उचित है।

5. हम अपनी दैनिक दिनचर्या में सुधार करके भी इसकी मात्रा में वृद्धि कर सकते हैं

हम जानते हैं कि यदि हम एक अच्छे माहौल में रहेंगे तो हमें बुरे विचारों से मुक्ति मिलेगी और हम इस को नष्ट करने से भी अपने आप को बचा पाएंगे।

 

वीर्य को बढ़ाने की दवा – Virya badhane ki dawa

आज वीर्य को बढ़ाने के लिए मार्केट में हजारों प्रकार की दवाएं उपलब्ध है, परंतु इन सभी पर आंखें मूंदकर विश्वास नहीं किया जा सकता। इसलिए हमारे द्वारा यहां पर कुछ ऐसी दवा और ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में बताया गया है

जिनका उपयोग करके आप अपनी वीर्य को बढ़ा सकते हैं और अपने शरीर में वीर्य की कमी के लक्षणों को दूर कर सकते हैं


  • SHAKRA VALLABH RAS
  • BANGESHWAR RAS
  • SPEMAN
  • EXTRA POWER CAPAULES
  • GILOY POWEDER

इन सभी दवाओं का उपयोग करके आप अपने शरीर में वीर्य की वृद्धि कर सकते हैं। इसके अलावा भी आपको वीर्य को बढ़ाने की दवा (Tablet) मेडिकल स्टोर्स पर मिल जाएगी परंतु इनको लेने से पहले हमें एक बार एक अच्छे डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए

 

वीर्य की कमजोरी की होम्योपैथिक दवा (Tablet)

आज लोगों द्वारा इस संबंध में आयुर्वेदिक दवाओं को ज्यादा वरीयता दी जाती है परंतु हम आपको बता दें कि होम्योपैथिक दवाएं भी इसके इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

और यदि आपके शरीर में इसकी बहुत ज्यादा कमी हो गई है तो आपको निम्नलिखित दवाई लेनी चाहिए जो की होम्योपैथिक नेचर की है।


  • PULSATILLA NIGRICANS
  • LYCOPODIUM CLAVATUM
  • NATRUM MURAITICUM
  • CALCAREA CARBONICCA
  • ANGUS CASTUS
  • PHOSPORICUM ACIDUM

आप चाहे तो इन सभी होम्योपैथिक दवाओं का प्रयोग करके अपने शरीर में वीर्य की कमी को दूर कर सकते हैं। यह अलग-अलग दवाई इससे जुड़ी अलग-अलग बीमारियों में काम आती है जो कि आप किसी अच्छे डॉक्टर से जान सकते हैं।

 

वीर्य को बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवाई – Virya badhane ki dawa ayurvedic

अगर बात की जाए वीर्य की कमी के लक्षणों की और इसके उपचार की तो जिन दवाइयों पर सबसे ज्यादा भरोसा किया जाता है वह आयुर्वेदिक दवाइयां और आयुर्वेदिक उपचार।

अब हम जाने वाले हैं वह कौन कौन सी आयुर्वेदिक दवाइयां हैं जिनके द्वारा आप अपने शरीर में वीर्य की मात्रा को बढ़ा सकते हैं और उसे गाढ़ा कर सकते हैं

1. आप अश्वगंधा का सेवन करके अपनी स्पर्म काउंट को बढ़ा सकते हैं और साथ ही इससे जुड़ी अन्य बीमारियों को भी यह खत्म करती हैं।

2. आपको विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों के आयुर्वेदिक तेलों द्वारा भी इसका इलाज किया जा सकता है। आप किसी अच्छे से आयुर्वेदिक डॉक्टर से इसकी सलाह ले सकते हैं

3. श्वेत मूसली नामक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी भी आपके स्पर्म काउंट को बढ़ाती है और आपके वीर्य में वृद्धि करती है।

4. आमतौर पर शिलाजीत को संभोग के समय इस्तेमाल किया जाता है परंतु इसका इस्तेमाल हमारे शरीर में वीर्य वृद्धि के लिए भी किया जाता है क्योंकि इसकी तासीर बहुत ज्यादा गर्म होती है

5. आप चाहे तो आयुर्वेदिक उपचार के रूप में शतावरी का सेवन भी कर सकते हैं क्योंकि इसका सेवन करने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है और साथ ही हमारे शरीर को बहुत ज्यादा भूख लगती है। इसके साथ ही हमारे शरीर में स्पर्म काउंट वृद्धि करने में भी इसका एक अहम योगदान है

 

Disclaimer

इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न विशेषज्ञों के अध्ययन और राय के साथ-साथ आम आदमी के स्वास्थ्य पर आधारित है। इस जानकारी को देने का उद्देश्य विषय से परिचित होना है। पाठकों को अपने स्वास्थ्य के आधार पर कोई भी निर्णय लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

Conclusion

इस लेख में आपने वीर्य की कमी के लक्षण है के बारे में जाना आशा करते है | आप Virya ki kami ke lakshan जैसे महत्वपूर्ण विषय की पूरी जानकारी जान चुके होंगे।

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